
BHU IIT Protest: वाराणसी के आईआईटी बीएचयू परिसर में छात्रा से अश्लीलता से नाराज छात्र-छात्राएं सड़क पर उतर आए। पढ़ाई वगैरह सब कुछ बंद करके सुबह से शुरू हुआ प्रदर्शन देर रात तक चला। इस दौरान हजारों छात्र-छात्राओं ने प्रदर्शन किया।
छात्रों से बात कर उनका प्रदर्शन रुकवाने पहुंचे निदेशक प्रो० पीके जैन समेत कई शिक्षकों को जिमखाना क्लब मैदान में बंधक बना लिया गया। स्टूडेंट्स ने मैदान के बाहर निकलने का मुख्य गेट बंद कर दिया। इस बीच पुलिस मूक दर्शक बनी रही। छात्र सुरक्षा और व्यवस्था पर लिखित आश्वासन की मांग पर अड़े थे।
बताया जा रहा है कि आईआईटी बीएचयू के इतिहास में इतना बड़ा प्रदर्शन नहीं हुआ था। यह पहला मौका है जब एक हजार से ज्यादा छात्र सड़क पर उतर आए। आईआईटी परिसर में कर्मनवीर बाबा मंदिर के पास बुधवार आधी रात करीब 1:30 बजे छात्रा से अश्लीलता से छात्र-छात्राओं में अत्यधिक रोष है। हालांकि कुछ शर्तों पर देर रात प्रदर्शन शांत हुआ। छात्रा से छेड़खानी मामले में पुलिस ने तीन अज्ञात के खिलाफ लंका थाने में मुकदमा भी दर्ज हुआ है।
घटना की जानकारी होने के बाद आईआईटी स्टूडेंट पार्लियामेंट ने रात में ही एक सर्कुलर जारी कर बृहस्पतिवार सुबह विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया। सुबह 10 बजे बजते ही छात्र- छात्राओं ने शोध और शिक्षण कार्य का बहिष्कार कर दिया। इस दौरान बड़ी संख्या में छात्र राजपूताना हॉस्टल के निदेशक कार्यालय के बाहर चौराहे पर जुट गए और नारेबाजी करने लगे।
स्टूडेंट्स अपने हाथों में असुरक्षित आईआईटी परिसर का स्लोगन लिखा तख्ती लेकर मामले में कड़ी – कार्रवाई की मांग करने लगे। उन्होंने मांग किया कि परिसर में प्रवेश करने संबंधी जगहों पर बैरिकेडिंग लगवाए जाएं। सीसी कैमरे लगवाने के साथ ही घटना को अंजाम देने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।
BHU IIT Protest: पुलिस-प्रशासन गो बैक
दोपहर करीब दो बजे उठकर छात्र निदेशक से मिलने उनके कार्यालय गए। जब निदेशक नहीं मिले तो कार्यालय के बाहर सड़क पर बैठ गए और कार्रवाई की मांग करने लगे। यहां भी छात्रों ने आईआईटी प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी (BHU IIT Protest) की और कार्रवाई न होने का विरोध जताया। बृहस्पतिवार की देर शाम जिमखाना मैदान पहुंचकर प्रदर्शन करने लगे। इसकी सूचना पर निदेशक सहित तमाम शिक्षक पहुंच गए।
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इतना ही नहीं, स्टूडेंट्स ने पुलिस की बात को भी अनदेखा किया। जबकि पुलिस ने सुरक्षा संबंधी मांगों पर नियमानुसार जल्द कार्रवाई का भरोसा दिलाया, लेकिन छात्र नहीं माने। एसीपी भेलूपुर प्रवीण सिंह को भी वापस जाने को कहा। एसीपी ने उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं बनी। उनके सामने ही पुलिस-प्रशासन गो बैक गो बैक के नारे (BHU IIT Protest) लगाए गए। यह देख एसीपी भी हट गए।
कैंपस में बैरिकेडिंग, बढ़ाएं कैमरा
निदेशक कार्यालय पर धरने (BHU IIT Protest) पर बैठे छात्रों ने कैंपस में प्रवेश वाली जगहों पर बैरिकेडिंग करने और बाहरी लोगों का प्रवेश पर प्रतिबंधित करने की मांग रखी। साथ ही यह भी कहा कि एकल प्रवेश और निकासी की व्यवस्था होनी चाहिए। छात्रों ने कैंपस के भीतर केंद्रीयकृत सीसी कैमरा सिस्टम लगवाने की मांग की है। सीसी कैमरों की संख्या के साथ ही इससे जुड़े। संसाधन भी बढ़वाने की मांग रखी थी।
