पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की सख्ती, पाक सीमा पर हाई अलर्ट; पीएम मोदी ने बुलाई सर्वदलीय बैठक

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले में 28 निर्दोष पर्यटकों की मौत के बाद पूरे देश में शोक और आक्रोश का माहौल है। इस हमले के बाद भारत की संभावित जवाबी कार्रवाई को लेकर पाकिस्तान में खलबली मच गई है। खुफिया सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तानी सेना और एयरफोर्स ने रातभर आपात स्थिति के तहत सतर्कता बरती। खासकर नियंत्रण रेखा (LOC) के नजदीक के क्षेत्रों में सैन्य गतिविधियां बढ़ा दी गई हैं।

 


पाकिस्तानी आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर ने मंगलवार शाम तीनों सेनाओं के शीर्ष कमांडरों के साथ रणनीतिक बैठक की। इसके बाद कराची एयरबेस से 18 चीन निर्मित जेएफ-17 लड़ाकू विमान लाहौर और रावलपिंडी स्थित एयरबेस पर तैनात किए गए हैं। यह तैनाती भारत की ओर से संभावित स्ट्राइक की आशंका के तहत की गई है, विशेषकर POK (पाक अधिकृत कश्मीर) क्षेत्र में मौजूद आतंकियों के लॉन्च पैड को लेकर पाक सेना में बेचैनी है।

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LOC पर लगभग 740 किलोमीटर लंबी सीमा पर अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की गई है, वहीं पाकिस्तानी नेवी ने अरब सागर में सैन्य अभ्यास भी तेज कर दिए हैं। हालांकि, पाकिस्तानी खेमे में यह भी माना जा रहा है कि भारत अभी सीधी जमीनी सैन्य कार्रवाई को अंजाम नहीं देगा, लेकिन संपूर्ण सैन्य बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।

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भारत की ओर से पहलगाम हमले को लेकर प्रतिक्रिया बेहद कड़ी रही है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की सुरक्षा मामलों की समिति (CCS) की करीब ढाई घंटे लंबी बैठक हुई। इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, रक्षा मंत्री, गृहमंत्री और शीर्ष सैन्य अधिकारी शामिल हुए। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने जानकारी दी कि इस बैठक में सुरक्षा के लिहाज से पांच महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। साथ ही केंद्र सरकार ने गुरुवार को सर्वदलीय बैठक बुलाकर सभी राजनीतिक दलों को विश्वास में लेने की तैयारी की है।


इस आतंकी वारदात को लेकर देश की राजनीतिक प्रतिक्रिया भी तीव्र रही। शिवसेना (उद्धव गुट) के सांसद संजय राउत ने कहा, "यह हमला सिर्फ पर्यटकों या कश्मीर तक सीमित नहीं है, बल्कि यह संपूर्ण भारत और सरकार पर किया गया हमला है। यह संकट की घड़ी है और हमें एकजुट होकर इस पर फैसला लेना होगा। विपक्ष और सत्ताधारी पक्ष को साथ बैठकर देशहित में निर्णय करना चाहिए।"


इस बीच भारत ने पाकिस्तान के शीर्ष राजनयिक साद अहमद वराइच को दिल्ली में तलब कर 'पर्सोना नॉन ग्राटा' का नोट सौंपा है। इसका अर्थ होता है कि वह व्यक्ति अब भारत में अवांछित घोषित किया गया है और उसे एक सप्ताह के भीतर देश छोड़ना होगा। यह कदम पाकिस्तान की भूमिका पर भारत की सख्त नाराजगी को दर्शाता है।

 


दिल्ली स्थित पाकिस्तान हाई कमीशन की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। सरकार ने सतर्कता के तहत वहां अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए हैं।


कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी अमेरिका की अपनी यात्रा बीच में छोड़कर स्वदेश लौट आए हैं। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर बताया कि राहुल गांधी गुरुवार सुबह दिल्ली में होने वाली कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में खुद शामिल होंगे।

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