
शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन मां के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी देवी का दर्शन व पूजन किया जाता है। मां ब्रह्मचारिणी का मंदिर (Brahmacharini Mata Temple) काशी के ब्रह्मा घाट पर स्थित है। नव शक्ति के पूजा क्रम में ब्रह्मचारिणी देवी के दर्शन-पूजन का विशेष महत्व है।
Brahmacharini Mata Temple: सुबह से ही लग जाती है भक्तों की भीड़
शिव नगरी काशी के गंगा किनारे बालाजी घाट पर स्थित मां ब्रह्मचारिणी के मंदिर (Brahmacharini Mata Temple) में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लग जाता हैं। भक्त बड़ी ही श्रद्धा से लाइन में लग कर मां के दर्शन प्राप्त करते हैं। श्रद्धालु भक्ति भाव से मां को भेट स्वरूप अर्पण करने के लिए नारियल, चुनरी, माला आदि लेकर लाइन में लग कर अपनी बारी आने का इंतजार करते हैं।
Also Read: शिव की नगरी में शक्ति की आराधना, शैलपुत्री मंदिर में उमड़ा आस्था का सैलाब
मां के दर्शन मात्र से परब्रह्म की होती है प्राप्ति
आदिशक्ति मां का दूसरा स्वरुप ब्रह्मचारिणी देवी (Brahmacharini Mata Temple) का रूप पूर्ण ज्योतिर्मय एवम अत्यंत भव्य रूप है। मां के दाहिने हाथ में जप की माला एवम बाएं हाथ में कमंडल रहता हैं। जो मां के इस स्वरुप की आराधना सच्चे मन से करता है उसे साक्षात परब्रह्म की प्राप्ति होती है।

मां के दर्शन मात्र से होती हैं मनोकामना पूरी
मां के दर्शन प्राप्त करने के लिए काशी ही नहीं बल्कि आस पास के अन्य जिले के लोग भी दर्शन पूजन करने के लिए आते हैं। नवरात्रि के शुभ पर्व पर इस मंदिर (Brahmacharini Mata Temple) में लाखों भक्तों की भीड़ उमड़ आती हैं। ऐसी मान्यता है कि मां के इस स्वरुप के दर्शन प्राप्ति से संतान सुख मिलता है। साथ ही मां भक्तों की हर मनोकामना को पूर्ण करती हैं।
To get more updates join our whatsapp group