बंद कर दिया गया इंटरनेट, बातचीत पर भी रोक
छात्रा के साथ घटना (BHU IIT Protest) के बाद छात्रों के विरोध को देखते हुए आईआईटी परिसर में इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई। आईआईटी बीएचयू प्रशासन का उद्देश्य यह था कि प्रदर्शन को ज्यादा विस्तार न मिल सके। विरोध प्रदर्शन का फोटो वीडियो भी सोशल मीडिया पर न डाला सके। इसकी जानकारी छात्रों को तब हुई, जब वह इंटरनेट का प्रयोग करने का प्रयास कर रहे थे। खुद छात्रों ने ही धरना स्थल पर इंटरनेट सेवा बंद करने की जानकारी दी।
मामला छात्रा का था, इसलिए आईआईटी प्रशासन ने धरने पर बैठे छात्रों को मैसेज भेजकर किसी से इस मुद्दे पर बातचीत करने से मना कर दिया। मीडिया कर्मियों से बात करने पर भी रोक लगा दी। लिहाजा, छात्र मामले में कुछ भी कहने से बचते नजर आए।

प्रदर्शन (BHU IIT Protest) के दौरान बीएचयू आईआईटी परिसर का हाल यह था कि न किसी को क्लास करने की जल्दी थी ना लाइब्रेरी जाने की… हॉस्टल कैंपस में सन्नाटा था। मेस में भी इक्का दुक्का ही स्टूडेंट्स पहुंचे। हर डिपार्टमेंट की क्लास खाली थी। लग रहा था जैसे आज कोई अवकाश हो। हालांकि अवकाश के समय में भी इक्का दुक्का स्टूडेंट्स नजर आते ही हैं। लेकिन आज तो जैसे सन्नाटा पसरा हुआ था।
न स्टूडेंट्स क्लास करने आए, न ही प्रोफेसर उन्हें पढ़ाने। रोजाना जिन लैब में घंटों स्टूडेंट्स शोध कार्य में लगे रहे थे, वहां भी खामोशी पसरी थी। बुधवार रात आईआईटी बीएचयू कैंपस में हुई घटना के बाद से सभी गर्ल्स हॉस्टल में शुरू हुईं। गहमागहमी ने सुबह तक आक्रोश का रूप ले लिया था। सुबह दस बजे तक आईआईटी बीएचयू के हजारों छात्र-छात्राएं सड़क पर थे।
स्टूडेंट्स के 11 घंटे चले आंदोलन (BHU IIT Protest) के बाद आईआईटी बीएचयू प्रशासन ने परिसर की सुरक्षा व्यवस्था को चाक चौबंद करने का निर्णय लिया। अब आईआईटी परिसर के चारों ओर बाउंड्रीवाल बनाई जाएगी। साथ ही जगह-जगह बैरिकेडिंग लगवाने के साथ ही ग्रीन जोन बनवाया जाएगा।
एक दरोगा सहित चार पुलिसकर्मी की चीफ प्रॉक्टर कार्यालय में स्थायी तैनाती की जाएगी। इससे पहले रजिस्ट्रार ने छात्रों की मांग और उनसे समझौते से जुड़े आदेश जारी किए। इसी का नतीजा रहा कि छात्रों ने अपना प्रदर्शन समाप्त कर दिया। पुलिस कमिश्नर मुथा अशोक जैन, आईआईटी निदेशक प्रो। पीके जैन की मौजूदगी में हुई एक बैठक में सुरक्षा बढ़ाने का फैसला हुआ।

BHU IIT Protest: इन फैसलों पर लगी मुहर
– आईआईटी बीएचयू परिसर में बाउंड्री वाल बनेगी। इसके लिए सीपीडब्ल्यूडी, आईआईटी बीएचयू के प्रोफेसर की कमेटी बनेगी। इसकी जानकारी शिक्षा मंत्रालय को दी जाएगी।
– कमेटी एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट बनाएगी। कमिश्नर के माध्यम से उसे शासन को स्वीकृति और अनुदान के लिए भेजा जाएगा।
– गर्ल्स हॉस्टल सहित परिसर में जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
– रात 10 बजे से शाम 5 बजे तक बैरिकेडिंग बंद रहेगी।
– पुलिस प्रशासन के सहयोग से सीसी कैमरों के लिए इंट्रीग्रेटेड सर्विलांस सिस्टम बनाया जाएगा।
– संवेदनशील जगहों पर अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की जाएगी।
– हैदराबाद गेट, कृषि विज्ञान संस्थान सहित अन्य जगहों पर सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता की जाएगी।
