
हां जी, ना जी, पत्नी वाला व्यक्ति PM बने तो वाह जी, पढ़िए लालू का महाठगबन्धन बयान
Bihar: बिहार, एक ऐसा राज्य, जिसकी चर्चा बिहार से ज्यादा बाहर होती है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव ने कहा कि बिना पत्नी वाले व्यक्ति को PM नहीं बनना चाहिए। बात तो सही है, क्योंकि चारा घोटाला अकेले तो होता नहीं, घोटाले का पैसा खाने वाला भी तो कोई होना चाहिए।
वैसे तो लालू यादव (Bihar) स्वच्छंद तो स्वास्थ्य के आधार पर हैं। लेकिन आजकल स्वास्थ्य से ज्यादा वे अपने राजनीतिक बयानों के आधार पर चर्चा में रहते हैं। लालू यादव का एक बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वे कहते नजर आ रहे हैं कि ‘2024 के लोकसभा चुनावों में महाठगबंधन सॉरी महागठबंधन को 300 सीटें मिलेंगी।’ हां भई ! ये भी क्योंकि बिहार में बिना गठबंधन के सरकार तो बनती नहीं। ये यूपी मॉडल थोड़े न है कि एक्के गो आदमी 10 साल राज करेगा। इहां सरकार बदलते रहना चाहिए।
#WATCH | When asked about the PM face from Opposition & his earlier advice to Rahul Gandhi to get married, RJD chief Lalu Prasad Yadav says, "Whoever becomes the PM should not be without a wife. Staying at PM residence without a wife is wrong. This should be done away with..,"… pic.twitter.com/uh0dnzyoJk
— ANI (@ANI) July 6, 2023
सरकार बदलने से फायदा भी है न जी, अपना गलत किया दूसरों पर टालने में आसानी हो जाती है न जी। अब चाहे वह रेल की पटरी चोरी का मामला हो, पुल के गिरने का मामला हो या फिर शराब कांड। जब भी कोई हमरे पर उंगली उठाएगा न जी, त हम दूसरका पर टाल देंगे। इ होता है राज करने का नीति, जिसे बिहार (Bihar) में कहते हैं – ‘राजनीति’।
लालू यादव के बयान जैसे-जैसे सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, उन्हें सुनकर लगता है, मानो, लालू यादव यही कह रहे हों –
वो पुराने दिन
वो सुहाने दिन
आशिकाने दिन
ओस की नमी में भीगे
वो पुराने दिन
दिन गुजर गए
हम किधर गए
पीछे मुड़ के देखा पाया
सब ठहर गए…
देश में जब चुनाव (Bihar) नजदीक हो, तो सोशल मीडिया पर पार्टी के सोये हुए नेताओं को जागना ही पड़ता है और कैंपेन चलाना पड़ता है। भले सजायाफ्ता हो, पर नेता तो नेता है, सोशल मीडिया पर सक्रिय होना उसका जन्मसिद्ध अधिकार है।
खुद मीडिया से बातचीत करते हुए लालू यादव कह भी चुके हैं कि अब वे पूरी तरह फिट हैं। अब इसे उनकी फिटनेस का सर्टिफिकेट मान अदालत ने उनकी कारागार वापसी के आदेश नहीं दिए, तो 2024 के आम चुनाव (Bihar) जितने करीब आते जाएँगे, लालू यादव की पॉलिटिकल फिटनेस आपको उतनी ही बढ़ती दिखेगी।
Bihar: बिना पत्नी के पीएम आवास में रहना गलत
पटना (Bihar) में विपक्षी दलों के प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी फिटनेस का ऐलान करने वाले लालू यादव 6 जुलाई 2023 को दिल्ली में थे। मेडिकल चेकअप करवाने। व्हील चेयर पर बैठे-बैठे ही मीडिया से बतिया भी रहे थे। इसी दौरान उन्होंने कहा कि पीएम जो भी हो, उसे बिना पत्नी के नहीं रहना चाहिए। कोई भी प्रधानमंत्री बिना पत्नी के नहीं रहना चाहिए। बिना पत्नी के जो लोग पीएम आवास में रहते हैं, वह गलत है।
