
यूपी के चंदौली जनपद के सकलडीहा निवासी व्यापारी सुमित रस्तोगी की पुलिस द्वारा बरामदगी (Kidnaping) जनता के लिए रहस्य बनी हुई है। पुलिस द्वारा मामले के खुलासे को स्पष्ट न करने पर लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं सुनने को मिल रही हैं। एक ओर जहां कपड़ा व्यवसाई अलग-अलग लोगों से अलग-अलग तरह की अपनी आप-बीती बता रहा है, वहीँ पुलिस संबंधित मामले में कुछ भी बताने से साफ तौर पर इंकार करती नजर आ रही है। जबकि जनपद में कोई भी मामला होता है, तो उसके लिए पुलिस अधीक्षक कार्यालय से खुलासे को लेकर प्रेस वार्ता की जाती है।
आम जनमानस में संशय
फिल्मी स्टाइल में लापता कपड़ा व्यापारी सुमित रस्तोगी एक हफ्ते बाद नाटकीय ढंग से पुलिस को बरामद होता है, इसके बावजूद भी पुलिस द्वारा मामले का खुलासा नहीं किया जा रहा है। खुलासे को लेकर आम जनमानस में पूरी तरह से संशय बना हुआ है. सूत्रों की मानें, तो लापता व्यापारी के ऊपर लाखों के कर्ज होने की बात सामने आ रही है। लापता होने की खबर सुनकर एक दर्जन से अधिक व्यापारी अपने बकाये को लेकर परेशान हो गए। परिजनों ने उससे मिलने वालों पर पाबंदी लगा दी है।

व्यापारी से मिलने पर पाबन्दी
नाम न छापने की शर्त पर वाराणसी के एक साड़ी कारोबारी ने बताया कि सुमित के गुमशुदा होने की जानकारी पर उसके घर वालों से ज्यादा व्यापारी परेशान दिखे. चन्दौली की पुलिस ने एक दर्जन से अधिक व्यापारियों से सम्पर्क किया। उन्होंने सुमित के विषय मे पूछताछ की। व्यापारी को खोजने के लिए पुलिस ने कड़ी मशक्कत की। पुलिस द्वारा सुमित रस्तोगी को परिवार जनों को सौपने के पश्चात् लापता व्यापारी से कोई भी व्यक्ति नहीं मिल पा रहा है। परिवारजन व्यापारियों एवं अन्य लोगों से मिलने पर पूरी तरह से पाबंदी लगाए हुए है। पुलिस का कहना है कि लापता व्यापारी सुमित रस्तोगी द्वारा दिए गए बयान एवं मिले साक्ष्यों के आधार पर अभी भी जांच प्रक्रिया जारी है।