
जब रक्षक ही भक्षक बन जाएं, तो फिर क्या ही कहने ! तब तो समझिए अपराधी और पुलिस में कोई फ़र्क ही नहीं रह जाता। ऐसा ही कुछ वाराणसी के सारनाथ थाने में हुआ है। जहां पीड़ित ने तीन पुलिसकर्मियों समेत 10 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और रंगदारी का मुकदमा दर्ज कराया है।
राजस्थान निवासी वेंकटेश्वर तिवारी का आरोप है कि शादी कराने का झांसा देकर उन्हें वाराणसी बुलाया गया और यहां लूटपाट के साथ ही रंगदारी वसूलने का प्रयास किया गया, जिसमें तीन पुलिसवाले भी शामिल हैं।
पुलिस को दी तहरीर में भुक्तभोगी वेंकटेश्वर तिवारी ने बताया कि मेड़ता निवासी विजय जैन ने वाराणसी के कांशीराम आवास, शिवपुर में रहने वाली संगीता मिश्रा नाम की महिला से उसकी शादी कराई। शादी के बदले में वेंकटेश्वर ने डेढ़ लाख से ज्यादा रुपये दिए थे। इसके बाद 23 मई को शादी का रजिस्ट्रेशन कराने के बाद जब वो संगीता के साथ वापस राजस्थान जाने लगे तो रास्ते में खुद को सारनाथ थाने का पुलिस अधिकारी बताते हुए प्रशांत सिंह नाम के शख्स ने उनकी गाड़ी को रुकवा दिया।
आरोप है कि प्रशांत सिंह पूछताछ के दौरान कहने लगा कि संगीता की शादी जबरदस्ती करवाई गई है, जिसपर संगीता ने भी हां में हां मिला दिया। इतने में एक और पुलिसकर्मी जिसने अपना नाम दीपक सिंह बताया वो भी वहां पहुंचा और दोनों ने वेंकटेश्वर को कहा कि गाड़ी सारनाथ थाने लेकर चलो, लेकिन थाने से कुछ ही दूरी पर गाड़ी को रुकवा दिया गया फिर तीसरा पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचा। उसने वेंकटेश्वर को देह व्यापार और तस्करी के आरोप में फंसाने की धमकी दी और मामले को रफा-दफा करने के लिए 2 लाख रुपये मांगे। इस बीच वेंकटेश्वर की कथित पत्नी संगीता मौके से फरार हो गई। बताया जा रहा है कि संगीता पहले से शादीशुदा थी और उसे एक बेटा भी है।
फिलहाल सारनाथ पुलिस ने वेंकटेश्वर तिवारी की तहरीर पर सारनाथ थाने में सिपाही दीपक सिंह, प्रशांत सिंह व विनय कुमार, विजय जैन, संजय श्रीवास्तव, उसकी पत्नी व मां उषा और संगीता समेत उसकी बहन व जीजा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। मामले की छानबीन शुरु हो गई है, पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश में जुट गई है। मामले में पुलिसवालों का नाम भी आने से चर्चा पूरे शहर में हो रही है।