
लखनऊ। फर्जी पीएमओ अधिकारी (Fraud Arrested) बनकर कानपुर में लाखों का फर्जीवाड़ा करने वाले संतोष सिंह उर्फ़ अभिषेक व धर्मेंद्र कुमार यादव को एसटीएफ की लखनऊ टीम ने गोमतीनगर के रियाज़ होटल के पास से गिरफ्तार किया। गिरफ्तार संतोष वाराणसी के लंका थाना क्षेत्र का रहने वाला है। वहीं संतोष का कथित ड्राईवर धर्मेंद्र यादव कानपुर के बिठूर नगर का रहने वाला है। दोनों के खिलाफ कानपुर के बिठूर नगर थाने में लाखों की ठगी का रविवार को मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसके बाद पुलिस एक्शन में आई।
पुलिस की पूछताछ में संतोष ने बताया कि वह वाराणसी के लंका क्षेत्र का रहने वाला है। वह कानपुर में नाम बदलकर रह रहा था। उसने वहां पर सभी को अपना नाम अभिषेक प्रताप सिंह बताया हुआ था। वह अपनी शान और शौकत के लिए ठगी, जालसाजी और रंगदारी की बड़ी घटनाओं को अंजाम (Fraud Arrested) देता है। इस कुकृत्य में उसके साथ उसका ममेरा भाई गाजीपुर का रहने वाला प्रदीप सिंह, कानपुर का रहने वाला कथित ड्राईवर धर्मेंद्र यादव व जौनपुर की रहने वाली उसकी प्रेमिका शामिल हैं। ये चारों कानपुर में एक साथ रहते हैं।

संतोष ने पुलिस की पूछताछ में कई लोगों से अपने पीएमओ सचिव/पीआरओ बनकर ठगी (Fraud Arrested) करने की बात कबूली है। उसने बताया कि इसी ठगी से उसका खर्च चलता है। उसने कई प्रशासनिक अधिकारियों से भी ठगी की बात कबूली है। इतना ही नहीं, ये चारों अपने को विभागीय अधिकारी बताकर कई बार सरकारी सुविधाओं का लाभ भी ले चुके हैं। साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों को भी बरगलाकर अपने कई काम करा लेते हैं। उसने बताया कि ठगी के दौरान बताए गए नाम को ट्रूकॉलर पर पहले सेट किया जाता है। उसके बाद ही किसी व्यक्ति को रंगदारी के लिए कॉल किया जाता है। जिससे किसी को भी शक न होने पाए।
Fraud Arrested: प्रेमिका का भी उठाता था खर्च
संतोष की प्रेमिका जो कि कानपुर के एक मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है, उसका भी खर्च इन्हीं ठगी के पैसों से ही चलता है। साथ ही उसके हॉस्टल की फीस भी इन्हीं पैसों (Fraud Arrested) से भरी जाती है। किसी को शक न होने पाए, इसके लिए संतोष अपने ममेरे भाई प्रदीप और कथित ड्राईवर धर्मेंद्र को सैलरी भी देता है।
वाराणसी के व्यापारी को दिए 22 लाख रुपए
संतोष ने बताया कि उसने ठगी (Fraud Arrested) के लिए दो गाड़ियां भी फाइनेंस कराई हैं। एक इनोवा उसने अपने परिचित मऊ निवासी मंतोष कुमार शाही व होंडा सिटी ककरमत्ता वाराणसी निवासी शशिकांत सिंह के नाम पर फाइनेंस कराई है। जिसकी किश्त वह इन्हीं ठगी के पैसों से जमा करता है। इसके साथ ही ठगी के पैसों में से उसने पांच लाख रुपए मंतोष कुमार शाही को ठेकेदारी के लिए दिया है। वहीं 22 लाख रुपए वाराणसी के सिगरा स्थित एक मेडिकल स्टोर संचालक को बिज़नेस के लिए दिया हुआ है। ठगी के 30 लाख रुपए उसके (संतोष) अकाउंट में जमा है।
Highlights
व्यापारी से ठगे 20 लाख रुपए
संतोष ने बताया कि उसने नवंबर 2022 में कानपुर के निखिल शर्मा नाम के एक व्यक्ति से पीएमओ कार्यालय का प्रतिनिधि बताकर उसे डराकर उससे 20 लाख रुपए (Fraud Arrested) वसूले थे। इस कुकृत्य में उसका ममेरा भाई प्रदीप व कथित ड्राईवर धर्मेंद्र शामिल थे। पुलिस और एसटीएफ की टीम ने दबिश देते हुए संतोष और धर्मेंद्र को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं प्रदीप और संतोष की प्रेमिका की पुलिस तलाश कर रही है। तीन आरोपियों के खिलाफ कानपुर के विठुर नगर थाने में धोखाधड़ी समेत कई धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं।

कानपुर में दर्ज मुकदमा
तीनों के खिलाफ मुकदमा बिल्डर निखिल शर्मा ने ही दर्ज कराया था। थाने में दी गई तहरीर के माध्यम से बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय का प्रतिनिधि बनकर अभिषेक नाम के युवक ने अवैध निर्माण को वैध कराने के नाम पर बीस लाख रुपये ठग लिए।
निखिल शर्मा कानपुर के स्वरूप नगर स्थित एमराल्ड गार्डन के डायरेक्टर हैं। निखिल शर्मा ने आरोप लगाया है कि उन्होंने अपनी बिठूर सिंहपुर स्थित टाउनशिप पायनियर ग्रीन सिटी के विला नंबर 67 को संतोष को किराए पर दिया था। इस दौरान उनका पायनियर ग्रीन सिटी स्थित कार्यालय में आना-जाना शुरू हो गया। संतोष ने बताया कि वह प्रधानमंत्री कार्यालय का प्रतिनिधि (Fraud Arrested) है। इतना ही नहीं, उसने अपना फर्जी आईडी कार्ड भी दिखाया।

बिल्डर का आरोप है कि संतोष की बातों में आकर नवंबर 2022 से अब तक लगभग 20 लाख रुपए (Fraud Arrested) दे चुका हूं। जिसमें एप्पल कंपनी का मोबाइल फोन और एक लैपटॉप भी है। वह यह रुपये व्यापारिक काम को सुचारू रूप से चलने देने के नाम पर ले रहा था। मना करने पर काम बंद करवाने की धमकी देता था। 12 अगस्त को फिर दो लाख रुपये की मांग की, विरोध करने पर मुझे फर्जी मुकदमों में फंसाने की धमकी दी। जिसके बाद थाने में तहरीर दी गई है।
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