
Persecution of Minority (इस्लामाबाद): पाकिस्तान में हिंदू अल्पसंख्यकों पर अत्याचार कोई नई बात नहीं है। अल्पसंख्यक हिंदुओं, सिखों और ईसाईयों पर आए दिन अत्याचार होते रहते हैं। पाकिस्तान में अक्सर इस्लामिक भीड़ द्वारा बेअदबी की भी खबरें आई रहती हैं। जिसमें मासूमों की बलि दे दी जाती है।
इसी बीच बुधवार को भी भीड़ ने कथित बेअदबी के नाम पर पांच चर्च तोड़ (Persecution of Minority) डालें। इसके बाद चर्चों के आसपास रहने वाले ईसाइयों के घर जला दिए, उनके साथ मारपीट की और लूटपाट की गई। घंटों तक भीड़ कानून हाथ में लिए अल्पसंख्यक ईसाइयों को निशाना बनाती रही और पुलिस तमाशा देखती रही। फिलहाल, स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पाकिस्तान रेंजर्स को तैनात कर दिया गया है।
घटना पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के फैसलाबाद शहर में जरानवाला इलाके की है। भीड़ ने पहले आरोप लगाया कि चर्च इस्लाम विरोधी बातें करते हैं, फिर आरोप लगाया कि कुरान का अपमान किया गया है। इसके बाद इस्लाम के साथ बेअदबी का आरोप लगाते हुए भीड़ ने पेट्रोल बम और पत्थर मार-मारकर पहले पांच चर्चों को तबाह (Persecution of Minority) कर दिया। इसके बाद वहां रहने वाले ईसाई लोगों के घरों में भी पेट्रोल बम फेंके गए, तोड़फोड़ और लूटपाट की गई।
Persecution of Minority: पीड़ितों की किसी ने नहीं ली सुध
इस दौरान किसी ने भी विरोध की कोशिश की, तो उसे लाठी, डंडे, लात-घूंसों से बुरी तरह पीटा गया। घटना के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं। वीडियो में तमाम लोग चर्चा को बेअदबी का ठिकाना बताते हुए इन्हें जलाने की बात कर रहे हैं।
घटना के बाद कोई अधिकारी या नेता पीड़ितों के पास नहीं पहुंचा मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि घटना के कई घंटे बाद भी कोई जिम्मेदार अधिकारी या नेता पीड़ितों (Persecution of Minority) के पास नहीं पहुंचा। पुलिस अब भी यह बताने को तैयार नहीं है कि मामले में कितने लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। वहीं, पंजाब पुलिस प्रमुख उस्मान अनवर ने कहा कि पुलिस प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत कर रही है और इलाके की घेराबंदी कर दी गई है।

23 से सिर्फ 3% रह गए अल्पसंख्यक
ह्यूमन राइट्स फोकस पाकिस्तान के प्रमुख नवीद वाल्टर ने कहा, सरकार, न्यायालय और पुलिस से न्याय और कार्रवाई की मांग करते हैं। अल्पसंख्यको को तुरंत सुरक्षा दी जाए और उन्हें आश्वस्त किया जाए कि एक दिन पहले उन्होंने जिस देश का स्वतंत्रता दिवस का जश्न पूरे जोश से मनाया, वह उनको अपना मानता है। वाल्टर ने कहा, 1947 में आजादी के बाद से पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की आबादी 23 फीसदी से घटकर 3 फीसदी हो गई है।
संविधान में धार्मिक भेदभाव के बीज
अल्पसंख्यकों पर अत्याचार असल में पाकिस्तान की राजव्यवस्था का अंग है। 1973 में संविधान बना, तो इसके अनुच्छेद 2 में कहा गया कि इस्लाम एक राज्य धर्म होगा।
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