
सारा ब्रिटिश क्राउन इंडिया के पीछे, ब्रिटेन के वायसराय इंडिया के पीछे और गुलाम इंडिया का एक चीता ऐसे हालातों में वायसराय की बीवी के पीछे… टू मच फन.
“हम लाख छुपाएं प्यार मगर दुनिया को पता चल जाएगा…” 90s के दौर का यह यह गाना फिट बैठता है स्वघोषित भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु एवं एडविना पर. यूं तो एडविना और नेहरु के अगाढ़ प्रेम (Nehru Edwina Love) के पिछत्तीस किस्से आपने जरूर सुने होंगे. आज हम आपको एक अलग किस्सा बताएंगे. जिसे सुनकर वामपंथी अपनी छाती पीटने लगेंगे.
आजादी में नेहरु चचा के योगदानों अविस्मर्णीय हैं. दुःख इस बात का होता है कि 14 नवंबर (Jawahar Lal Nehru ) पर #विश्व_ठरक_दिवस का ट्रेंड किसने चलाया और क्या सोचकर चलाया होगा. आइए पहले बात करते हैं आधुनिक भारत के शिल्पी, पंडित जवाहर लाल नेहरु के जन्मदिन की. जैसे नेहरु जी ने आधुनिक भारत का निर्माण किया था. ठीक वैसे ही राजीव गांधी भी अपने कंधे पर कंप्यूटर ढोकर लाए थे.
आजादी की लड़ाई में नेहरु जी का काफी योगदान रहा है. ये अनपढ़ संघी कभी नहीं समझ पाएंगे. उनके पास इसे समझने के लिए अक्ल ही नहीं है. मोदी भक्ति में इतने भी मत गिर जाओ कि नेहरु जैसे पौरुषवान व्यक्ति का जलवा ही न समझ पाओ.
संघी जितना भी आरोप लगाएं लेकिन अगर इनसे कोई कड़क आवाज़ में पूछ दे कि “रात दिया बुता के चचा क्या क्या किया….” तो इनके सारे शब्द शरीर के अन्यत्र द्वार से इस तरह वापस घुस जाएंगे जैसे सांप को देखकर चूहे बिल में घूस जाते हैं.
अगर सही मायने में देखा जाय तो एडविना और नेहरु (Nehru Edwina Love) के बीच में कुछ था या नहीं था. साबित ही नहीं हो पाएगा. क्योंकि अदालत सबूतों पर बात करती है. न तो इनका कोई विडियो वायरल हुआ था, और न ही एडविना की कोई फोटो खटाई खाते हुए पायी गई है. 70 के दशक के बाद वाली फिल्मों में प्यार की निशानी बच्चों को कहा जाता था. लेकिन एडविना से न नेहरु का पर्सनल बच्चा था और न ही नेहरु और जिन्ना दोनों का उभयनिष्ठ बच्चा था. ये किए नहीं, या हुआ नहीं, ये अलग चर्चा का विषय है.

हमारे अविश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि इन दोनों के प्रेम (Nehru Edwina Love) के कूढ़न में जिन्ना को बवासीर तक हो गया था. एडविना की बेटी पामेला हिक्स नी माउंटबेटन जिनका नाम सुनते ही जीभ पर कड़वाहट आ जाती है. उन्होंने अपनी एक किताब जो कि 2012 में पब्लिश हुई थी, लिखा है, “ नेहरू और माँ एक दूसरे से प्यार करते थे, लेकिन उनके बीच किसी तरह का शारीरिक सम्बन्ध नहीं बना. क्योंकि उन्हें प्राइवेसी नहीं मिली.”

अब आप ही बताइए कि आजाद भारत के प्रधानमंत्री (Nehru Edwina Love) को इतनी भी आजादी नहीं थी कि वे अपने संबंधों को आगे बढ़ा पाएं ? ऐसा आदमी देश के विकास पर कैसे ध्यान लगा पाता, जो अपने ही विकास के लिए समय न निकाल पाया. अगर 1947 में ‘ओयो रूम्स’ की सुविधा होती तो लार्ड माउंटबेटन बो के असली लभर नेहरु च्चा को ऐसी त्रासदी और विडंबना का सामना करना पड़ता ?
Nehru Edwina Love
अब इसकी क्रोनोलॉजी समझिये कि ‘ओयो रूम्स भारत में कब आए और इसके पीछे किस महान द्रष्टा का योगदान रहा’. संघी यह नहीं बताएंगे लेकिन मैं दिल की गहराइयों से कि जो उस दिन नेहरू जी प्राइवेसी (Nehru Edwina Love) नहीं मिली, उन्होंने तभी ठान लिया था कि देशवासियों को सेकुलरिज्म मिले न मिले मगर उन्हें एक ‘ओयो रूम की बेबस्था मिलनी ही चईये’.

