कर्नाटक के रायचूर जिले में कृष्णा नदी से भगवान विष्णु की मूर्ति और शिवलिंग मिला है। भगवान विष्णु की मूर्ति दिखने में बिल्कुल रामलला जैसी ही है। यह मूर्ति भी बिल्कुल रामलला जैसे अपने आभामंडल में दशावतार उकेरे हुए हैं। कहा जा रहा है कि इस्लामी आक्रांताओं से बचने के लिए मूर्ति नदी की तलहटी में डाल दी गई होगी।
दरअसल, कर्नाटक के रायचूर जनपद के शक्तिनगर में कृष्णा नदी पर पुल बन रहा है। इसी दौरान नदी की तलहटी से भगवान विष्णु की मूर्ति और शिवलिंग मिले। नदी की तलहटी से निकली प्रतिमा की तुलना रामलला से की जा रही है। यह दिखने में बिल्कुल वैसी ही है, जैसी रामलला की मनमोहक प्रतिमा है। रामलला की प्रतिमा के भी चारों तरफ दशावतार उकेरे गए हैं और उस प्रतिमा से इस मूर्ति का हावभाव मिलता-जुलता है। दोनों प्रतिमाओं में देवता बीच में शोभित हैं और प्रसन्न मुद्रा में हैं।
इस प्रतिमा के विषय मेंमीडियाको इतिहासकार पद्मजा देसाई ने बताया है कि यह 11वीं शताब्दी की है। यह कल्याण चालुक्य राजवंश के शासन के दौरान निर्मित की गई थी। देसाई ने बताया है कि इसके चारों तरफ विष्णु के दशावतार अंकित हैं। प्रतिमा में विष्णु की चार भुजाएँ हैं, इसमें ऊपर के दो हाथों में शंख और चक्र जबकि नीचे के हाथ वरदान देने की मुद्रा में हैं। उन्होंने बताया है कि मूर्ति वेंकटेश्वर से मिलती-जुलती है, लेकिन इसमें कुछ भिन्नताएँ भी हैं।
गर्भगृह में कभी प्रतिष्ठित रही होगी भगवान विष्णु की मूर्ति
देसाई ने कहा है कि कभी यह मूर्ति किसी गर्भगृह में प्रतिष्ठित रही होगी। उन्होंने कहा है कि संभवतः इन मूर्तियों को आक्रान्ताओं के हमले से सुरक्षित करने के लिए नदी की तलहटी में डाल दिया गया होगा। बताया गया है कि इन प्रतिमाओं को इस्लामी बहमनी सुल्ताओं और आदिलशाही सुल्तानों से बचाने के लिए नदी की तलहटी में छुपाया गया होगा।
नदी से मिले मूर्ति और शिवलिंग को ASI को सौंप दिया गया है। गौरतलब है कि अयोध्या में स्थापित की गई रामलला की प्रतिमा को मूर्तिकार अरुण योगीराज ने कर्नाटक से लाई श्याम शिला से बनाया है। रामलला की प्रतिमा भगवान श्रीराम के पांच वर्षीय बालरूप को दिखाती है।
Follow our Whatsapp Channel to get latest updates