
UP News: उत्तर प्रदेश के मऊ जनपद में 18 वर्ष पहले हुए गैंगरेप के मामले में कोर्ट ने सभी आरोपियों को दोषमुक्त करार दिया है। सीबीआई कोर्ट ने मऊ दंगों के दौरान दर्ज हुए गैंगरेप केस में सभी 15 नामजद आरोपियों को बरी किया है। शनिवार देर शाम लखनऊ सीबीआई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। 18 वर्ष पूर्व 14 अक्टूबर 2005 को मऊ में भरत मिलाप कार्यक्रम के दौरान दंगा भड़का था।
इस मामले में तत्कालीन विधायक मुख़्तार अंसारी पर आरोप लगा कि उसके इशारे पर मऊ (UP News) कोतवाली में गैंगरेप का फर्जी मुकदमा दर्ज कराया गया था। घटना के पांच वर्ष बाद 4 अक्टूबर 2010 को मामला सीबीआई के पास पहुंचा। सीबीआई कोर्ट में गैंगरेप के आरोप में 15 नामजद आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी। कोर्ट में बहस के दौरान गैंगरेप की शिकार नाबालिग पीड़िता का इलाज घटना के एक सप्ताह बाद व अन्य महिलाओं का घटना के डेढ़ महीने बाद मेडिकल कराया गया था।

UP News: 70 वर्ष के बुजुर्ग भी बनाए गए थे आरोपी
इस घटना में चाचा-भतीजे एवं 65-70 साल के बुजुर्गों को भी आरोपी बनाया गया था। लखनऊ सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने सुनवाई के बाद मऊ दंगे के दौरान गैंगरेप के सभी 15 आरोपियों को बरी कर दिया है।
बता दें कि साल 2005 में मऊ का काफी भीषण दंगा हुआ था। इस दंगे में लगभग एक महीने तक मऊ जलता रहा। दंगे की आग इतनी भीषण थी कि इतिहास में पहली बार रेलवे ने मऊ से अपना संचालन बंद कर दिया था।
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