Sanjeev Maheshwari Jeeva: यूपी के कुख्यात माफिया व मुख़्तार (Mukhtar Ansari) अंसारी के करीबी संजीव माहेश्वरी की लखनऊ के एक कोर्ट में वकील बनकर आए हमलावर ने गोली मारकर हत्या कर दी । जीवा (Sanjeev Maheshwari Jeeva) कभी मुख़्तार (Mukhtar Ansari) अंसारी का शार्प शूटर और उसका करीबी रहा था। गाजीपुर से भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के बाद जीवा का नाम सामने आया था।
AK-47 से अंधाधुंध फायरिंग करने के लिए संजीव माहेश्वरी उर्फ़ जीवा जरायम की दुनिया में कुख्यात हो गया था। हालांकि।, सीबीआई जांच के बाद अदालत ने मुख़्तार (Mukhtar Ansari) और उसके गुर्गों को इस हत्याकांड से बरी कर दिया गया था। कृष्णानंद राय की हत्या 18 वर्ष पहले हुई थी, जो कि वर्तमान में हाईकोर्ट में विचाराधीन है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जीवा (Sanjeev Maheshwari Jeeva) पर 22 मुकदमे दर्ज थे, जिसमें से 17 में वह बरी हो चुका था।
Sanjeev Maheshwari Jeeva: मुन्ना बजरंगी के जरिए मुख़्तार (Mukhtar Ansari) से बढ़ी करीबी
लखनऊ की अदालत में सीबीआई कोर्ट ने जीवा (Sanjeev Maheshwari Jeeva) को पूर्व मंत्री ब्रह्मदत्त द्विवेदी हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। जेल में ही सजा काटने के दौरान ही जौनपुर के कुख्यात बदमाश व मुख़्तार (Mukhtar Ansari) के खास शूटर मुन्ना बजरंगी ने संजीव माहेश्वरी उर्फ़ जीवा (Sanjeev Maheshwari Jeeva) की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाया।
मुन्ना बजरंगी से करीबियों के कारण संजीव जीवा (Sanjeev Maheshwari Jeeva) धीरे – धीरे मुख़्तार (Mukhtar Ansari) के करीबी शार्प शूटरों में शुमार होता चला गया। मुख़्तार (Mukhtar Ansari) को जहां लेटेस्ट हथियारों का शौक था, वहीँ जीवा (Sanjeev Maheshwari Jeeva) को उन हथियारों को सहेज कर रखने का शौक था। कहा जाता है कि जीवा (Sanjeev Maheshwari Jeeva) ने अपने दम पर पूर्वांचल समेत पूरे यूपी में हथियारों का तगड़ा नेटवर्क तैयार किया था।
29 नवम्बर 2005 को गाजीपुर जिले के भांवरकोल थाना क्षेत्र के बसनियां गांव में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय समेत सात लोगों की हत्या के बाद संजीव माहेश्वरी उर्फ़ जीवा (Sanjeev Maheshwari Jeeva) का नाम सुर्ख़ियों में आया था। आरोप था कि जीवा (Sanjeev Maheshwari Jeeva) ने AK-47 से ताबड़तोड़ फायरिंग करके सबकी जान ली थी।
Sanjeev Maheshwari Jeeva: परखी गई वाराणसी कचहरी की सुरक्षा व्यवस्था
लखनऊ की अदालत में संजीव माहेश्वरी की हत्या के बाद वाराणसी कमिश्नरेट की पुलिस हरकत में आई। एसीपी कैंट अतुल अंजान त्रिपाठी ने फ़ोर्स के साथ कचहरी परिसर की सुरक्षा व्यवस्था को चेक किया। पहले से सुरक्षा में तैनात पुलिस और पीएसी के जवानों की मुस्तैदी परखी। इसके बाद फ़ोर्स के साथ पैदल गश्त कर कचहरी परिसर की सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी दी।
संदिग्ध प्रतीत होने वाले लोगों से पूछताछ कर की गई। उनके नाम और पते लिखे गए। एसीपी कैंट ने कचहरी परिसर की सुरक्षा व्यवस्था में तैनात रहने वाले पुलिस कर्मियों से कहा कि निगरानी में किसी भी किस्म की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। कचहरी के सभी गेट से परिसर के अंदर प्रवेश करने वालों पर पुलिस की पैनी नजर हो।
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