
Deepawali 2023: देशभर में दीपावली का उत्साह जोरों पर है। देश के हर कोने में दीपावली (Deepawali 2023) मनाई जा रही है। इस दिन माता महालक्ष्मी की पूजा का विधान है। लेकिन आपको जानकर आश्चर्य और साथ ही गर्व होगा कि माता महालक्ष्मी के जिन 8 रूपों की आराधना की जाती है। वहीँ पूरी दुनिया में महालक्ष्मी के अनगिनत स्वरूप हैं। धर्म और संस्कृति के हिसाब से मान्यताएं बदलती हैं। लेकिन यदि नहीं बदलता तो वह है, लक्ष्मी की खुशी और समृद्धि का संबंध।
Deepawali 2023: श्री लंका में धर्म और परम्पराएं भारत जैसी
आज हम 10 देशों में माता लक्ष्मी के अलग-अलग रूपों की जानकारी दे रहे हैं। सबसे खास बात इसमें यह है कि भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका और नेपाल में धर्म और परंपराएं हमारे जैसी ही हैं। आइए जानते हैं कुछ अन्य देशों में किस रूप में पूजी जाती हैं मां महालक्ष्मी –
हेरा (जूनो)
ग्रीक मैथोलॉजी के अनुसार, सुख शांति और समृद्धि की देवी को हेरा और जनों के नाम से पुकारा जाता है। यहां की मान्यता यह है कि हेरा आकाश में रहती है और खेतों को हरा भरा रखने के कारण इनका नाम हेरा पड़ा। वहीँ जूनो को कृषि की देवी होने के कारण ग्राम लक्ष्मी कहा जाता है। भारत में लक्ष्मी का वाहन उल्लू है, तो वहीं ग्रीस में लक्ष्मी मोर पर बैठी होती हैं।

सीरिस
रोम के इतिहास के अनुसार। एक बार देवी रूठ गई और धरती पर अनाज उगना बंद हो गया। चारों ओर अकाल पड़ गया। पूजा के बाद देवी प्रसन्न होकर अन्नपूर्णा के रूप में प्रकट हुई और फिर से अनाज उगने लगा। अन्न देने वाली देवी को सीरिस के नाम से पूजा जाता है।

आइसिस
मिस्र के इतिहास के अनुसार देवी लक्ष्मी संकट के समय उनकी रक्षा करती हैं और उनके जीवन में सुख शांति और समृद्धि लाती है। यहां लक्ष्मी के तौर पर पूजी जाने वाली देवी आईसिस फसलों को जानवरों से बचाती हैं।

शी वांग मू
चीन में देवी शी वांग मू को सौभाग्य की देवी माना जाता है। माना जाता है कि पहले दयालु रानी थी। जो बाद में देवी बन गईं। चीनी मानते हैं कि देवी सोने से बने महल में रहती हैं। चीन में लोग सौभाग्य के लिए इनकी पूजा करते हैं।

गेफियॉन
संसार में सबसे ज्यादा दूध का उत्पादन करने वाले देश डेनमार्क में गाय के सिर वाली देवी गेफियॉन को समृद्धि का प्रतीक माना गया है। लक्ष्मी के रूप में इन्हीं की पूजा का विधान है। इसके अलावा खेती के देवी के रूप में भी उनकी आराधना की जाती है।
Highlights

फॉर्चूना
यूरोप के पुराने संस्कृतिक देश इटली में लक्ष्मी रूप में इन्हीं देवी की आराधना की जाती है। इन्हें सौभाग्य और फर्टिलिटी की देवी माना जाता है। माना जाता है कि वे अनाज उपजाने के साथ ही छोटे बच्चों की भी रक्षा करती हैं।

फ्लोरा
फ्रांस में मां लक्ष्मी को गॉडेस फ्लोरा के रूप में पूजा जाता है। फ्लोरा लोगों के जीवन में खुशियों के फूल खिलाती हैं। देवी फूलों से ही श्रृंगार करती हैं। ऐसी मान्यता है कि पुराने समय में महिलाएं देवी को खुश करने के लिए फूलों से बालों को सजाती थी।

देवी श्री
बाली और जावा आईलैंड में लोग लक्ष्मी को कृषि की देवी के रूप में पूजते हैं। यहां इन्हें देवी श्री कहा जाता है। मान्यता है कि इनकी उत्पत्ति चावल के पौधे से हुई है। हर वर्ष मापांक श्री नाम के आयोजन में किसान देवी को आमंत्रित करके अच्छी फसल के लिए देवी की पूजा करते हैं।

कीचिजोई
नाम से ही स्पष्ट हो गया होगा कि इनकी पूजा जापान में होती है। जापान के लोग आर्थिक रूप से मजबूत रहने के लिए इन देवी की पूजा करते हैं। टोक्यो से 18 किलोमीटर दूर इनके नाम पर एक पूरा शहर बसा हुआ है। जापानी में कीचीजोजी का मतलब लक्ष्मी है।

माय फोसोप
थाईलैंड में देवी लक्ष्मी को माय फोसोप के नाम से जाना जाता है। जिस तरह मां अपने बच्चे को भोजन और दूध उपलब्ध कराती है। मान्यता है कि देवी भी उसी तरह धान की रक्षा करती हैं। यहां दीपावली भी लाम क्रियोंघ के नाम से मनाई जाती है।

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