
Gyanvapi Survey Update: ज्ञानवापी में ASI सर्वे का काम जारी है। ASI की टीम कोर्ट में 2 सितम्बर को अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। इसी बीच ज्ञानवापी के सर्वे में जो साक्ष्य, प्रतीक व धार्मिक चिह्न मिलें, उन्हें वैज्ञानिक तरीके से सुरक्षित व संरक्षित कराने की मांग शुक्रवार को जिला जज की अदालत से की गई है। हिंदू पक्ष की चार महिलाओं की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने आवेदन पत्र देकर वाराणसी के जिलाधिकारी को महत्वपूर्ण वस्तुओं की सूची तैयार करने के लिए दिशा-निर्देश देने का अनुरोध किया है। इस मामले की सुनवाई अब 28 अगस्त को होगी।

मां शृंगार गौरी वाद की चार महिला वादिनी सीता साहू, रेखा पाठक, मंजू व्यास और लक्ष्मी देवी की तरफ से जिला जज की अदालत में नया आवेदन दिया गया है। जिसमें कहा गया है कि ज्ञानवापी में सर्वे के दौरान एएसआई (Gyanvapi Survey Update) को जो भी कलाकृतियां और वस्तुएं मिलें, उन्हें वैज्ञानिक तरीके से संरक्षित किया जाए। ताकि, वह खराब न होने पाएं। भविष्य में इस मुकदमे की सुनवाई में बहुमूल्य साक्ष्य के तौर पर उपलब्ध रहें। इसी तिथि में मां शृंगार गौरी मूल वाद की भी सुनवाई होनी है।

चार अगस्त से चल रहा Gyanvapi Survey Update
आवेदन पत्र में वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, सुधीर त्रिपाठी और सुभाष नंदन चतुर्वेदी का नाम भी है। इसमें कहा गया कि ज्ञानवापी में चार अगस्त से एएसआई सर्वे चल रहा है। इससे पहले मई 2022 में अधिवक्ता आयुक्त कमीशन का सर्वे हुआ था। तब ज्ञानवापी में हिंदू धर्म से संबंधित कई कलाकृतियों और मूर्तियों के मौजूद होने की बात कही गई थी। एएसआई सर्वे (Gyanvapi Survey Update) में भी महत्वपूर्ण साक्ष्य मिलने की उम्मीद है। तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए यह जरूरी है कि एएसआई को ऐतिहासिक या पुरातात्विक दृष्टिकोण से जो भी महत्वपूर्ण कलाकृतियां और वस्तुएं मिलें, उन्हें वैज्ञानिक तरीके से संरक्षित किया जाए।
धार्मिक अनुष्ठान की मांग पर नहीं हो सकी सुनवाई

ज्ञानवापी परिसर (Gyanvapi Survey Update) में चादर चढ़ाने, उर्स करने समेत अन्य धार्मिक कार्यों की मांग करने वाले प्रार्थना पत्र पर शुक्रवार को सुनवाई नहीं हो सकी। इस मामले में सुनवाई आठ सितंबर को होगी। लोहता क्षेत्र के मुख्तार अहमद समेत चार लोगों ने सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट की अदालत में प्रार्थना पत्र देकर ज्ञानवापी स्थित मजार पर उसे करने और चादर चढ़ाने समेत अन्य धार्मिक कार्यों की मांग की है।
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