
Viral Video: समाजवादी पार्टी के MLC स्वामी प्रसाद मौर्या पर सपा के एक कार्यक्रम में एक युवक ने जूता फेंक दिया। जिसके बाद कार्यक्रम में भगदड़ मच गई। इसके बाद जूता फेंकने वाले व्यक्ति (Viral Video) को स्वामी प्रसाद मौर्या के समर्थकों ने पकड़कर पीट दिया। काफी देर तक युवक को घसीट-घसीट कर पीटने के बाद उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया। इस पूरी घटना का विडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
Viral Video: हिंदू धर्म के खिलाफ बयानों से आहत था युवक
स्वामी प्रसाद मौर्या पर जूता फेंकने वाला युवक उनके हिन्दू धर्म के खिलफ दिए गए बयानों से आहत बताया जा रहा है। एक न्यूज़ एजेंसी के ओर से जारी किए गए विडियो (Viral Video) में पुलिसकर्मियों को समर्थकों की भीड़ को दूर करने की कोशिश करते देखा जा सकता है, पर स्वामी प्रसाद के समर्थक किसी भी कीमत पर रुकने को तैयार नहीं थे। कार्यकर्ताओं ने आरोपी युवक की लात-घूंसों और बेल्ट से पिटाई कर दी। युवक मड़ियांव का बताया जा रहा है।
स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बड़ा (Viral Video) नाम है। स्वामी प्रसाद पहले बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सदस्य थे और उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री पद का कार्यभार भी निभाया है। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार में विभिन्न पदों पर कार्य किया और बसपा के मुख्यमंत्री मायावती की सरकारों में मंत्री रहे हैं।
VIDEO | A man dressed up as an advocate hurls shoe at Samajwadi Party leader Swami Prasad Maurya in Lucknow. The attacker was later roughed up by Maurya's supporters. More details are awaited. pic.twitter.com/OQCU5G3xVE
— Press Trust of India (@PTI_News) August 21, 2023
स्वामी प्रसाद मौर्य जैसे दलबदलू नेता आजकल हाईलाइट में आने के लिए विवादित बयान (Viral Video) दे रहे हैं। इन्होंने हाईलाइट होने के लिए हिन्दू धर्म का सहारा लिया। हिन्दुओं के ग्रन्थ और उनकी परम्पराओं पर सवाल खड़े करना जैसे पुरानी परम्परा हो गई है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कुछ महीनों पहले हिन्दुओं के पवित्र ग्रंथ रामचरितमानस के खिलाफ जहर (Viral Video) उगला था। समाजवादी पार्टी के नेता ने कहा था कि रामचरितमानस एक बकवास ग्रंथ है। इसे जला देना चाहिए। सपा नेता ने ग्रंथ के एक दोहे ‘ढोल, गंवार, शुद्र पशु, नारी, सकल ताड़ना के अधिकारी’ का उदाहरण देते हुए जहर वाला बीज बोया था। उन्होंने ताड़ना का अर्थ ‘अत्याचार’ प्रस्तुत किया था। जबकि इसका शुद्ध शाब्दिक अर्थ शिक्षा से है। पूरे दोहे का अर्थ महिलाओं, शूद्रों की पढ़ाई से है।

रामचरित मानस में महिलाओं को बड़े ही आदर और सम्मान से देखा गया है। हालांकि हमें यहां स्वामी (Viral Video) के आरोपों पर रामचरित मानस के प्रति स्पष्टीकरण देने की आवश्यकता नहीं है। ये दोगली नीति केवल सपा के नेताओं में ही है कि जहां इसके नेता एक ओर रामचरितमानस को बकवास बताते हैं। वहीँ इसके रचयिता तुलसी के आंगन संकटमोचन मंदिर में हाजिरी लगाते हैं। रामभक्त हनुमान भी इनसे कितना खुश हुए होंगे जब इन्होने अपनी दोगली नीति दिखाते हुए अपनी राजनीति की रोटी सेकने की कोशिश की।
रामचरितमानस की रचना स्वयं तुलसीदास ने भगवान श्रीराम एवं रामभक्त हनुमान की प्रेरणा से की थी। यह जग विदित है कि रामचरितमानस आदिकाल में महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित ग्रंथ रामायण का अनुवाद है। उसी रामचरितमानस को तुलसी के आँगन में जाकर बकवास बताया जाता है और इसके पन्ने जलाए जाते हैं।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने इससे पहले कहा था कि सनातन कोई धर्म नहीं है। अब ये समझ नहीं आता कि स्वामी प्रसाद मौर्य कौन से यूनिवर्सिटी से पढ़े हुए हैं। क्योंकि इनके बयानों से तो लगता है कि ये 5वीं तक भी नहीं पढ़े हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य ने सनातन को मुस्लिम से भी जोड़ने पर बल दिया था। उन्होंने मदनी के दिए हुआ बयान ‘इस्लाम ही सनातन है’ का समर्थन किया। जबकि ये बुद्ध को ही मानते हैं।

भगवान बुद्ध ने कहा था, “असो धम्म: सनातन:’। यानि हमारा धर्म ही सनातन है। भगवान बुद्ध ने सनातन धर्म का समर्थन किया था। साथ ही बुद्ध ने जिस भाषा में यह कहा, वह भाषा संस्कृत है। जो कि सनातनी है। इसके बावजूद स्वामी प्रसाद मौर्य सनातन पर प्रश्न कड़े करते हैं, तो उन्हें शर्म से मर जाना चाहिए।
ये वही नेता हैं, जिन्होंने टिकट को लेकर कई बार दल बदले। कभी बसपा तो कभी भाजपा, और कभी सपा से इनका नाता रहा। हालांकि दल बदलना तो इन जैसे नेताओं के जन्मजात लक्षण हैं। इसके बावजूद इन नेताओं की राजनीति में दाल नहीं गलती।
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