
नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने जब से किताबों से मुगलों का इतिहास गायब किया है, तभी से वामपंथियों के सीने में दर्द सा उभर पड़ा है। देश की राजनीति में एक नया मुद्दा भी शामिल हो गया है। वामपंथी आए दिन इसे लेकर शिक्षा विभाग और सरकार पर प्रश्न उठा रहे हैं।
अब इस मामले में केरल से बड़ी अपडेट सामने आई है। केरल की वामपंथी सरकार ने एनसीईआरटी (NCERT) की किताबों से इस बदलाव को मानने से इनकार कर दिया है। केरल की स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग ने तय किया है कि जिस सिलेबस को हटाया गया है, उसे राज्य सरकार के स्कूली किताबों में शामिल किया जाएगा।
मंगलवार (25 अप्रैल 2023) को केरल की शिक्षा विभाग में बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में एनसीईआरटी (NCERT) द्वारा हटाए गए सिलेबस को फिर से शामिल करने को लेकर चर्चा हुई। शिक्षा विभाग ने केरल की राज्य सरकार से फैसले को लागू करने की अनुमति मांगी है। सरकार की ओर से अनुमति मिलते ही हटाए गए चैप्टर स्कूलों में पढ़ाए जा सकेंगे।
केरल के शिक्षा मंत्री ने इस मामले में पहले ही कहा था कि राज्य सरकार स्कूलों के पाठ्यक्रम एनसीईआरटी (NCERT) द्वारा हटाए गए सिलेबस को फिर से शामिल करेगा। केरल शिक्षा विभाग मुगलों का इतिहास, गुजरात दंगे और डार्विन के विकासवाद की थ्योरी को अपने सिलेबस में शामिल रखना चाहती है।

केरल सरकार की मंजूरी मिलते ही विवादित विषयों को राज्य भर के स्कूलों में पढ़ाया जाएगा। इसके लिए छात्रों को केरल में छपी सप्लीमेंट्री किताबें उपलब्ध कराई जाएँगी, जो NCERT की किताबों से इतर स्कूलों में पढ़ाई जाएँगी।
बता दें NCERT ने 10वीं, 11वीं और 12वीं के इतिहास, नागरिक शास्त्र और हिन्दी की किताबों में बदलाव किया है। इतिहास की किताब से मुगल इतिहास से जुड़ी फालतू जानकारी हटाई गई है। वहीं हिंदी के पाठ्यक्रम से कुछ कविताएँ और पैराग्राफ हटाने का फैसला किया गया है। सिलेबस में जो भी बदलाव किया गया है, उसे मौजूदा शैक्षणिक सत्र यानी 2023-24 से ही लागू कर दिया गया है।
माओवादी सरकार ने हटाई थी ‘मुगलों की सच्चाई’
आश्चर्यजनक है कि सीपीएम ने पश्चिम बंगाल की सत्ता में रहते हुए मुगलों द्वारा हिंदुओं पर किए गए अत्याचारों की घटनाओं को किताबों से हटवा दिया था। इसके लिए एक आदेश जारी किया था। इस आदेश में साफ तौर पर लिखा हुआ था, “मुस्लिम शासन की कभी भी आलोचना नहीं होनी चाहिए। मुस्लिम शासकों और आक्रमणकारियों द्वारा किए गए मंदिरों के विनाश का भी उल्लेख नहीं किया जाना चाहिए।”

अब उसी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के राज्यसभा सांसद बिनय विश्वम (Binoy Viswam) ने केंद्र सरकार को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में में उन्होंने नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) की किताबों से मुगलों के बारे में जानकारी हटाने को लेकर चिंता व्यक्त की।
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