
Ayodhya News: अयोध्या में सरयू एक्सप्रेस में खून से लथपथ मिली महिला कांस्टेबल मामले में नया मोड़ आया है। लखनऊ के ट्रामा सेंटर में भर्ती महिला कांस्टेबल ने होश में आने के बाद अफसरों को बयान दिया है। उसने बताया कि 2 अभियुक्तों ने उसके साथ वारदात को अंजाम दिया था। जिसके बाद एक्टिव हुई STF और पुलिस आरोपियों की गिरफ़्तारी के लिए विभिन्न जिलों में दबिश दे रही है।
29 अगस्त को सरयू एक्सप्रेस में हुए इस प्राणघातक हमले के आरोपियों पर एक लाख रुपए का ईनाम रखा गया है। वहीं अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए यूपी एसटीएफ को लगाया गया है। वाराणसी एसटीएफ के एडिशनल एसपी विनोद कुमार सिंह ने बताया कि इस मामले में कैंट जीआरपी अयोध्या में मुकदमा दर्ज कराया गया है। अभियुक्तों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ को लगाया गया है। विनोद कुमार सिंह ने बताया कि अभियुक्तों की जानकारी देने वालों का नाम और पता गोपनीय रखा जायेगा।
गौरतलब है कि 29 अगस्त 2023 को अयोध्या (Ayodhya News) के मनकापुर स्टेशन से ट्रेन चलने के 10 से 15 मिनट बाद महिला कांस्टेबल पर अज्ञात लोगों ने हमला किया था। ट्रेन रुकने पर महिला बोगी में सीट के नीचे खून से लथपथ अवस्था में मिली थी। उसके कपड़े अस्त व्यस्त थे। सीट के नीचे खून पड़ा था। चेहरे से खून रिस रहा था। आनन-फानन में उसे रेलवे पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया था।
घटना के 6 दिनों बाद डॉक्टर्स ने उसे बचा तो लिया, लेकिन महिला कांस्टेबल अभी ज्यादा कुछ बोल पाने में असमर्थ है। हालांकि उसने अफसरों को बताया कि 2 लोगों ने उसपर हमला किया था। मगर सिर में चोट लगने के कारण महिला कांस्टेबल पूरी घटना नहीं बता रही है।
वहीं इस मामले (Ayodhya News) की जांच में लगी STF की तीन टीमें मोबाइल टावर डाटा से संदिग्ध नंबरों की छानबीन कर रही हैं। घटनास्थल वाली जगह यानी रेलवे ट्रैक के आसपास वारदात के वक़्त सक्रिय नंबरों को खंगाला जा रहा है। गौरतलब है कि वारदात के 17 दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं। महिला कॉन्स्टेबल के ऊपर जानलेवा हमला क्यों और किसने किया? अभी तक पुलिस इसका पता नहीं लगा पाई है।
Ayodhya News: रात में लगी अदालत, हाईकोर्ट ने रेलवे अधिकारियों और सरकार को किया तलब
बता दें कि 29 अगस्त की सुबह 4:00 बजे सरयू एक्सप्रेस (Ayodhya News) की जनरल बोगी में सीट के नीचे प्रयागराज की 43 वर्षीय महिला हेड कॉन्स्टेबल सुमित्रा पटेल खून से लथपथ पड़ी मिली। जीआरपी के जवान मौके पर पहुंचे तो कॉन्स्टेबल को लखनऊ केजीएमसी में भर्ती कराया। हफ्ते भर तक वो बोलने की स्थिति में नहीं थी। उसके सिर, कई हिस्सों में गंभीर चोट के निशान थे। देख लग रहा था कि उसपर धारदार हथियार से हमला किया गया।
इस मामले का इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया और चीफ जस्टिस ने रविवार की रात में सुनवाई की। सरकार और रेलवे को नोटिस जारी किया गया और जांच रिपोर्ट मांगी गई। इस केस में कोर्ट बराबर नजर रख रहा है।
To get more updates join our Whatsapp Group