
महादेव की नगरी काशी को अब विश्व भर में विकासशील शहरों के तौर पर देखा जाता है. काशी में हो रहे विकास कार्यों में रोपवे (Ropeway) काफी चर्चा में है. वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आगमन के बाद से रोप-वे (Ropeway) की तैयारियां तेज हो चली हैं. वाराणसी में अब चारों दिशाओं में रोप-वे का निर्माण होगा. इसके अलावा गंगा के आर-पार भी लोग रोप-वे की सहायता से जा सकेंगे. रोप-वे को गंगा के 50 मीटर ऊपर से ले जाने की योजना बनाई जा रही है. काशीवासियों के लिए गंगा के 50 मीटर ऊपर का यह सफर काफी रोमांचक होने वाला है. वाराणसी में रोप-वे का निर्माण कुल तीन फेज में होगा. पीएम मोदी ने 24 मार्च 2023 को शहर के पहले रोप वे (कैंट-गोदौलिया) की आधारशिला रख दी है. 645 करोड़ रुपए का यह प्रोजेक्ट करीब 2 वर्ष में तैयार होगा.
2320 करोड़ रुपए में बनेगा तीन फेज का रोप-वे
वाराणसी विकास प्राधिकरण (VDA) ने अब इसके लिए दूसरे और तीसरे फेज का भी खांका खींच लिया है. कैंट-गोदौलिया के बाद कैंट रेलवे स्टेशन – सिटी स्टेशन – नमो घाट – रामनगर पड़ाव और तीसरे फेज में रथयात्रा – बीएचयू – रामनगर किले तक रोप-वे (Ropeway) का निर्माण होगा. इसका पूरा एक्शन प्लान जल्द ही शासन को भेजा जाएगा. दूसरे और तीसरे चरण के रोप-वे को तैयार करने का बजट 2320 करोड़ रुपए का अनुमान लगाया गया है. इस प्रोजेक्ट में गंगा पार जाने वाले भी दो रोप-वे रूट शामिल हैं.

15.8 किमी होगी रोप-वे की लंबाई
वाराणसी में रोप-वे (Ropeway) की कुल लंबाई 15.8 किमी होगी. कैंट से गोदौलिया 3.8 किमी, कैंट से नमो घाट तक 5.5 किमी, रथयात्रा से बीएचयू और रामनगर तक लगभग 6.5 किमी लंबा रोप-वे तैयार होगा. इसके लिए रथयात्रा से BHU के बीच में 3 स्टेशन बनाए जाने की योजना है. रोप-वे (Ropeway) के दूसरे फेज में जहां 920 करोड़ रुपए खर्च होंगे, वहीँ तीसरे प्रोजेक्ट के लिए 1400 करोड़ रुपए का खर्च प्रस्तावित है. गंगा पार रोप-वे बन जाने से पर्यटकों को काफी सहूलियत मिलेगी. वहीं सड़कों का भी लोड कम हो जाएगा.

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2 साल में बनकर तैयार होगा पहले फेज का रोप-वे
पीएम मोदी ने 24 मार्च को पहले फेज के रोप-वे (Ropeway) का शिलान्यास किया है. वाराणसी स्टेशन से गोदौलिया तक 3.8 किलोमीटर लंबाई वाला यह रोप-वे सड़क से 50 मीटर यानी 164 फीट की ऊंचाई पर दौड़ेगा. यह 2 साल में बनकर तैयार हो जाएगा और इस पर 644 करोड़ रुपए का खर्च आएगा. हर डेढ़ से दो मिनट पर यात्रियों के लिए ट्रॉली उपलब्ध रहेगी. एक केबल कार में 10 पैसेंजर सवार होंगे. एक दिशा में एक घंटे में 3000 लोग यात्रा कर सकेंगे. यानी 6000 लोग दोनों दिशा से एक घंटे में आ-जा सकेंगे. रोप-वे का संचालन 16 घंटे होगा. रोप-वे से कैंट जंक्शन से गोदौलिया तक जाने में महज 16 मिनट लगेंगे. अभी ऑटो रिक्शा या बाइक से जाने में भारी ट्रैफिक होता है. इस कारण करीब 45 मिनट लगते हैं.
3 thoughts on “काशी को चारों ओर से जोड़ेगा Ropeway, BHU, रामनगर और गंगा पार तक पहुंचेगा”