
Cyber Fraud: साइबर अपराध के मामलों में वाराणसी साइबर क्राइम थाने की पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने ईटी मनी (एसआईपी) के कस्टमर केयर अधिकारी बनकर मोबाइल एप्लीकेशन डाउनलोड कराकर ठगी करने वाले ठग को गिरफ्तार किया है। वह वाराणसी से गोरखपुर भागने की फ़िराक में था। आरोपी संदीप गौड़ ने अब तक लोगों से मोबाइल एप्लीकेशन डाउनलोड कराकर उसका मोबाइल हैक करके व अकाउंट व क्रेडिट कार्ड के माध्यम से अब तक 5 लाख से अधिक के रुपयों की ठगी की है।
पुलिस की पूछताछ में उसने जो खुलासे किए हैं, वह काफी चौकाने वाले हैं। अभियुक्त संदीप गौड़ ने बताया कि उसने स्नातक किया है और वर्ष 2001 में उसने अपराध जगत (Cyber Fraud) का रुख कर लिया था। इसके बाद 2016 में उसने अपने भांजे का मर्डर कर दिया, जिसमें उसके खिलाफ लखनऊ के कृष्णानगर थाने में गैंगस्टर एक्ट की कार्यवाही की गई। तभी से वह पूर्ण रूप से अपराध के पैसे से प्रतापगढ़, लखनऊ, नोएडा, देवगढ़ आदि स्थानों पर रहकर अपराध कर रहा है।
2019 में शुरू हुई Cyber Fraud की कहानी
वर्ष 2019 में गौतमबुद्ध नगर के थाना बिसरख से धोखाधड़ी में जेल जाने के बाद गैंगस्टर एक्ट में कार्यवाही की गई थी। इसके बाद 2020 में अयोध्या जनपद से चोरी व धोखाधड़ी (Cyber Fraud) में जेल गया था। इसके बाद वर्ष 2021 में देवघर टाउन से धोखाधड़ी के केस में देवघर जेल गया। यहीं पर उसकी मुलाकात अफजल अंसारी व सागीर अंसारी नाम के दो साइबर अपराधियों से हुई। जेल से बाहर आने पर वह साइबर अपराध में पूरी तरह संलिप्त हो गया। इसके बाद वह देवघर, धनबाद पश्चिम बंगाल और झारखण्ड के कई साइबर अपराधियों से मिला और साइबर क्राइम के कई गुण सीखे।
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फर्जी सिम खरीद होती थी कालिंग
साइबर फ्रॉड (Cyber Fraud) कालिंग करने के लिए फर्जी सिम खरीद कर अपने साथी अफजल को धन्यवाद दिया। जिसका प्रयोग अफजल ने अपने साथी सागीर के माध्यम से देवघर से कालिंग करके साइबर अपराध किया। संदीप गौड़ ने आगे बताया कि अफजल द्वारा उसे फर्जी सिम दिया जाता है और वह विभिन्न लोगों को बहला फुसलाकर पैसा आने के नाम पर विभिन्न बैंकों में खाता (Cyber Fraud) खुलवाता था और उन खातों में अपने सिम या अफजल सागर मे प्राप्त सिम का नंबर को बैंक खातों में लिक मोबाइल नंबर के रूप में डाल देता था। इसके बाद उसी नंबर से खाता में इंटरनेट बैंकिंग चालू करके ट्रांजेक्शन करता था।
सारे पैसे उडाए, पुलिस ने जब्त किए केवल 956 रुपए
जिस भी व्यक्ति के नाम से खाता खुलवाता था, उसे 5,000/- रूपये से 10,000/- रूपये तक देता था और अफजल व सागीर किसी भी पीड़ित को फोन कर धोखे से उसके खाते का एक्सेस लेकर संदीप द्वारा खोले गये खाता में पैसा डलवाते थे। जिसे संदीप या अफजल व सागीर द्वारा निकाला जाता था और आपस में बांट लिया जाता था। वर्तमान में उसके पास फ्रॉड के केवल 956 रुपए बचे हुए हैं, जिसे पुलिस ने बरामद किया है।
कई बैंकों के चेकबुक समेत डेबिट कार्ड भी बरामद
पुलिस को उसके पास से कोटक महिंद्रा व HDFC बैंक का चेक बुक भी बरामद हुआ है। जिस खाते में साइबर फ्रॉड के पैसे आए हैं। उसने पुलिस को बताया कि वह वाराणसी कचहरी में अपने खिलाफ दर्ज मुकदमों की जानकारी (Cyber Fraud) लेने आया था, तभी पुलिस ने उसे दबोच लिया। वह वाराणसी से गोरखपुर भागने की फ़िराक में था। पुलिस को उसके पास से तीन एंड्राइड मोबाइल फोन, एक कीपेड मोबाइल फ़ोन, 12 अलग-अलग बैंकों के चेकबुक, 4 पासबुक, 4 विभिन्न बैंकों के डेबिट कार्ड व नगद 950 रुपए बरामद हुए हैं।