
Border Dispute: अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों में देखा जाता है कि किसी प्रकार की अनहोनी घटना होने पर सीमा विवाद के कारण पुलिस एफआईआर वगैरह दर्ज करने से कतराती है। पुलिस सीमा विवाद में उलझी रह जाती है और पीड़ित को न्याय नहीं मिल पाता है। लिहाजा, पीड़ित व्यक्ति अपनी किस्मत को कोसकर रह जाता है।
ऐसा ही एक इलाका है मुगलसराय-चकिया मार्ग का 50 मीटर का एक क्षेत्र। जी हां यह ऐसा स्थान है, जहां 50 मीटर की दूरी पर दो जनपदों के थानों के बोर्ड लगे हैं और जहां की पुलिस भी इस सीमांकन से अनभिज्ञ है। यह एक ऐसा इलाका है, जहां आपके साथ कोई घटना होने पर आपकी एफआईआर तक नहीं दर्ज हो पाएगी। इस स्थान पर चंदौली और मिर्जापुर जनपद के दो थानों का ऐसा सीमांकन हुआ है, जहां के बारे में दोनों थानों के पुलिस को भी जानकारी नहीं है।
Border Dispute: दोनों थानों की पुलिस को भी नहीं जानकारी
चंदौली और मिर्जापुर के बीच ऐसा सीमांकन (Border Dispute) हुआ है, जिसके बारे दोनों थानों की पुलिस को भी जानकारी नहीं है कि वह जगह कौन से जनपद के कौन से थाने में आती है। मुग़लसराय-चकिया मार्ग स्थित शिवनाथपुर गांव के पास दो थानों के सीमा समाप्ति का बोर्ड लगा हुआ है, जहां बबुरी थाने के बोर्ड से मिर्जापुर जनपद के जमालपुर थाने के बोर्ड की दूरी 50 मीटर है।
अब इन दोनों के बीच की दूरी में यदि कोई घटना घटित होती है, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा, इसके बारे में पुलिस के अधिकारी भी अक्सर शंका की स्थिति में रहते हैं। यह स्थान पूरी तरह से निर्जन है, जिसका फायदा उठाकर लूटेरे अक्सर राहगीरों से लूटपाट करते हैं। चंदौली और मिर्जापुर के बॉर्डर (Border Dispute) पर स्थित इस स्थान पर क्षेत्र के निर्धारण से पहले ऐसी घटनाओं पर दोनों थानों के बीच सीमा को लेकर किचकिच होना अब आम सा हो गया है। जिसका लाभ उठाते हुए लूटेरे अक्सर सक्रिय रहते हैं। इन समस्याओं को देखते हुए दोनों थानों की पुलिस ने अपने-अपने ढंग से पैमाइश करा कर सीमा क्षेत्र पर सीमा समाप्ति का बोर्ड लगा दिया।

मजे की बात यह है कि बबुरी और जमालपुर थाने के थानाध्यक्षों को पता ही नहीं है कि यह इलाका किसके थाना अंतर्गत आता है। अगर किसी प्रकार की घटना होती है तो किस थाने को सूचना दी जाए, इसे लेकर लोग परेशान (Border Dispute) हो जाते हैं। दरअसल, शिवनाथपुर से बबुरी के बीच लगभग ढाई किलोमीटर तक निर्जन रास्ता है।
इस रास्ते पर अब तक दर्जनों वाहनों के पलटने, टकराने, लूट आदि की घटनाएं घटित हो चुकी हैं। इतना ही नहीं, जनपद का सीमा क्षेत्र (Border Dispute) होने के कारण यहां लावारिस शव भी अक्सर मिलते रहते हैं। बावजूद इसके पुलिस सीमा विवाद में ही उलझी रहती है और अपराधी घटना को अंजाम देने के बाद निकल जाते हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी?
सीमा क्षेत्र का निर्धारण किस तरीके से हुआ है, यह संज्ञान में नहीं है। लेकिन यदि उस क्षेत्र में किसी प्रकार की घटना दुर्घटना होती है तो बबुरी थाने पर उसकी प्राथमिकी जरूर दर्ज की जाएगी। भले ही बाद में सीमा क्षेत्र का निर्धारण होने पर केस को ट्रांसफर कर दिया जाए।
- अनिरूद्ध सिंह, सीओ, मुगलसराय।