The Missing 54: कुछ याद उन्हें भी कर लो... 1971 युद्ध के वह सैनिक, जो लौटकर घर नहीं आए, कई वीरों के परिवार ने विरह में दे दिए प्राण

... क्योंकि युद्ध की कीमत रणभूमि में ही नहीं, घरों में भी चुकानी पड़ती है. पांच दशक पुराना इंतज़ार: ‘The Missing 54’ की गूंज आज भी भारत-पाक सीमा पर सुनाई देती है

admin | 12-05-2025

Mother’s Day Special: बनारस की 'मैडम जी' ने भिक्षा मांगने वाले 250 बच्चों को दी नई ज़िंदगी, ‘यशोदा’ बनकर बच्चों का जीवन कर रहीं साकार, धर्मांतरण पर भी लगा रहीं लगाम

साल 2013 की एक सर्द सुबह थी। प्रतिभा सिंह अपने कुछ दोस्तों के साथ झुग्गियों में कम्बल बांटने गई थीं। वहां उन्होंने देखा कि कई छोटे बच्चे नंगे पांव, बिना गर्म कपड़ों के, खुले आसमान के नीचे कांपते हुए थे। न किसी को स्कूल की चिंता थी, न किताब की समझ। इसके बाद संकटमोचन मंदिर के बाहर कुछ बच्चों को भीख म

admin | 11-05-2025

सावधान ! क्या आप भी अपनी फोटो से बना रहे Ghibli? Dark Web पर लिक हो सकती है आपकी प्राइवेसी, जानिए क्या कहते हैं साइबर एक्सपर्ट

आजकल सोशल मीडिया पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से अपनी तस्वीरों को Ghibli Studio जैसी एनिमेशन शैली में बनाकर शेयर कर रहे हैं। सोशल मीडिया अच्छे खासे लोग कार्टून जैसे नजर आ रहे हैं। लेकिन क्या आपको पता है, इस तरह की फोटो बनाना आपके लिए खतरा हो सकता है।

admin | 10-04-2025

काशी के महाश्मशान पर धधकती चिताओं की बीच रंगीन होती है रात, नगर वधुएं रात भर घुंघरुओं की थाप पर प्रस्तुत करती हैं नृत्यांजलि, यहां शिव स्वयं बनते हैं ‘मशान नाथ’

भगवान शिव की नगरी और मोक्ष की भूमि काशी अपने अनूठे रीति-रिवाजों और परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है। यहां जहां मृत्यु एक उत्सव के रूप में देखी जाती है, वहीं मोक्ष का मार्ग भी यहीं से होकर गुजरता है। इन्हीं परंपराओं में से एक है मणिकर्णिका घाट पर चैत्र नवरात्र की सप्तमी रात को होने वाला अनोखा आयोजन, जहां

admin | 31-03-2025

काशी का अनोखा बैंक, जहां राम नाम का मिलता है कर्ज, कठिन साधना के बाद पूरी होती है मुराद, अब तक 19 अरब से अधिक की संपत्ति है जमा

भूतभावन बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी अपने ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। इसी पवित्र शहर में एक ऐसा अनोखा बैंक स्थित है, जहां पैसे नहीं, बल्कि भगवान राम के नाम की पूंजी जमा होती है। सबसे बड़ी बात कि यह बैंक सरकारी नियंत्रण में नहीं, बल्कि भगवान राम के भक्तों द्वारा संचालित किया जाता है और

admin | 25-02-2025

जब नागा साधुओं को देख भयभीत हो गई थी अफगानी सेना, आम इंसानों से अलग होती है इनकी दुनिया, जानिए क्या है इतिहास 

प्रयागराज में महाकुंभ समाप्ति की ओर बढ़ रहा है, और इसके साथ ही नागा साधुओं का यहां से विदा होने का क्रम भी जारी है। हालांकि, उनके जाने के बावजूद लोग अब भी उनकी रहस्यमयी जीवनशैली, आक्रामकता और सनातन धर्म के प्रति उनके समर्पण को लेकर जिज्ञासु बने हुए हैं। नागाओं की परंपराओं, उनके स्वरूप और उनके अलग-अल

admin | 20-02-2025

कौन हैं संत नरहरिदास? जिन्हें सोनार मानते हैं अपना पूर्वज, तुलसीदास को दी थी राम नाम की दीक्षा, मानस को मिला साकार रूप

संत नरहरिदास का जन्म महाराष्ट्र के देवगिरी (वर्तमान औरंगाबाद) में एक सुनार परिवार में हुआ था। हालांकि उनके जन्म के तारीखों के विषय में कोई सटीक प्रमाण उपलब्ध नहीं है। वह तुलसीदास के समकालीन माने जाते हैं। उनके पिता, दीनानाथ सुनार, स्वर्णाभूषण (सोने के आभूषण) बनाने का कार्य करते थे और अपने काम में नि

admin | 12-02-2025

उत्तर भारत का इकलौता वाग्देवी मंदिर: स्थापत्य कला विशेष, एक साथ स्थापित हैं द्वादश सरस्वती विग्रह, जानिए इसका इतिहास और महत्व

काशी को ज्ञान और मंदिरों की नगरी के रूप में विशेष पहचान प्राप्त है। यहां स्थित सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में स्थित वाग्देवी मंदिर उत्तर भारत में अपनी तरह का इकलौता मंदिर है। देवी वाग्देवी (सरस्वती) को विद्या और बुद्धि की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है। इस मंदिर की स्थापत्य कला इसे और भी विशि

admin | 02-02-2025

Hinglaz Bhawani: हिंगलाज भवानी के इस मंदिर को कहते हैं मुस्लिमों का ‘नानी मंदिर’, भगवान श्रीराम से लेकर गोरखनाथ तक ले चुके हैं मां का आशीर्वाद

भगवान विष्णु ने जब सती के शरीर के 51 टुकड़े किए, उनके शरीर के हिस्से दुनिया में जहां-जहां गिरे, वहां शक्तिपीठ का निर्माण हुआ। आज हम ऐसे ही एक शक्तिपीठ का निर्माण करने वाले हैं। जो कि पाकिस्तान (Pakistan) के बलूचिस्तान प्रांत में स्थित है। हालांकि पाकिस्तान का यह क्षेत्र पाकिस्तानी इस्लामी कट्टरपंथिय

admin | 18-01-2025

जौनपुर: आस्था का प्रमुख केंद्र है केराकत का 157 वर्ष पुराना मां काली का मंदिर: जयपुर से 6 महीने में बैलगाड़ी से लाई गई थीं मूर्तियां, रोचक है इतिहास

यह बात 1867 की है, जब राय साहब परिवार के सदस्य और मां काली के अनन्य भक्त बाबू राम दयाकृष्ण जी को एक रात स्वप्न में मां काली ने दर्शन दिए और मंदिर निर्माण की प्रेरणा दी। जमींदार परिवार से होने के कारण धन की कमी न थी। उन्होंने अपने घर के बगल में भव्य मंदिर निर्माण का दृढ़ निश्चय किया और मां काली की

admin | 10-01-2025

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