इसके अलावा भी लालू यादव ने महाराष्ट्र से लेकर विपक्षी राजनीति तक कई सारी बातें की। पर उनका यह बयान चर्चा में आ गया। ठीक उसी तरह, जैसे पटना (Bihar) में विपक्षी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी से शादी करने के लिए कहा गया उनका ‘दुल्हा बनिए’ वाला बयान आया था।
लालू यादव (Bihar) के इस बयान में बड़ी दूरदर्शिता है भई, इसे अनपढ़ संघी नहीं समझ पाएंगे। स्वनामधन्य राजनीतिक दूरदर्शक ही इसमें राजनीतिक दूरदर्शिता ढूंढ सकते हैं। वहीँ लालू के समर्थक इसे लालू का चुटीला अंदाज बताकर नजरअंदाज कर देंगे। वहीँ संघी और भाजपाई इसे सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर व्यक्तिगत हमला समझेंगे। दरअसल, यह लालू जी का अनुभव है। जिसके आधार पर उन्होंने सन्देश देना चाहा है कि चाहे वह प्रधानमंत्री हो, या मुख्यमंत्री, उन्हें बाल-बच्चेदार होना चाहिए। शासन प्रसादरुपी चारा खाने के लिए कोई तो होना चाहिए न।
परिवार होगा, तभी सत्ता होगी। तभी तो आप जेल जाते समय पत्नी को अपनी कुर्सी सौंप कर जाएंगे। जैसे लालू जी ने राबड़ी देवी को अपनी कुर्सी पर बैठाया था। परिवार हो, तभी तो आप पशुओं के आहार (चारा घोटाला) में भी घोटाले की संभावनाएं तलाश सकते हैं। जैसे लालू जी के राज में हुआ चारा घोटाला, अब चारा ही तो है।
लेकिन इन भाजपाईयों से ये भी बर्दाश्त नहीं हुआ, उल्टा लालू जी पर केस करवा दिया। चारा घोटाला (Bihar) मामले में वे दोषी भी करार दिए जा चुके हैं। परिवार होगा, तभी तो आप उनके नाम पर जमीन लेकर जनता को नौकरी देंगे। जैसा लालू जी के रेल मंत्री रहते रेलवे में हुआ।
परिवार होता है, तभी किसी व्यक्ति का साला सामानांतर सरकार बन जाता है। परिवार होता है तभी किसी की बेटी के ब्याह में शोरूम से गाड़ियाँ उठाई जाती हैं। परिवार होता है तभी राजनीतिक विरासत (Bihar) आगे बढ़ती है। परिवार होता है तभी किसी का 9वीं फेल लड़का वन विभाग में मंत्री बन जाता है, और परिवार का पेट पालने के लिए ब्लॉगिंग भी करता है।
जितना बड़ा परिवार, उतनी बड़ी संभावनाएँ। ऐसे में यदि कोई ऐसा व्यक्ति पीएम या सीएम बन जाए, जिसके लिए कहा जा सके कि ‘आगे नाथ न पीछे पगहा’ तो करने की सारी संभावनाएँ मृत हो जाती हैं। नील बट्टे सन्नाटा। फिर वह पीएम-सीएम कहेगा कि मेरा खुद का क्या। जो है देश के लिए है। देश की जनता के लिए है। जो है देश का है। देश की जनता का है। जिस दिन उनका आदेश होगा झोला उठाकर प्रस्थान कर जाऊँगा।
जैसा आज के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं। जबकि पहले वालों के साथ पत्नी होती थीं तो नौसेना के जहाजों पर पार्टी भी हो जाती थी। भ्रष्टाचार की फाइलें भी खुलती थी। एक पत्नी के प्रधानमंत्री आवास में न होने ने ही कई संभावनाओं को मृत कर रखा है। लालू जी सही कहते हैं, बिना पत्नी के प्रधानमंत्री आवास में किसी को नहीं होना चाहिए। उनका होना खाने की प्रेरणा है। खाने का आनंद है।
जब तक पत्नी नहीं होगी प्रधानसेवक कहता रहेगा न खाऊँगा, न खाने दूँगा। इसलिए लालू जी (Bihar) के दर्द को समझिए। नहीं खा पाने की तड़प को बूझिए। खैर, अनपढ़ संघी लालू जी को कभी बूझ नहीं पाएंगे। लालू जी बिहार के कथित माई-बाप हैं।
बुद्ध, कौटिल्य, महावीर की धरती आज कई मायनों में पिछड़ी हुई है। वह राज्य, जो नालंदा का इतिहास अपने भीतर समेटे हुए है। आज वह कई मामलों में पीछे है।
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