Central Public School: उत्कृष्ट शिक्षा की निर्मल धारा- प्रयास आपका संकल्प हमारा, अच्छी शिक्षा व अच्छे संस्कार संग सीपीएस ग्रुप के बढ़ते कदम

- Central Public School के उतरौत, चंदासी, परशुरामपुर, साहूपुरी व धूस ब्रांच जगा रहें हैं शिक्षा की अलख

 

चंदौली। धान का कटोरा कहे जाने वाले चंदौली में वैसे तो स्कूल की कमी नहीं है, लेकिन क्या कभी आपने सोचा है? किसी स्कूल में कम फीस में वह सारी सुविधाएं मिल जाएं और साथ ही शिक्षा के साथ अच्छे संस्कार भी मिल जाएं। नहीं न ! लेकिन यह सभी सुविधाएं अब आपके जनपद में मौजूद हैं।

जी हां ! चंदौली जनपद के सेंट्रल पब्लिक स्कूल में कम फीस में सभी तरह की सुविधाएं मौजूद हैं। यहां बच्चों को पढ़ाई के साथ ही तमाम तरह की एक्टिविटीज कराई जाती हैं। इसके बदले में उनके किसी भी प्रकार की अलग से कोई फीस नहीं ली जाती है।

Central Public School: वर्ष 2000 में हुई थी स्थापना

 

सेंट्रल पब्लिक स्कूल के सीएमडी डॉ० विनय कुमार वर्मा ने बताया कि चंदौली जनपद में लगभग 2 दशक पहले शिक्षा का काफी अभाव था। जिसे देखते हुए 4 कमरों से वर्ष 2000 में इस विद्यालय की स्थापना हुई थी। जिसके बाद यह कारवां बढ़ता गया और आज यहां सीबीएसई सीनियर सेकेंडरी तक की पढ़ाई कराई जा रही है।

डॉ० वर्मा ने आगे बताया कि अब तक इस विद्यालय के जनपद में पांच ब्रांच संचालित हो रहे हैं। जिसमें पीडीडीयू नगर (मुगलसराय) के पास चंधासी, जहां शिक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाता। सबसे खास बात यह है कि यहां सबसे कम फीस में अच्छी पढ़ाई होती है। जहां आर्थिक रूप से कमजोर छात्र भी अपनी पढ़ाई अत्यंत कम फीस में कर सकते हैं।

बाल मेला में अपनी प्रदर्शनी दिखाते बच्चे व उसका लुत्फ़ उठाते हुए सीएमडी व अतिथिगण

 

बस्तियों में जब छोटे छोटे बच्चे नंगें पांव दूर स्कूल जाते थे और जब इस पूरे क्षेत्र में लोग अंग्रेजी माध्यम की एबीसीडी नहीं जानते थे। उस स्थिति में सेंट्रल पब्लिक स्कूल ने उन बच्चों को फर्श से अर्श तक का सफर तय कराया।

– विधु श्रीवास्तव, वाइस प्रिंसिपल, सेंट्रल पब्लिक स्कूल, चंधासी ब्रांच।

साहुपुरी और इससे लगायत क्षेत्र में जब शिक्षा का अभाव था, उस समय सेंट्रल पब्लिक स्कूल ने शिक्षा की नींव संभाली। पिछले कई वर्षों से यह विद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी है। इस शाखा से अब तक सैकड़ों बच्चे शिक्षित हो चुके हैं।

– सपना पांडेय, इंचार्ज प्रिंसिपल, सेंट्रल पब्लिक स्कूल, साहुपुरी ब्रांच।

 नए सत्र में फूलों से ‘वेलकम’ लिख्र नौनिहालों का स्वागत

 

परशुरामपुर और इससे लगायत क्षेत्र के बच्चे कुछ वर्षों पहले तक केवल सरकारी स्कूल ही जानते थे। जहां कि पहले पढाई का स्तर निम्न था। ऐसे में सेंट्रल पब्लिक स्कूल ने उन आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को शिक्षित करने का बीड़ा उठाया। जो कि अपने उद्देश्य में सफल हुआ।

– बिभा सिंह, प्रिंसिपल, सेंट्रल पब्लिक स्कूल, परशुरामपुर ब्रांच।

 

जहां कुछ नहीं था, वहां स्कूल है। जहां आवागमन के साधन भी नहीं, वहां बच्चों को दूर स्कूल जाने में काफी समस्याएं होती थी। लेकिन इसी गांव में सेंट्रल पब्लिक स्कूल खुल जाने से ग्रामीणों को इसका लाभ मिला और बच्चे भी शिक्षित होने लगे।

– प्रीति गुप्ता, इंचार्ज प्रिंसिपल, सेंट्रल पब्लिक स्कूल, धूस खास ब्रांच।

 

 

वैसे तो सेंट्रल पब्लिक स्कूल के इस ब्रांच को खुले अभी 1 साल ही हो रहे हैं, लेकिन इस एक साल में स्कूल ने कई मुकाम हासिल किए हैं। इसमें बच्चों की पढ़ाई के साथ ही स्कूल ने अभिभावकों का विश्वास जीता है। अभिभावकों ने विद्यालय में अपने बच्चों को इस विश्वास के साथ भेजा है कि वह यहां अच्छे ज्ञान के साथ ही अच्छे संस्कार अर्जित कर सकें।

– नेहा मसीह, इंचार्ज प्रिंसिपल, सेंट्रल पब्लिक स्कूल, उतरौत ब्रांच।

Latest News