Asian Paints की फर्जी डीलरशिप के नाम पर 11 लाख की ठगी, बिहार से गिरोह के मास्टरमाइंड समेत तीन इंटरस्टेट साइबर अपराधी गिरफ्तार, क्लोन वेबसाइट बनाकर लगाते थे चूना

वाराणसी। वाराणसी साइबर क्राइम थाना पुलिस ने अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो नामी कंपनियों की फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को ठगता था। यह गिरोह Asian Paints की डीलरशिप दिलाने के नाम पर वाराणसी निवासी सिद्धार्थ सिंह से 11.14 लाख रुपये की ठगी कर चुका था। पुलिस ने इस मामले में तीन शातिर साइबर अपराधियों को बिहार के नालंदा से गिरफ्तार किया है और उनके पास से मोबाइल, लैपटॉप, नकदी और फर्जी दस्तावेज बरामद किए गए हैं।


वाराणसी के सिगरा थाना क्षेत्र स्थित सिद्धगिरी बाग के रहने वाले सिद्धार्थ सिंह ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि कुछ लोगों ने उन्हें Asian Paints की डीलरशिप दिलाने का झांसा देकर 11,14,539 रुपये ठग लिए।

 


शिकायत के अनुसार, ठगों ने Asian Paints Limited के नाम से एक फर्जी कन्फर्मेशन लेटर तैयार कर सिद्धार्थ को भेजा, जिससे वह उनके जाल में फंस गए। जब उन्होंने पूरी रकम ट्रांसफर कर दी, तो आरोपियों ने उनसे संपर्क तोड़ लिया। इसके बाद उन्होंने पुलिस को इस धोखाधड़ी की सूचना दी। साइबर क्राइम थाना पुलिस ने इस मामले में मु.अ.सं.-41/2024 के तहत धारा 417, 420, 465, 468, 471 भा.द.वि. और 66D आईटी एक्ट में केस दर्ज कर जांच शुरू की।


ठगी के मास्टरमाइंड तक पहुंची पुलिस


पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल और डीसीपी क्राइम प्रमोद कुमार के निर्देश पर इस मामले की जांच के लिए दो टीमें बनाई गईं। इन टीमों ने पटना, बिहार शरीफ और नालंदा समेत कई स्थानों पर छापेमारी की। गहन जांच के बाद पुलिस ने तीन आरोपियों को बिहार के नालंदा से गिरफ्तार कर लिया। ये तीनों साइबर अपराधी बेहद शातिर तरीके से ठगी को अंजाम देते थे और देशभर में कई लोगों को निशाना बना चुके थे।


कैसे देते थे ठगी को अंजाम?


पूछताछ में गिरफ्तार अपराधियों ने बताया कि उनका मास्टरमाइंड विश्वास कुमार (26 वर्ष) एक कंप्यूटर साइंस इंजीनियर है। उसे वेब डिजाइनिंग और ऐप डेवलपमेंट की अच्छी जानकारी है। जल्दी पैसा कमाने के लालच में वह साइबर अपराधियों के संपर्क में आया और उनके लिए फर्जी वेबसाइट बनाकर ठगी का गिरोह खड़ा कर दिया।

 


विश्वास कुमार ने Asian Paints, Ultratech Cement, ACC Cement और Amul जैसी कंपनियों की हूबहू नकल वाली वेबसाइटें बनाई थीं। ये ठग अपनी फर्जी वेबसाइटों को प्रमोट करने के लिए गूगल ऐड्स और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करते थे, जिससे ये सर्च रिजल्ट में ऊपर आती थीं और लोग इन्हें असली मान लेते थे।


जो भी व्यक्ति वेबसाइट पर जाकर डीलरशिप के लिए आवेदन करता था, उसकी जानकारी ठगों के पास पहुंच जाती थी। फिर WhatsApp और कॉलिंग के जरिए वे खुद को कंपनी का अधिकारी बताकर संपर्क करते थे। ये ठग रजिस्ट्रेशन फीस, सिक्योरिटी मनी और एडवांस पेमेंट के नाम पर लाखों रुपये वसूलते थे। ये ठग ठगी की रकम को अलग-अलग बैंक खातों और डिजिटल वॉलेट में ट्रांसफर कर लेते थे और फिर आपस में बांट लेते थे।


गिरफ्तार आरोपी और उनकी पहचान


1: विश्वास कुमार (26 वर्ष) – पटना निवासी, कंप्यूटर साइंस इंजीनियर, गिरोह का मास्टरमाइंड।


2: अभिनय कुमार (28 वर्ष) – विश्वास का सहयोगी, वेबसाइट संचालन और होस्टिंग में मदद करता था।


3: सोहन कुमार (26 वर्ष) – गिरोह के बैंक खातों और पैसों के लेन-देन को संभालता था।


पुलिस ने आरोपियों के पास से मोबाइल फोन, लैपटॉप, फर्जी दस्तावेज और 10,240 रुपये नकद बरामद किए हैं।

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