
वाराणसी। वाराणसी कमिश्नरेट की पुलिस ने IVF सेंटर में गरीब व नाबालिग लड़कियों के कृत्रिम गर्भाधान व एग डोनेशन कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। महिला थाने की पुलिस ने गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। जिसमें दो पुरुष व दो महिलाएं शामिल हैं। ये सभी नाबालिग व आर्थिक रूप से कमजोर लड़कियों को लालच देकर उनका एग नि:संतान दंपतियों को मोटी रकम पर बेचते थे।
डीसीपी काशी जोन आरएस गौतम ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में गिरोह के सदस्य जैतपुरा थाना क्षेत्र के नक्खीघाट के नवापुरा निवासी सीमा देवी, उसका पति आशीष कुमार, भेलूपुर थाना क्षेत्र के खोजवां की रहने वाली अनीता देवी और सोनभद्र के अनपरा के रहने वाले अनमोल जायसवाल, जिसका हाल पता महमूरगंज के तुलसीपुर में है, शामिल हैं। ये सभी मलिन बस्तियों और गरीब घरों की किशोरियों को बहला फुसलाकर IVF सेंटर में उनका एग डोनेशन कराते हैं। इनके गिरोह में IVF सेंटर के कुछ कर्मचारी व डॉक्टर भी शामिल हैं। आरोपियों से पुलिस की पूछताछ में कुछ अन्य लोगों के नाम भी सामने आए हैं, जिनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

डीसीपी काशी जोन आरएस गौतम के मुताबिक, महिला थानाध्यक्ष निकिता सिंह की विवेचना में इस कालेधंधे का सच सामने आया था। जिसमें नाबालिग किशोरियों को पैसों का ललचा देकर पहले उनके फर्जी डॉक्यूमेंट बनवा कर उन्हें जाल में फंसाया जाता था। इसके बाद उन्हें शहर के नामी IVF सेंटर में कृत्रिम गर्भाधान कराने के उदेदेश्य से महिलाओं व नाबालिग लडकियों का एग डोनेट कराकर नि: संतान दंपतियों को मोटी रकम पर बेचा जाता था।
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पुलिस की जांच में जो तथ्य सामने आए, वह चौकाने वाले हैं। पुलिस की जांच से पता चला कि ये सभी सामाजिक व आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं व नाबालिक लड़कियों को धन का प्रलोभन देकर उनका एग धनाढ्य नि:संतान दंपतियों को डोनेट कराते थे। इसके बदले में उनसे मोटी रकम वसूलते थे। IVF सेंटर में इन सभी किशोरियों का कृत्रिम गर्भाधान के नाम पर फर्जी डॉक्यूमेंट बनवाया जाता था। फिर उनका एग डोनेट कराकर उन्हें ऊंची कीमत पर बेचा जाता था।

पुलिस की जांच में सामने आया कि यह एक संगठित गिरोह है जो सामाजिक एवं आर्थिक रुप से कमजोर वर्गो की महिलाओं एवं नाबालिग लडकियों को पैसे का लालच देकर फर्जी दस्तावेज तैयार कराया जाता है। इस गैंग में शामिल अन्य लोगों की पुलिस तलाश कर रही है।
IVF: पहले पहनाया मंगलसूत्र, भरी मांग, फिर कराया एग डोनेशन
महिला थानाध्यक्ष निकिता सिंह ने बताया कि 17 वर्षीय किशोरी को 30 हजार रुपए का लालच देकर सीमा और उसके पति आशीष ने एग डोनेशन के लिए तैयार किया था। सोनभद्र के रहने वाले अनमोल जायसवाल ने किशोरी का फर्जी तरीके से आधार कार्ड बनाया और उसकी उम्र बढ़ा दी। इसके बाद सीमा और आशीष ने किशोरी को सिंदूर, मंगलसूत्र पहनाया, फिर IVF सेंटर ले गए, ताकि किसी को शक न हो।
30 हजार रुपए में किशोरी को मिले सिर्फ 11 हजार
जैतपुरा क्षेत्र की रहने वाली महिला ने 29 अक्टूबर को महिला थाना में मुकदमा दर्ज कराया। जिसमें उसने आरोप लगाया कि मोहल्ले की सीमा ने उसकी बेटी का एग डोनेशन कराकर ऊंचे दाम पर बेचा। अस्पताल की ओर से बेटी को 30 हजार रुपए देने का वादा किया गया था। लेकिन सीमा ने 30 हजार में सिर्फ 11 हजार पांच सौ रुपए मोबाइल खरीदने के लिए बेटी को दिए। शेष पैसा कमिशन के तौर पर खा गई।
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