कानपुर। आमतौर पर साइबर ठग लोगों को जाल में फंसाकर उनसे पैसे ऐंठते हैं, लेकिन कानपुर के एक युवक ने ठग को ही मात दे दी। बर्रा निवासी भूपेंद्र सिंह ने एक साइबर ठग को उसकी ही चाल में फंसाकर 10 हजार रुपए वसूल लिए। ठग, जिसने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया था, अब गिड़गिड़ाकर अपने पैसे वापस मांग रहा है।
फर्जी सीबीआई अफसर बना ठग, भेजे मॉर्फ फोटो और वीडियो
6 मार्च को भूपेंद्र के पास एक अनजान नंबर से कॉल आई। कॉलर ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया और धमकी दी कि उसके पास भूपेंद्र के अश्लील वीडियो और फोटो हैं। उसने कुछ मॉर्फ किए हुए 32 वीडियो और 48 फोटो भी वॉट्सऐप पर भेजे और कहा कि एक लड़की ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।
कॉलर ने आगे कहा कि पुलिस और सीबीआई टीम जल्द ही उनके घर पहुंचेगी। अगर वह इस मामले से बचना चाहते हैं तो 16 हजार रुपए देने होंगे। लेकिन भूपेंद्र को समझ आ गया कि यह एक साइबर ठगी का मामला है। उसने ठग को उसी के जाल में फंसाने की योजना बना ली।
युवक ने ठग से मांगी मदद, कहानी में फंसाकर पैसे ट्रांसफर कराए
भूपेंद्र ने ठग से कहा, "अंकल, प्लीज मम्मी को मत बताइएगा, नहीं तो बहुत समस्या हो जाएगी।" असल में, उनकी मां का पहले ही निधन हो चुका था, लेकिन उन्होंने इसे ठग को नहीं बताया।
इसके बाद भूपेंद्र ने ठग को बताया कि वह एक स्टूडेंट है और उसके पास पैसे नहीं हैं। उसने एक नई कहानी गढ़ी—कुछ दिन पहले उसने घर से अपनी मां की एक सोने की चेन चुराई थी, जिसे उसने अपने दोस्त के पिता (जो सुनार हैं) को बेचने के लिए दी थी। चेन 40 हजार रुपए में बिकेगी, जिससे वह रकम चुका देगा।
पहला झांसा: 3,000 रुपए ट्रांसफर कराए
8 मार्च को भूपेंद्र ने ठग से कहा कि सुनार चेन के बदले पहले 3,000 रुपए एडवांस मांग रहा है, और वह एक छात्र होने के कारण इतनी रकम नहीं जुटा सकता। उसने ठग से मदद की गुहार लगाई और ठग ने बिना सोचे-समझे उसे 3,000 रुपए ट्रांसफर कर दिए।
इसके बाद भूपेंद्र ने और चालाकी दिखाई। उसने ठग से 500 रुपए और मंगवाए और एक नकली चेन की तस्वीर भी भेज दी ताकि उसकी कहानी विश्वसनीय लगे।
दूसरा झांसा: 4,480 रुपए और ठगे
9 मार्च को ठग ने फिर कॉल किया और पैसों की मांग की। इस बार भूपेंद्र ने नई कहानी गढ़ी। उसने कहा कि सुनार ने चेन रख ली है और कह रहा है कि वह नाबालिग है, इसलिए उसके माता-पिता को बुलाए बिना पैसे नहीं देगा।
भूपेंद्र ने ठग को अपने "पिता" से सुनार की बात कराने को कहा। असल में, यह उसका दोस्त था जिसने सुनार बनकर ठग से बातचीत की। इस बातचीत के बाद ठग और गुमराह हो गया और उसने 4,480 रुपए और ट्रांसफर कर दिए।
तीसरा झांसा: गोल्ड लोन की स्कीम में ठगा
10 मार्च को भूपेंद्र ने ठग को और बड़ी स्कीम में उलझा दिया। उसने कहा कि वह एक गोल्ड लोन कंपनी में गया है, जहां उसकी चेन पर 1.10 लाख रुपए का लोन मिल सकता है, लेकिन प्रोसेसिंग फीस के लिए 3,000 रुपए देने होंगे। इस पर ठग ने तुरंत 3,000 रुपए और भेज दिए। इस तरह से भूपेंद्र ने कुल 10,000 रुपए साइबर ठग से ठग लिए।
ठग अब गिड़गिड़ा रहा है: "तुमने मेरा ही गला काट दिया!"
जब ठग को एहसास हुआ कि वह खुद ही ठगी का शिकार हो गया है, तो उसने भूपेंद्र से गिड़गिड़ाकर पैसे वापस करने की मांग की। उसने कहा, "तुमने मेरा ही गला काट दिया, मैंने तुम्हें बहुत बड़ी रकम दे दी है। अधिकारी मुझे हड़काता है, कृपया मेरे पैसे लौटा दो।"
लेकिन अब भूपेंद्र के हाथ में ठग की सारी कॉल रिकॉर्डिंग और ट्रांजैक्शन डिटेल थी। उन्होंने साइबर सेल में इसकी शिकायत दर्ज कराई, ताकि पुलिस ठग तक पहुंच सके।