तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच भारत लाया गया मुंबई हमलों का दोषी तहव्वुर राणा, दिल्ली में हाई अलर्ट, स्पेशल सेल और SWAT कमांडोज तैनात

नई दिल्ली। 2008 के मुंबई आतंकी हमलों से जुड़े एक अहम आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिका से भारत लाकर दिल्ली में सुरक्षा एजेंसियों के हवाले कर दिया गया है। राणा को लेकर विशेष विमान बुधवार रात दिल्ली के पालम टेक्निकल एयरपोर्ट पर उतरा। यहां से उसे कड़ी सुरक्षा के बीच सीधे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के मुख्यालय ले जाया गया, जहां उससे पूछताछ शुरू की गई है। एयरपोर्ट से लेकर NIA कार्यालय तक सुरक्षा व्यवस्था बेहद सख्त रही।


सूत्रों के अनुसार, राणा को दिल्ली की तिहाड़ जेल के हाई सिक्योरिटी वार्ड में रखा जाएगा। जेल प्रशासन ने उसकी निगरानी को लेकर पहले ही सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी है। हालांकि, उसे किस वार्ड में और किस सुरक्षा श्रेणी में रखा जाएगा, इसका अंतिम निर्णय अदालत के निर्देश के बाद ही लिया जाएगा।

 


स्वास्थ्य जांच के बाद कोर्ट में पेशी संभव


राणा को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जा सकता है। उससे पहले उसका मेडिकल परीक्षण कराया जाएगा। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, राणा को लेकर अमेरिका से रवाना हुई टीम में NIA और रॉ (RAW) के अफसर शामिल थे, जिन्होंने प्रत्यर्पण प्रक्रिया को अंजाम दिया।


दिल्ली में हाई अलर्ट, स्पेशल सेल और SWAT कमांडोज तैनात


दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को हाई अलर्ट पर रखा गया है। एयरपोर्ट के आसपास और राणा को लाने के दौरान पूरे रूट पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) और दिल्ली पुलिस की तगड़ी सुरक्षा तैनात की गई थी। साथ ही, स्पेशल वेपन्स एंड टैक्टिक्स (SWAT) कमांडोज को भी विशेष निगरानी के लिए लगाया गया था।

 


सरकार ने नियुक्त किया विशेष सरकारी वकील


केंद्र सरकार ने इस मामले की पैरवी के लिए एडवोकेट नरेंद्र मान को स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर नियुक्त किया है। उन्हें तीन वर्षों तक या फिर मुकदमे की समाप्ति तक यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। राणा के खिलाफ कानूनी कार्यवाही को गति देने के लिए सरकार पूरी तरह सक्रिय है।


राणा ने की थी प्रत्यर्पण टालने की कोशिश


तहव्वुर राणा ने भारत प्रत्यर्पण से बचने के लिए अमेरिका की सर्वोच्च अदालत में याचिका दायर की थी, जिसमें उसने खुद को पार्किंसन रोग से पीड़ित बताते हुए भारत में प्रताड़ना की आशंका जताई थी। हालांकि, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2025 में उसकी अपील खारिज कर दी थी, जिससे भारत को उसे लाने का रास्ता साफ हो गया।


पाकिस्तान ने जताया पल्ला झाड़ने का संकेत


इस मामले में पाकिस्तान ने राणा से खुद को अलग करते हुए कहा है कि वह कनाडा का नागरिक है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने बताया कि राणा ने पिछले दो दशकों से कोई पाकिस्तानी दस्तावेज न तो नवीनीकृत कराए हैं और न ही किसी आधिकारिक दस्तावेज में अपनी नागरिकता कायम रखी है।


मुंबई हमलों में राणा की भूमिका पर अमेरिकी पुष्टि


अमेरिकी सरकार के अनुसार, डेविड हेडली ने जांच के दौरान बताया था कि तहव्वुर राणा ने ही उसे भारत में फर्जी कंपनी खोलने के लिए कागजात तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। राणा ने हेडली को भारत का वीजा लेने में भी मदद की थी। ये तथ्य ईमेल्स और अन्य दस्तावेजों के जरिए प्रमाणित हुए हैं। राणा को 2009 में अमेरिका की फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) ने गिरफ्तार किया था और वह अब तक लॉस एंजेलिस के डिटेंशन सेंटर में बंद था।


मुंबई हमला: 175 मौतें, 4 दिन चला आतंक


गौरतलब है कि 26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने मुंबई में कई जगहों पर हमला किया था। इन हमलों में 175 लोग मारे गए थे, जिनमें 9 आतंकी भी शामिल थे, और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।


गृह मंत्रालय में उच्च स्तरीय बैठक


राणा को भारत लाने की प्रक्रिया को अंतिम रूप देने से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बीच महत्वपूर्ण बैठक हुई थी। इसके बाद ही भारत सरकार ने उसे लाने की प्रक्रिया को पूरा किया।

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