यूपी के चंदौली की रहने वाली सारिका दुबे ने समाजसेवा के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाई है।

समाजसेवा का ऐसा जज्बा लगा कि पढ़ाई के साथ ही समाजसेवा भी करने लगी।

वर्ष 2017 से समाज की सेवा में कार्यरत सारिका ने समाजसेवा में ढेरों उपलब्धियां हासिल की हैं।

सारिका पिछले 6 वर्षों से अपनी संस्था के माध्यम से लोगों की सेवा कर रही हैं। 

सारिका नारी शक्ति का सशक्त उदाहरण हैं। वे अपनी संस्था के माध्यम से महिलाओं, दिव्यांगों व समाज के शोषितों की मददगार हैं।

सारिका ने अब तक सैकड़ों दिव्यांगों को उनके ट्रायसाइकिल पर छतरी लगाकर उन्हें धूप बारिश से बचाया है। साथ ही उन्हें रोजगार के सुअवसर भी प्रदान किए हैं। 

इन्होने अब तक सैकड़ों दिव्यांगों को कृत्रिम अंग लगाकर उन्हें नया जीवनदान दिया।

इन्होने अपने संस्था के माध्यम से स्वास्थ्य के क्षेत्र में समय समय पर ब्लड डोनेशन कैम्प एवं आवश्यकता पड़ने पर सैकड़ों को रक्त दान कराया।

सारिका ने अब तक महिलाओं को प्रशासनिक व कानूनी सुविधा उपलब्ध कराकर उन्हें स्वाभिमान से जीने के लिए प्रेरित किया।

एक छोटे से जनपद चंदौली से बाहर निकलकर वाराणसी, प्रयागराज और कुशीनगर में काम कर रही हैं।

चंदौली की रहने वाली सारिका दुबे महिला सशक्तिकरण का एक परफेक्ट उदाहरण हैं। 

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