कोलकाता ट्रेनी डॉक्टर रेप-मर्डर केस: रेपिस्ट संजय रॉय को उम्रकैद, परिवार ने मुआवजा लेने से किया इंकार, कहा - फैसले के खिलाफ जाएंगे हाईकोर्ट

कोलकाता। आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में 8 अगस्त की रात हुई ट्रेनी डॉक्टर के रेप और मर्डर मामले में दोषी संजय रॉय को सियालदह कोर्ट ने सोमवार को उम्रकैद (जीवन भर जेल) की सजा सुनाई। कोर्ट ने दोषी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।


सत्र न्यायालय के जज अनिर्बान दास ने दोपहर 2:45 बजे सजा का ऐलान करते हुए कहा, “यह मामला रेयरेस्ट ऑफ रेयर की श्रेणी में नहीं आता, इसलिए मौत की सजा नहीं दी जा सकती।” कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को निर्देश दिया कि वह पीड़ित परिवार को 17 लाख रुपये का मुआवजा दे। हालांकि, पीड़ित के माता-पिता ने मुआवजा लेने से इनकार कर दिया और न्याय की मांग की।


दोषी के खिलाफ फैसला: CBI और परिवार की दलीलों पर विचार


कोर्ट ने 18 जनवरी को संजय रॉय को दोषी ठहराया था। सोमवार को सजा सुनाने से पहले दोपहर 12:30 बजे कोर्ट ने संजय, CBI, और पीड़ित परिवार की बातों को सुना। अदालत ने कहा, “संजय को स्पष्ट रूप से बताया जा चुका है कि वह किन अपराधों का दोषी है।”


CBI और पीड़ित परिवार ने संजय के लिए मौत की सजा की मांग की थी। सजा का फैसला 160 पन्नों के दस्तावेज में दर्ज किया गया।

 


दोषी के परिवार का बयान: "फांसी होती तो भी विरोध नहीं करते"


संजय के परिवार ने कोर्ट के फैसले पर कोई अपील न करने की बात कही। उसकी मां ने कहा, "मैं उस लड़की के माता-पिता का दर्द समझती हूं, मेरी भी बेटियां हैं।"


ममता बनर्जी का बयान: "कोलकाता पुलिस को जांच से वंचित किया गया"


पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, “यह मामला कोलकाता पुलिस से जबरन छीनकर CBI को सौंपा गया। अगर यह जांच हमारे पास रहती, तो दोषी को मौत की सजा सुनिश्चित होती।”


दोषी को मौत की सजा क्यों नहीं मिली?


संजय रॉय की वकील सेनजुति चक्रवर्ती ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार, जब किसी दोषी के सुधार की संभावना हो, तो मौत की सजा नहीं दी जाती। यह अदालत पर निर्भर था कि इस मामले को ‘रेयरेस्ट ऑफ रेयर’ मानती है या नहीं। हमने कोर्ट से अपील की कि दोषी में सुधार की संभावना है, इसलिए उसे डेथ पेनल्टी न दी जाए।”

 


पीड़ित परिवार ने मुआवजा ठुकराया, न्याय की मांग


कोर्ट ने राज्य सरकार को पीड़ित परिवार को 17 लाख रुपये मुआवजा देने का निर्देश दिया। इसमें 10 लाख रुपये हत्या के लिए और 7 लाख रुपये रेप के लिए थे। हालांकि, पीड़िता के माता-पिता ने मुआवजा लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, "हमें मुआवजा नहीं, न्याय चाहिए।"


परिवार हाईकोर्ट जाने की तैयारी में


पीड़िता के माता-पिता ने सेशन कोर्ट के फैसले पर असंतोष जताते हुए कहा, “ड्यूटी के दौरान एक डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर हुआ। यह रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस क्यों नहीं है? जांच में कई खामियां थीं और कई लोगों को बचाया गया।” उन्होंने फैसले की कॉपी मिलने के बाद हाईकोर्ट में अपील करने की बात कही।

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