– आईआईटी बीएचयू से जुड़े सात गेटों पर जिला प्रशासन, संस्थान की ओर से संयुक्त रूप से सुरक्षा तंत्र की ओर से 24 घंटे निगरानी की जाएगी।
6 वर्ष पूर्व भी हुआ था ऐसा आंदोलन
देखा जाय तो बीएचयू कैंपस वर्तमान में आंदोलन (BHU IIT Protest) का गढ़ बन गया है। कैंपस में छात्रा संग छेड़छाड़, छात्रों के बीच मारपीट की घटनाएं होती रहती हैं, लेकिन अगर छात्रा संग छेड़खानी के बाद बड़े विरोध की बात करें, तो इस तरह की घटना छह साल पहले 23 सितंबर 2017 में हुई थी। इस प्रकरण के मुताबिक, महिला महाविद्यालय की एक छात्रा के साथ दृश्य कला संकाय के पास कुछ युवकों ने छेड़खानी की थी। इसके विरोध में महिला महाविद्यालय की छात्राएं सड़क पर उतर आई थीं।
महाविद्यालय के बाहर रास्ता जाम करने के साथ ही सिंह द्वार पर धरने (BHU IIT Protest) पर बैठ गई। इसी बीच पुलिस कर्मियों, पीएसी जवानों ने लाठीचार्ज कर दिया, जिसमें कई छात्राएं घायल हो गई थीं। इस घटना से बीएचयू प्रशासन की न केवल सुरक्षा पर सवाल खड़ा हुआ बल्कि पूरे देश में खूब किरकिरी भी हुई।

इसी घटना के बाद विश्वविद्यालय परिसर में पहली बार महिला चीफ प्रॉक्टर के रूप में प्रो। रोयाना सिंह की तैनाती हुई। घटना में मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने संज्ञान लिया। विश्वविद्यालय को भी अगले आदेश तक बंद कर दिया गया और तत्कालीन कुलपति प्रो। जीसी त्रिपाठी छुट्टी पर चले गए थे।
बीएचयू के इतिहास में दूसरी बार ऐसा प्रदर्शन
काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना को 109 वर्ष बीत चुके हैं। गुरुवार को स्टूडेंट्स का जो प्रदर्शन (BHU IIT Protest) हुआ, वह इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएगा। जाएगा। इतनी बड़ी संख्या में छात्रों के पहुंचने की सूचना पुलिस और प्रॉक्टोरियल बोर्ड को भनक तक नहीं लग पाई। बड़ी संख्या में छात्रों को देख पुलिस और विश्वविद्यालय प्रशासन के हाथ पांव फूलने लगे। छात्र कार्रवाई की मांग को लेकर अड़े रहे। बताया जा रहा है कि इससे पूर्व वर्ष 1932 में छात्र अंग्रेजी हुकुमत के खिलाफ आंदोलन में मुखर हुए थे।
विश्वविद्यालय से जुड़े पूर्व छात्र नेताओं और पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों की मानें तो इस कदर कभी भी विरोध प्रदर्शन (BHU IIT Protest) करने वाले छात्रों की भीड़ इकट्ठा नहीं हुई थी। इससे पहले भी विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों की हत्या उनके ऊपर हमले होने की घटनाएं हो चुकी हैं।
तब भी इतनी बड़ी संख्या में छात्रों की भीड़ नहीं पहुंची थी। आईआईटी के छात्र छात्राएं झगड़ा लड़ाई बावल से खुद ही दूर रहना चाहते हैं।ले किन सवाल उनके सम्मान की आ गई तो अपने हक की लड़ाई के लिए आवाज उठाने के लिए सभी एक हो गए।
छात्रों ने ब्रिटिश हुकूमत के दौरान छात्रों ने सरकार का विरोध किया था। इस पर ब्रिटिश हुकूमत ने छात्रों के विरोध का दमन करने के लिए मालवीय भवन को घेर लिया। इसकी सूचना मिलने के बाद छात्रों के साथ ही विश्वविद्यालय के कर्मचारी अध्यापक सभी विरोध करने के लिए पहुंचे थे। इस विरोध के कारण ब्रिटिश हुकूमत को परिसर से बाहर जाना पड़ा था। उस समय भी छात्रों और अध्यापकों की संयुक्त भीड़ करीब एक हजार के आस पास रही होगी।
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