

... क्योंकि युद्ध की कीमत रणभूमि में ही नहीं, घरों में भी चुकानी पड़ती है. पांच दशक पुराना इंतज़ार: ‘The Missing 54’ की गूंज आज भी भारत-पाक सीमा पर सुनाई देती है
admin | 12-05-2025
साल 2013 की एक सर्द सुबह थी। प्रतिभा सिंह अपने कुछ दोस्तों के साथ झुग्गियों में कम्बल बांटने गई थीं। वहां उन्होंने देखा कि कई छोटे बच्चे नंगे पांव, बिना गर्म कपड़ों के, खुले आसमान के नीचे कांपते हुए थे। न किसी को स्कूल की चिंता थी, न किताब की समझ। इसके बाद संकटमोचन मंदिर के बाहर कुछ बच्चों को भीख म
admin | 11-05-2025
आजकल सोशल मीडिया पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से अपनी तस्वीरों को Ghibli Studio जैसी एनिमेशन शैली में बनाकर शेयर कर रहे हैं। सोशल मीडिया अच्छे खासे लोग कार्टून जैसे नजर आ रहे हैं। लेकिन क्या आपको पता है, इस तरह की फोटो बनाना आपके लिए खतरा हो सकता है।
admin | 10-04-2025
भगवान शिव की नगरी और मोक्ष की भूमि काशी अपने अनूठे रीति-रिवाजों और परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है। यहां जहां मृत्यु एक उत्सव के रूप में देखी जाती है, वहीं मोक्ष का मार्ग भी यहीं से होकर गुजरता है। इन्हीं परंपराओं में से एक है मणिकर्णिका घाट पर चैत्र नवरात्र की सप्तमी रात को होने वाला अनोखा आयोजन, जहां
admin | 31-03-2025
भूतभावन बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी अपने ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। इसी पवित्र शहर में एक ऐसा अनोखा बैंक स्थित है, जहां पैसे नहीं, बल्कि भगवान राम के नाम की पूंजी जमा होती है। सबसे बड़ी बात कि यह बैंक सरकारी नियंत्रण में नहीं, बल्कि भगवान राम के भक्तों द्वारा संचालित किया जाता है और
admin | 25-02-2025
प्रयागराज में महाकुंभ समाप्ति की ओर बढ़ रहा है, और इसके साथ ही नागा साधुओं का यहां से विदा होने का क्रम भी जारी है। हालांकि, उनके जाने के बावजूद लोग अब भी उनकी रहस्यमयी जीवनशैली, आक्रामकता और सनातन धर्म के प्रति उनके समर्पण को लेकर जिज्ञासु बने हुए हैं। नागाओं की परंपराओं, उनके स्वरूप और उनके अलग-अल
admin | 20-02-2025
संत नरहरिदास का जन्म महाराष्ट्र के देवगिरी (वर्तमान औरंगाबाद) में एक सुनार परिवार में हुआ था। हालांकि उनके जन्म के तारीखों के विषय में कोई सटीक प्रमाण उपलब्ध नहीं है। वह तुलसीदास के समकालीन माने जाते हैं। उनके पिता, दीनानाथ सुनार, स्वर्णाभूषण (सोने के आभूषण) बनाने का कार्य करते थे और अपने काम में नि
admin | 12-02-2025
काशी को ज्ञान और मंदिरों की नगरी के रूप में विशेष पहचान प्राप्त है। यहां स्थित सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में स्थित वाग्देवी मंदिर उत्तर भारत में अपनी तरह का इकलौता मंदिर है। देवी वाग्देवी (सरस्वती) को विद्या और बुद्धि की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है। इस मंदिर की स्थापत्य कला इसे और भी विशि
admin | 02-02-2025
भगवान विष्णु ने जब सती के शरीर के 51 टुकड़े किए, उनके शरीर के हिस्से दुनिया में जहां-जहां गिरे, वहां शक्तिपीठ का निर्माण हुआ। आज हम ऐसे ही एक शक्तिपीठ का निर्माण करने वाले हैं। जो कि पाकिस्तान (Pakistan) के बलूचिस्तान प्रांत में स्थित है। हालांकि पाकिस्तान का यह क्षेत्र पाकिस्तानी इस्लामी कट्टरपंथिय
admin | 18-01-2025
यह बात 1867 की है, जब राय साहब परिवार के सदस्य और मां काली के अनन्य भक्त बाबू राम दयाकृष्ण जी को एक रात स्वप्न में मां काली ने दर्शन दिए और मंदिर निर्माण की प्रेरणा दी। जमींदार परिवार से होने के कारण धन की कमी न थी। उन्होंने अपने घर के बगल में भव्य मंदिर निर्माण का दृढ़ निश्चय किया और मां काली की
admin | 10-01-2025