आगे की कहानी सीता के वनवास जाने के बाद राम के संघर्षों की है। हालांकि राम जैसा व्यक्तित्व मुझमें कहां, हम तो उनके अंश मात्र भी नहीं। लेकिन मन में जो ख्याल आया, सोचा लिख दूं। यादें तो बहुत हैं, चाहे वो तुम्हारे साथ पार्क में घूमना, या घाट की सीढ़ियों पर अकेले में बैठना, या फिर बन्द कमरे में तुमसे मोह
admin | 27-08-2024