बनारस को जल्द मिलेगी ‘संगीत पाथवे’ की अनोखी सौगात, 90 फीसदी काम पूरे, मंत्री रविंद्र जायसवाल बोले – संस्कृति से जुड़ेंगे युवा 

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बनारस के सांस्कृतिक स्वरूप को एक नई पहचान देने की दिशा में एक और कदम उठाया गया है। फुलवरिया तिराहा से लेकर शिवपुर स्थित सेंटर जेल की दीवार के पैरेलल लगभग डेढ़ किलोमीटर लंबे क्षेत्र में "संगीत पाथवे" का निर्माण अंतिम चरण में है। यह पाथवे 15 फीट चौड़ा है और इसका लगभग 90 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है।

 


"संगीत पाथवे" की सबसे खास बात यह है कि यहां बनारस घराने के शास्त्रीय संगीत को लगातार बजाया जाएगा, जिससे यहां से गुजरने वाले लोगों को एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अनुभूति होती रहेगी। यह पाथवे न केवल संगीत प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा, बल्कि बनारस की सांस्कृतिक पहचान को भी मजबूती देगा।


शनिवार को उत्तर प्रदेश के स्टांप एवं न्यायालय पंजीयन शुल्क राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल ने विकास प्राधिकरण के वीसी पुलकित गर्ग और कार्यदायी संस्था के अभियंताओं के साथ इस पाथवे का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मंत्री जायसवाल ने खुद उपकरणों और वाद्य यंत्रों को बजाकर उनकी गुणवत्ता और ध्वनि की जांच की।


निरीक्षण के दौरान मंत्री ने संबंधित अभियंताओं को निर्देश दिया कि शेष 10 फीसदी कार्य को युद्धस्तर पर पूर्ण किया जाए, ताकि इसे शीघ्र आम जनता के लिए खोला जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि कार्य की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होना चाहिए।

 


इस पाथवे की दीवारों पर बनारस घराने के प्रसिद्ध संगीतज्ञों के चित्र उकेरे गए हैं, जिनके साथ उनके जीवन परिचय और योगदान का विवरण भी अंकित किया गया है। यह पहल बनारस के युवाओं को अपने समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने का काम करेगी।

 


मंत्री जायसवाल ने बताया कि यह पाथवे केवल एक सड़क नहीं बल्कि बनारस की आत्मा से जुड़ा एक सांस्कृतिक गलियारा होगा, जो आने वाले वर्षों में देश-विदेश के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनेगा। उन्होंने कहा कि यह परियोजना प्रधानमंत्री मोदी के "सांस्कृतिक पुनर्जागरण" के संकल्प को साकार करने का एक सुंदर प्रयास है।

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