
Azam Khan: समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आज़म के दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने आजम खां, उनके बेटे अब्दुल्ला और आज़म की पत्नी तंजीम फातमा को सात वर्ष की सजा सुनाई है। जिसके बाद तीनों को सीधे जेल भेजने की तैयारी चल रही है।
रामपुर एमपी/एमएलए सेशन कोर्ट ने बुधवार को अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद तीनों को दोषी पाया और सात वर्ष की सजा सुनाई। आज़म (Azam Khan) और उनके परिवार पर 2017 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान अब्दुल्ला के ओर से गलत जन्मतिथि बताने का आरोप था। उस समय उनके निकटतम प्रतिद्वंदी रहे नवाब काजिम अली खां ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
BJP विधायक ने Azam Khan का खिलाफ दर्ज कराया था मुकदमा
जानकारी के मुताबिक, लघु उद्योग प्रकोष्ठ के त्तकालीन क्षेत्रीय संयोजक एवं भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने वर्ष 2019 में गंज थाने में सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान (Azam Khan) के बेटे व पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम के खिलाफ दो जन्म प्रमाण पत्र होने का मामला दर्ज कराया था। इस मामले में आजम खां (Azam Khan) और उनकी पत्नी डॉ० तंजीम फातमा को भी आरोपी बनाया गया था।
तीनों चल रहे है जमानत पर बाहर
पुलिस ने विवेचना के बाद इस मामले में चार्जशीट दाखिल किया था। जिसके बाद तीनों लोग फ़िलहाल जमानत पर चल रहे थे। यह केस रामपुर एमपी/एमएलए मजिस्ट्रेट ट्रायल कोर्ट में चल रहा था। इस मुकदमे में 11 अक्टूबर को आज़म के अधिवक्ताओं को बहस करनी थी, लेकिन उनके ओर से कोर्ट में स्थगन का प्रार्थना पत्र दिया गया था। जिस पर (Azam Khan Case) सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अब्दुल्ला को 16 अक्टूबर तक लिखित बहस दाखिल करने का आदेश दिया था।
कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ जिला जज की कोर्ट में रिविजन याचिका दायर की गयी थी। जिसे एमपी/एमएलए कोर्ट ने सुनवाई के दौरान ख़ारिज कर दिया। मंगलवार को कोर्ट में अधिवक्ताओं के लिखित बहस दाखिल करने के बाद दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी हुई। जिसके बाद कोर्ट ने बुधवार को अपना फैसला सुनाया।
30 गवाहों की गवाही के बाद कोर्ट ने सुनाया फैसला
सपा के पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में कोर्ट 30 गवाहों और उपलब्ध दस्तावेजी सबूतों के आधार पर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। दोनों पक्षों के ओर से सुनवाई के दौरान 15-15 गवाह कोर्ट के समक्ष पेश किए गए। पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र का मामला वर्ष 2019 में सामने आया था। उस समय भाजपा लघु प्रकोष्ठ के क्षेत्रीय संयोजक व मौजूदा समय में शहर विधायक आकाश सक्सेना ने गंज थाने में इसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।

जिसमें आकाश सक्सेना ने आरोप लगाया था कि अब्दुल्ला ने अपने दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाए हैं। जिनमें एक रामपुर नगर पालिका परिषद से, जबकि दूसरा प्रमाण पत्र नगर निगम लखनऊ से बनवाया था। आरोप था कि अब्दुल्ला आज़म ने उसका प्रयोग विधानसभा चुनाव के दौरान किया। पुलिस ने इस मामले (Azam Khan Case) में विवेचना कर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी।
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कोर्ट में अभियोजन पक्ष के ओर से मुकदमे के वादी विधायक आकाश सक्सेना समेत 15 गवाहों के बयान दर्ज हुए। जबकि बचाव पक्ष के ओर से भी आरोपियों समेत 15 लोगों के बयान दर्ज हुए। इसके अलावा अभियोजन की ओर से विधि व्यवस्थाओं के साथ ही हाईकोर्ट द्वारा पूर्व में पारित निर्णय का भी हवाला दिया गया है। इन 30 गवाहों और दस्तावेजी साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया।