प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज में एक कार्यक्रम के दौरान सनातन धर्म और उसकी प्राचीनता को लेकर जोरदार वक्तव्य दिया। उन्होंने कहा कि भारत की सनातन परंपरा न केवल दुनिया की सबसे पुरानी संस्कृति है, बल्कि इसकी तुलना किसी भी अन्य मत, मजहब या संप्रदाय से नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा, "सनातन धर्म की गहराई समुद्र से अधिक और ऊंचाई आकाश से भी अधिक है। यह हजारों वर्षों की विरासत है, जो सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दोनों रूपों में अनमोल है।"
मुख्यमंत्री ने इस दौरान महाकुंभ की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि देवासुर संग्राम के बाद अमृत की बूंदें चार प्रमुख स्थानों- प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में गिरीं। यही वजह है कि इन स्थानों पर कुंभ का आयोजन होता है। उन्होंने कुंभ मेले को भारत की आध्यात्मिक विरासत और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बताया।
योगी आदित्यनाथ ने वक्फ बोर्ड के नाम पर हो रहे जमीन कब्जे के मुद्दे पर भी कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा, "यह समझना मुश्किल है कि वक्फ बोर्ड भू-माफियाओं का बोर्ड है या कुछ और।" मुख्यमंत्री ने बताया कि उनकी सरकार ने वक्फ अधिनियम में संशोधन कर हर एक इंच जमीन की जांच शुरू कर दी है। जिन लोगों ने वक्फ के नाम पर जमीन कब्जाई है, उनसे वह जमीन वापस ली जाएगी। इन जमीनों का उपयोग गरीबों के लिए आवास, शिक्षण संस्थान और अस्पताल बनाने के लिए किया जाएगा।
उन्होंने कुंभ से संबंधित जमीनों पर किए गए दावों को भी खारिज किया और स्पष्ट संदेश दिया कि कुंभ की परंपरा वक्फ से कहीं पुरानी है। मुख्यमंत्री ने कहा, "जो लोग कुंभ की जमीन पर दावा कर रहे हैं, उन्हें अपनी खाल बचाने की कोशिश करनी चाहिए।"
विदेशी जूठन खाने वाले लोग हमें बदनाम कर रहे: योगी
मुख्यमंत्री ने उन लोगों पर भी निशाना साधा जो भारत की संस्कृति को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "विदेशी जूठन खाने वाले लोग हमें बदनाम करने में लगे हैं। ये लोग जातिवाद का जहर घोलकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकना चाहते हैं। लेकिन अब देश की जनता जागरूक हो चुकी है।"
योगी आदित्यनाथ ने जोर देकर कहा कि सनातन धर्म हमेशा शिखर पर रहा है और हिंदू एकता राष्ट्रीय एकता का पूरक है। उन्होंने इतिहास का हवाला देते हुए कहा कि जब भारतीय समाज विभाजित हुआ, तो देश कमजोर हुआ। लेकिन जब एकजुट हुआ, तो अजेय बन गया। उन्होंने कहा, "बंटोगे तो कटोगे, एक रहोगे तो नेक रहोगे।"
समाजवादी पार्टी पर बोला हमला
योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी और उसके नेताओं पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि डॉ. राम मनोहर लोहिया ने हमेशा भारतीय परंपराओं को समझने पर जोर दिया, लेकिन समाजवादी पार्टी के नेताओं ने कभी उनकी बातों को महत्व नहीं दिया। उन्होंने अयोध्या के विकास का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने अयोध्या को विकास और विरासत का केंद्र बनाया।
उन्होंने कहा, "जो लोग अयोध्या के विकास का विरोध करते थे, अब वे वहां जाने का नैतिक अधिकार भी खो चुके हैं।" योगी आदित्यनाथ ने विपक्षी दलों पर जाति और धर्म के नाम पर समाज को बांटने का आरोप लगाया और इसे भारत को कमजोर करने की साजिश बताया।
संभल में धार्मिक स्थलों पर विवाद
मुख्यमंत्री ने संभल में धार्मिक स्थलों को तोड़कर कब्जा करने की घटनाओं पर सख्त टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि संभल, जो पुराणों में श्रीहरि विष्णु के दसवें अवतार कल्कि से जुड़ा है, वहां कुछ लोगों ने धार्मिक स्थलों पर कब्जा करने की कोशिश की। लेकिन सरकार ने न्यायालय के आदेश के तहत कार्रवाई की और दंगाइयों को सख्त संदेश दिया।
धर्म परिवर्तन और घर वापसी
धर्म परिवर्तन के मुद्दे पर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति अपने मूल धर्म में लौटना चाहता है, तो यह स्वागत योग्य है। उन्होंने इसे परंपरा और धर्म के प्रति जागरूकता का संकेत बताया।
कुंभ के लिए किसी निमंत्रण की आवश्यकता नहीं
महाकुंभ की महत्ता पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह केवल धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह भारत के ज्ञान, चिंतन और सामाजिक दिशा को तय करने का अवसर भी है। उन्होंने इसे भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक बताया।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कुंभ जैसे आयोजनों में करोड़ों लोग बिना किसी निमंत्रण के आते हैं। 1942 के कुंभ मेले का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि उस समय महामना मदन मोहन मालवीय ने वायसराय को बताया था कि कुंभ के लिए किसी निमंत्रण की आवश्यकता नहीं होती, लोग पंचांग देखकर खुद ही आ जाते हैं।