
काशी विश्वनाथ (वाराणसी), महाकाल लोक (उज्जैन) के बाद अब भगवान श्री कृष्ण की कर्मभूमि द्वारका (गुजरात) में देवभूमि कॉरिडोर (Devbhoomi Corridor) बनाने की तैयारी चल रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्र सर्कार इसे पश्चिम भारत का सबसे बड़ा आध्यात्मिक केंद्र बनाने जा रही है। गुजरात के इस सबसे बड़े धार्मिक प्रोजेक्ट से न सिर्फ द्वारका की सूरत बदलेगी, बल्कि शिवराजपुर समुद्री इलाके को भी डेवलप किया जाएगा।
इसी के साथ ही द्वारका-पोरबंदर-सोमनाथ लिंक प्रोजेक्ट भी शुरू होने की उम्मीद है। इतिहासकारों के अनुसार, पोरबंदर भगवान श्री कृष्ण के परम मित्र सुदामा की जन्मस्थली है। वहीं सोमनाथ के पास भगवान श्री कृष्ण ने देह त्याग किया था। द्वारका से 13 किमी दूर शिवराजपुर बीच व 23 किमी दूर ओखा बीच की सूरत बदलने का प्लान है। इस पूरे प्रोजेक्ट का काम जन्माष्टमी (6-7 सितम्बर 2023) से शुरू होने की उम्मीद है। जन्माष्टमी के पवन पर्व पर केंद्र सरकार देशवासियों को द्वारका देवभूमि कॉरिडोर (Devbhoomi Corridor) की सौगात दे सकती है।

सिग्नेचर ब्रिज से जुड़ेंगे भगवान के सभी मंदिर
द्वारका में महाकाल लोक की तर्ज पर कॉरिडोर के प्रोजेक्ट में द्वारकाधीश मंदिर से लेकर बेट द्वारका और ज्योतिर्लिंग नागेश्वर तक सभी मंदिरों को जोड़ा जाएगा। इनमें द्वारकाधीश मंदिर, रुक्मिणी-बलराम मंदिर, सांवलिया जी मंदिर, गोवर्धननाथ मंदिर, महाप्रभु बैठक, वासुदेव, हनुमान मंदिर से लेकर नारायण मंदिर तक शामिल हैं।
इस प्रोजेक्ट में ओखा से बेट द्वारका द्वारका को जोड़ने वाला सिग्नेचर ब्रिज तैयार हो रहा है। 2320 मीटर लंबे इस फोर लेन ब्रिज को देश का सबसे लंबा केबल स्टे ब्रिज कहा जाता है। इस ब्रिज को बनाने में प्रस्तावित खर्च 870 करोड़ रुपए है।
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गोपियों के इतिहास को निखारने का कार्य
लक्ष्मीनारायण मंदिर के आंगन में एक ऐतिहासिक पेड़ है। माना जाता है कि इस पेड़ के नीचे ऋषि दुर्वासा ने तपस्या की थी। पर्यटकों के लिए इस पेड़ को भी आकर्षण का केंद्र बनाने की योजना है। इस दौरान गोपी तालाब का भी सुन्दरीकरण होगा। यही वह दिव्य स्थान है, जहां महाभारत का युद्ध समाप्त होने के बाद सभी गोपियां समा गई थीं। इसी तालाब की मिट्टी को गोपी चंदन भी कहा जाता है।

पहले फेज पर खर्च होंगे 138 करोड़ रुपए
बेट द्वारका आईलैंड को विश्वस्तर का बनाने की तैयारी है। जिसमें पहले फेज पर 138 करोड़ रु० खर्च होंगे। यहां इको टूरिज्म, वाटर स्पोर्ट्स, मरीन इंटरप्रिटेशन सेंटर, लेक फ्रंट, डॉल्फिन व्यूइंग गैलरी समेत कई प्रोजेक्ट शुरू होंगे। डूबी द्वारका नगरी देखने के लिए विशेष गैलरी बनेगी।
द्वारकाधीश की बनेगी सबसे ऊँची मूर्ति
इस प्रोजेक्ट (Devbhoomi Corridor) में द्वारकाधीश के रूप वाली 108 फूट की मूर्ति बनेगी। इसे भगवान कृष्ण की अब तक की सबसे ऊँची मूर्ति बताई जा रही है। यह मूर्ति गोमती नदी के किनारे पंचकुई क्षेत्र में बनेगी। जन्माष्टमी पर इसके लिए भूमि पूजन होगा। मूर्ति पर द्वारका का इतिहास, संस्कृति और धार्मिक महत्त्व बताने के लिए साउंड एंड लाइट शो होगा।
वहीं शिवराजपुर बीच को देश के सर्वश्रेष्ठ समुदी बीच के रूप में पहचाना जाता है। इसे ब्लू फ्लैग सम्मान भी मिल चुका है। पर्यटकों को लुभाने के लिए यहां बड़े पैमाने पर काम हो रहे हैं। वाटर स्पोर्ट्स के साथ-साथ टेंट सिटी बनाई जा रही है। अराइवल प्लाजा, साइकल ट्रैक, इवेंट ग्राउंड, एम्फिथिएटर, फोर्ट रिस्टोरेशन, लाइफ गार्ड टावर, चिल्ड्रन प्ले एरिया सहित 55 तरह के काम शुरू हो चुके हैं।