
Gyanvapi परिसर में मिले कथित शिवलिंग समेत पूरे ज्ञानवापी परिसर का ASI सर्वे कराया जाएगा। इस मामले में वाराणसी के जिला न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया। हिंदू पक्ष की ASI सर्वे कराए जाने की याचिका को कोर्ट ने मंजूर कर लिया है। इस मामले में कोर्ट में 22 मई को सुनवाई होगी।
कोर्ट ने अंजुमन इंतजमिया कमेटी को आपत्ति दाखिल करने को 19 मई तक का समय दिया है।
ज्ञानवापी (Gyanvapi) में मिले शिवलिंगनुमा आकृति के एक वर्ष पूरे हो गए। बात दें कि पिछले वर्ष आज ही के दिन 16 मई 2022 को ज्ञानवापी परिसर के वजूखाने में कथित शिवलिंग मिला था। इसके एक वर्ष पूरे होने पर हिन्दू पक्ष ने मंगलवार को ज्ञानवापी (Gyanvapi) परिसर में स्थित नंदी के बगल में स्थापित भगवान महादेव के मंदिर में विधि-विधान से पूजन अर्चन किया।
हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी (Gyanvapi) परिसर के वजूखाने में मिली शिवलिंगनुमा आकृति ही नहीं, बल्कि संपूर्ण परिसर की ASI जांच की मांग की है। इसे लेकर हिंदू पक्ष अब कोर्ट के दरवाजे पर दस्तक देने जा रही है। इसके पहले हिंदू पक्ष की अपील पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ASI को शिवलिंगनुमा आकृति की साइंटिफिक जांच के आदेश दिए थे।
हिंदू पक्ष का मानना है कि सभी लोग ये चाहते हैं कि हमारे अराध्य देव आदि विशेश्वर से जुड़ा ज्ञानवापी (Gyanvapi) का सच सामने आना चाहिए। सबको मालूम होना चाहिए की आदि विशेश्वर मंदिर कब बना। हिंदू पक्ष अदालत से पूरे विवादित स्थल की कार्बन डेटिंग और ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार GPR तकनीक से ASI सर्वे की मांग की है।
ज्ञानवापी (Gyanvapi) के लिए हिन्दू 38 वर्षों से संघर्ष कर रहे
हिन्दू पक्ष के ओर से याचिकाकर्ता सोहन लाल आर्य ने कहा कि वजूखाने में मिले शिवलिंग को आज (16 मई) को एक वर्ष पूरे हो गए हैं। इसी उपलक्ष्य में हम आज ही के दिन उनका उनका जन्मोत्सव मना रहे हैं। हम 38 वर्षों से ज्ञानवापी (Gyanvapi) के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हम विजय के द्वार पर आ चुके हैं। 1984 में हमने एक नारा दिया था – ‘ज्ञानवापी (Gyanvapi), नंदी करे पुकार, भोले बाबा का हो उद्धार…’ तब से अब तक हमने कई बार न्यायालय में वाद दाखिल किया है।
आज पुन: हम न्यायालय में एक वाद दाखिल करने जा रहे हैं, जिसमें केवल शिवलिंग नहीं, पूरे परिसर की साइंटिफिक जांच हो। पूरे इस्लाम अथवा कुरान में कहीं भी ज्ञानवापी (Gyanvapi) शब्द नहीं है। मुस्लिम विद्वान पूरी तरह से भटकाने वाली बात कह रहे हैं।

Gyanvapi सर्वे में जो पिछली बार अधूरा, वह अब हो पूरा
हिन्दू पक्ष के ओर से वादी महिला रेखा पाठक ने बताया कि हमने विधि-विधान से नंदी के बगल में स्थापित शिवलिंग का विधि-विधान से पूजन किया है। बाबा से कामना किया है कि बाबा जल्द से जल्द यहां से मुक्त हो जाएं। हमने पूरे परिसर में GPR द्वारा सर्वे का मांग किया है। पिछली बार के सर्वे में जो कुछ भी अधूरा रह गया है, इस बार वह पूरा हो जाए।
पूरे परिसर का हो GPR सर्वे
हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि हमने आज नंदी के बगल में शिवलिंग का अनुष्ठान किया है। हमने बाबा से आशीर्वाद माँगा है कि जो हमने ASI जांच की मांग की है और आज उसे कोर्ट में दायर करने वाले हैं। बाबा उसमें हमे सफल बनाएं। हमारी मांग है कि पूरे परिसर का ASI जांच कराया जाय। जिसमें 3 गुम्बद के नीचे जो हिन्दू मंदिर के शिखर हैं, उनकी जांच हो। पूरे परिसर में GPR सर्वे लगाया जाय।
GPR सर्वे में यदि मंदिर के नीचे चीज़ें मिलती हैं, तो आगे की कार्यवाही के आदेश दिए जाएं। इसके लिए हम आज (मंगलवार) वाराणसी जिला जज के समक्ष याचिका प्रस्तुत करेंगे। हमारी मांग है कि यहां बाबा आदि विश्वेश्वर का भव्य मंदिर बने और पूरा परिसर गैर कानूनी कब्जे से मुक्त हो। बाबा हमें इस अनुष्ठान में सफल बनाएंगे।
बाबा मिल गए
बता दें कि पिछले दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी (Gyanvapi) परिसर में मिले कथित शिवलिंग की साइंटिफिक जांच का आदेश दिया था। जिसे हिन्दू पक्ष ने अपनी सबसे बड़ी जीत बताया था। अब 16 मई 2023 को ज्ञानवापी (Gyanvapi) परिसर में मिले कथित शिवलिंग को एक वर्ष पूरे हो गए। जिसे हिन्दू पक्ष बाबा का जन्मोत्सव के रूप में मना रहा है। इस दौरान हिन्दू पक्ष के ओर से रेखा पाठक, मंजू व्यास, सीता साहू, लक्ष्मी देवी, विष्णु शंकर जैन, सुधीर त्रिपाठी, पवन पाठक, सुभाष चंद्र चतुर्वेदी समेत सैकड़ों सनातनी उपस्थित रहे।
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