
नई दिल्ली। देश में नए संसद भवन (New Perliament) के उद्घाटन को लेकर सियासी संग्राम तेज है। कांग्रेस सहित समस्त विपक्षी दलों ने इस संसद भवन (New Perliament) के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का ऐलान किया है। विपक्षी दलों द्वारा सामूहिक बहिष्कार के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) आक्रामक हो गयी है। बीजेपी ने विपक्षियों को ऐसे मौके गिनाए हैं, जब उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन या कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की मौजूदगी सदन का उद्घाटन किया गया था।
नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति जी को ही करना चाहिए, प्रधानमंत्री को नहीं!
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 21, 2023
नए संसद के बहिष्कार की शुरुआत राहुल गांधी के एक ट्वीट के जरिए हुई। जब कांग्रेस नेता ने नए संसद भवन (New Perliament) के उद्घाटन पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि ‘राष्ट्रपति को नए संसद भवन (New Perliament) का उद्घाटन करना चाहिए, न कि प्रधानमंत्री को।’
राष्ट्रपति से संसद का उद्घाटन न करवाना और न ही उन्हें समारोह में बुलाना – यह देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 24, 2023
संसद अहंकार की ईंटों से नहीं, संवैधानिक मूल्यों से बनती है।
एक भी मौके पर राज्यपाल या राष्ट्रपति को आमंत्रण
वहीं अब असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट करते हुए कहा कि ‘पिछले 9 वर्षों में 5 गैर-बीजेपी/विपक्षी राज्य सरकारों ने या तो नए विधानसभा भवन का शिलान्यास या उद्घाटन किया। यह सब या तो मुख्यमंत्री ने या फिर पार्टी अध्यक्ष द्वारा किया गया। एक भी मौके पर राज्यपाल या राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं किया गया था।’
In the last 9 years – 5 non-BJP / Opposition state governments either laid foundation stones or inaugurated a new Legislative Assembly building .
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) May 24, 2023
All were done by either the Chief Minister or the Party President. In not a single instance was the Governor or President invited. pic.twitter.com/LjP9zjlLGg
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अपने ट्वीट में उन्होंने इनमें कुछ अन्य मौकों का भी जिक्र किया। उन्होंने लिखा, ‘वर्ष 2014 में झारखंड और असम के नए विधानसभा भवन का शिलान्यास यूपीए के मुख्यमंत्रियों ने किया। राज्यपाल को न्यौता नहीं। 2018 में आंध्र के मुख्यमंत्री ने नए विधानसभा भवन का शिलान्यास किया, राज्यपाल को न्यौता नहीं। वर्ष 2020 में सोनिया गांधी ने छत्तीसगढ़ विधानसभा का शिलान्यास किया, राज्यपाल को न्यौता नहीं। वर्ष 2023 में तेलंगाना के विधानसभा भवन का उद्घाटन मुख्यमंत्री द्वारा किया गया, इसमें भी राज्यपाल को न्यौता नहीं।’
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