
Ghazipur: मुख़्तार अंसारी का पिछले कुछ महीनों का रिकॉर्ड देखा जाए तो, उसे कई मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है। अब मुख़्तार को कोर्ट ने एक गैंगस्टर मामले में दोषी पाया है। जिस पर सजा के लिए शुक्रवार को फैसला सुनाया जायेगा।
गाजीपुर एमपी/एमएलए कोर्ट न्यायाधीश ने गुरुवार को मुख़्तार को सुनवाई के दौरान 14 वर्ष पुराने मामले में दोषी पाया। इस मामले में कल कोर्ट में फैसला सुनाया जाएगा। गौरतलब है कि मुख़्तार अंसारी को गैंगस्टर मामले में पहले भी सजा सुनाई जा चुकी है। फैसला सुनाए जाने के दौरान मुख़्तार को बांदा जेल से कोर्ट [Ghazipur] में वीसी के जरिए पेश किया गया था।
Ghazipur: 14 वर्ष पहले हुई थी हत्या
बता दें कि गाजीपुर [Ghazipur] के करंडा थाना क्षेत्र में वर्ष 2009 में हुई हत्या और हत्या के प्रयास को आधार मानकर मुख़्तार अंसारी पर केस दर्ज किया गया था। इस दौरान कपिल देव सिंह की हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद एमपीएमएलए कोर्ट [Ghazipur] ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान मुख़्तार को दोषी पाया।

बात मुख़्तार के अपराधों की करें, तो इसके पूरे कुनबे का इतिहास रक्त रंजित है। मुख़्तार पर वाराणसी समेत पूरे पूर्वांचल में हत्या, हत्या के प्रयास समेत 61 मुकदमे दर्ज हैं। कोर्ट में उसके खिलाफ कई मामलों में सुनवाई जारी है। उनमें से वाराणसी के कोयला व्यापारी नंद किशोर रुंगटा की हत्या, गवाहों को धमकाने के मामले में सुनवाई चल रही है। वहीं कोर्ट ने कांग्रेस नेता अवधेश राय हत्याकांड में मुख़्तार को उम्रकैद की सजा सुनाई है। ओवरआल बात करें तो यूपी में मुख़्तार के अपराधों का अब अंत ही माना जा रहा है।
90 के दशक में सरकार के किसी भी विभाग में अपना काम कराने के लिए मुख़्तार का नाम ही काफी था। माफिया से नेता बने मुख़्तार से आम जनमानस समेत विभाग अधिकारी भी डरते थे। वह पांच बार विधायक रहा है।
मुख़्तार की माफियागिरी में केवल वह अकेला दोषी नहीं है। मुख़्तार के अपराधिक सफ़र में उसके पूरे परिवार ने उसका साथ दिया है। मुख़्तार के कुनबे में सबसे पहले उसकी पत्नी अफशां अंसारी का नाम आता है। जिसे यूपी पुलिस ने महिला माफियाओं की लिस्ट में फर्स्ट पोजीशन पर रखा है। माना जा रहा है कि जेल में बंद मुख़्तार के साम्राज्य को अफशां अंसारी ही चला रही है। उसके उपर पुलिस ने 75 हजार रुपए का ईनाम रखा है।

मुख़्तार का बड़ा बेटा अब्बास अंसारी वर्तमान में कासगंज जेल में बंद है। वह भी वर्तमान में बीजेपी से गठबंधन पार्टी सुभासपा से विधायक है। वहीं छोटा बेटा उमर अंसारी फरार है। वह भी ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा से विधायक है। मात्र 24 वर्ष की उम्र में उमर अंसारी ने पिता की बदौलत अपराध और राजनीती दोनों का सफर तय किया है। मुख़्तार की बड़ी बहू और अब्बास की पत्नी निखत अंसारी बांदा जेल में बंद है।
इनके बारे में भी कहा जाता है कि इन्होने जेल को ही अपना घर बना लिया था। उसके ऊपर भी अपने पति के गुनाहों में साथ देने के आरोप हैं। मुख़्तार के भाई अफजाल अंसारी ने ने भी अपने भाई के गुनाहों में पूरा साथ दिया। उसे लोग दूसरा मुख़्तार कहकर बुलाने लगे थे। अफजल वर्तमान में गाजीपुर [Ghazipur] जेल में बंद है।
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