
वाराणसी। भोजपुरी एक्ट्रेस आकांक्षा दुबे की संदिग्ध हालात में मौत (Samar Singh Arrested) के मामले में आरोपी समर सिंह को शनिवार को कोर्ट में पेश किया गया। रिमांड मजिस्ट्रेट कृति सिंह की अदालत ने समर को 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने का आदेश दिया।
कोर्ट में पेशी के बाद जैसे ही समर सिंह को पुलिस कोर्ट से बाहर लेकर निकली, आकांक्षा के समर्थकों ने समर पर हमला कर दिया। हालांकि, पुलिस की सूझबुझ से समर सिंह हमले से बचे रहे। आकांक्षा के समर्थकों के उपद्रवी व्यवहार को देखते हुए किसी तरह पुलिस बीच बचाव कर समर को जेल ले गई।
ट्रांजिट रिमांड पर लाया गया था वाराणसी
गौरतलब है कि महीने का दूसरा शनिवार होने के कारण कचहरी बंद थी। इसलिए समर को रिमांड मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करने के अलावा पुलिस के पास और कोई विकल्प नहीं था। गाज़ियाबाद से वाराणसी पहुंचने के बाद समर सिंह को पुलिस लाइन में रखा गया था। अपर पुलिस आयुक्त संतोष सिंह ने मीडिया को पहले ही बता दिया था कि समर को ट्रांजिट रिमांड पर लाया गया है।

अभी वह न्यायिक अभिरक्षा में है, इसलिए मीडिया से उसकी बात नही कराई जा सकती और न ही जांच के किसी पहलू को सार्वजनिक किया जा सकता है। कोर्ट में पेशी के दौरान आकांक्षा दुबे की मां मधु दुबे के वकील शशांक शेखर त्रिपाठी और उनके सहयोगी कोर्ट में मौजूद रहे।
एसीपी कैंट अतुल अंजान त्रिपाठी ने बताया कि पुलिस ने समर सिंह को कोर्ट में पेश किया है, जहां कोर्ट ने उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा है। एसीपी ने किसी भी तरह के मारपीट अथवा हमले से इंकार किया।

अधिवक्ताओं में आक्रोश
आकांक्षा की मां मधु दुबे के वकील शशांक शेखर त्रिपाठी ने कहा कि एक लड़की की हत्या करने के बाद जिस तरह से ड्रामा रचा गया है, उससे अधिवक्ताओं में आक्रोश है। हमारी दो एप्लीकेशन पहले से पेंडिंग है, हमारी मांग है कि हमारी एप्लीकेशन के साथ ही समर की बेल को कंसर्न कोर्ट तय करे। कचहरी परिसर में बवाल के बाबत पूछने पर वकील शशांक ने कहा कि हमारे ओर से कोई भी हमला या आक्रमण नहीं हुआ। जिन्होंने हमला किया, वे बाहरी लोग थे।
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आरोप लगाना आसान, साबित करना मुश्किल
वहीं समर सिंह के वकील आशीष सिंह ने कहा कि आरोप लगाना आसान है, साबित करना मुश्किल। हमारा क्लाइंट निर्दोष है। हमने उनके लिए बेल की अर्जी दाखिल की है। धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप) में मुकदमा दर्ज किया गया है। उनके पास कोई सबूत नहीं है। अब आगे का फैसला कोर्ट के हवाले है। यदि हमारे क्लाइंट को यहां से जमानत न मिली, तो हम आगे की कोर्ट में जाएंगे।
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