अब आप ही सोचिए कि साबरमती के संत को तो लोग यूं ही बदनाम करते हैं. असली खेला (Nehru Edwina Love) तो नेहरु ने खेला था. जरा सोचिए कि सारा ब्रिटिश क्राउन इंडिया के पीछे, ब्रिटेन के वायसराय इंडिया के पीछे और गुलाम इंडिया का एक चीता ऐसे हालातों में वायसराय की बीवी के पीछे… टू मच फन.
न तलवार उठाई, न ढपली बजाई, न परवरदिगार से गुहार लगाई, न गोलियों की बौछार कराई…. पिघले तो बस एडविना के प्यार से. छप्पन इंच किसे कहते हैं. अब समझिये. ऐसा करके उन्होंने भारत को अंग्रेजों के चंगुल से तो छुड़ा लिया. ब्रिटेन के वायसराय ने सोचा होगा कि नौकरी गई तेल लेने, पहले परिवार संभालो. गुलाम भारतीय बच्चों की अनऑफिसियल चाची एडविना माउंट बेटन को बनने से बचा लो. खुद को फैमिली मैन साबित करो वरना बाबर का नाम मिटाने से पहले इण्डिया वाले माउंटबेटन का नाम मिटा देंगे और वो भी बिना डाबर का तेल लगाए.
संघियों की हमेशा से यह फितरत रही है कि वे नेहरु के त्याग और बलिदानों को कम ही आंकते हैं. इस बार यही कारनामा कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कर दिखाया है. कांग्रेस लीडर ने बालदिवस से ठीक पहले चचा नेहरू (Nehru Edwina Love) की एक ऐसी फोटो पोस्ट करते हैं जिसमें वो एक महिला के साथ हैं. दिग्विजय सिंह तो बस ये कहना चाह रहे थे कि नेहरू जी अपने मित्र की पत्नी को बधाई दे रहे हैं लेकिन अनपढ़ संघियों ने इसका ये मतलब निकाल लिया कि दिग्विजय सिंह ने चचा नेहरू को एक्सपोज कर लिया है.
लेकिन हकीकत तो यही है कि जिन्ना के रकिब नेहरु च्चा को कोई एक्सपोज ही नहीं कर सकता. उन्होंने बड़े-बड़े काण्ड ऐसे किए जिसका कोई आज क्रेडिट नहीं ले सकता. उन्होंने खुलकर अपने प्रेम पत्र (Nehru Edwina Love) एडविना तक एयर इण्डिया के विमान से भिजवाए, एडविना उसका जवाब भी देती थीं और उच्चायोग का आदमी उन पत्रों को एयर इंडिया के विमान तक पहुँचाया करता था.
एडविना को भीगी पलकों से विदाई के बाद नेहरू जी रुके नहीं. एडविना ही नहीं सरोजिनी नायडू की बेटी पद्मजा नायडू (Nehru Edwina Love) के लिए भी नेहरू के दिल में सॉफ़्ट कॉर्नर था. नेहरू और पद्मजा का इश्क ‘सालों’ चला था और ये बात उन्होंने किसी से छुपाई भी नहीं. बस उन्होंने पद्मजा से शादी इसलिए नहीं की क्योंकि वो बेटी इंदिरा का दिल नहीं दुखाना चाहते थे. समझ रहे हैं आप? इतना बड़ा त्याग.
आखिर में चलते चलते आपको बता देता हूँ कि 1937 में नेहरू ने पद्मजा को लिखे पत्र में क्या लिखा था.
नेहरू जी ने लिखा था- “तुम 19 साल की हो… (जबकि वास्तव में पद्मजा उस समय 37 साल की थीं) तो गौर फरमाएँ नेहरू जी लिखते हैं-
“तुम 19 साल की हो और मैं 100 या उससे भी से ज़्यादा. क्या मुझे कभी पता चल पाएगा कि तुम मुझे कितना प्यार करती हो?”
एक बार और नेहरू ने पद्मजा को पत्र लिखा, जज्बातों को महसूस करने की कोशिश करिए –
“मैं तुम्हारे बारे में जानने के लिए मरा जा रहा हूँ.. मैं तुम्हें देखने, तुम्हें अपनी बाहों में लेने और तुम्हारी आँखों में देखने के लिए तड़प रहा हूँ.”
नेहरू जी ने अमेरिकी राष्ट्रपति की पत्नी से भी होली खेली थी. जैकलीन केनेडी के साथ होली खेलने की बात कम ही लोग जानते होंगे.

सीआईए के पूर्व अधिकारी और ‘जेएफके फॉरगोटेन क्राइसिसः तिब्बत, द सीआइए एंड द सिनो-इंडियन वार’ (JFK’s Forgotten Crisis. Tibet, the CIA, and the Sino-Indian War) के लेखक ब्रूस रिडेल का एक वीडियो (Nehru Edwina Love) भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था.
इस क्लिप में रिडेल पर चर्चा करते हुए खुलासा किया था कि भारत के पहले प्रधानमंत्री संयुक्त राज्य अमेरिका की तत्कालीन फर्स्ट लेडी जैकलीन कैनेडी (Jacqueline Kennedy) के इश्क़ (Nehru Edwina Love) में गिरफ्तार हो गए थे. उन्होंने ये भी खुलासा किया था कि उनकी मोहब्बत में चुपके-चुपके आँसू बहाने वाले नेहरू जी कैनेडी की तस्वीर अपनी तकिया के नीचे रख कर सोते थे.
नेहरु जी के त्याग और बलिदान के ऐसे किस्से कोई संघी आपको नहीं सुनाएगा. ये संघी जो बाल दिवस पर घर बैठे ठरकी दिवस का ट्रेंड चलाते हैं न उन्हें नेहरु जी के शौर्य और पौरुष से कुछ सीखना चाहिए. अबे बहुत हुआ ये सब ! जाओ तुम भी किसी कैनेडी – वैनेडी से इश्क लड़ाओ और नेहरु च्चा की तरह नाम कमाओ.
1 thought on “Nehru Edwina Love: नेहरु च्चा और एडविना के औसम किस्से…, जो गोदी मीडिया और संघी कभी नहीं बताएंगे…”