लखनऊ। राजधानी में पुलिस ने एक बड़े अवैध हथियार नेटवर्क का भंडाफोड़ करते हुए हकीम सलाउद्दीन नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जो न केवल अवैध असलहों की फैक्ट्री संचालित कर रहा था, बल्कि दुबई और पाकिस्तान जैसे देशों से भी उसका संपर्क था। पुलिस को उसके घर से एक लैपटॉप बरामद हुआ है, जिसमें कई चौंकाने वाले सुराग मिले हैं।
जांच में सामने आया है कि सलाउद्दीन दुबई के एक मोबाइल नंबर से रोजाना संपर्क में था। बताया जा रहा है कि इसी विदेशी नंबर से उसे हथियारों की सप्लाई के बड़े ऑर्डर मिला करते थे। इसके अलावा, उसके घर पर रहने वाले लोग किरायेदार के रूप में छिपकर हथियार निर्माण का कार्य करते थे। पुलिस ने अब तक न सिर्फ सलाउद्दीन से गहन पूछताछ की है बल्कि उसके भांजे गौश खान को भी हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, सलाउद्दीन के लैपटॉप में मिले डेटा से यह स्पष्ट हुआ है कि दुबई स्थित एक नंबर से उसे नियमित रूप से निर्देश दिए जाते थे। यही नंबर हथियारों की आपूर्ति संबंधी बड़े ऑर्डर भेजता था, जबकि छोटे ऑर्डर स्थानीय एजेंटों के जरिये आते थे। हालांकि यह भी संदेह है कि यह दुबई नंबर केवल भ्रम फैलाने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
लैपटॉप से खुलेंगे कई राज
सलाउद्दीन के घर से मिले लैपटॉप में उसके ईमेल, सोशल मीडिया संपर्क, मैसेजिंग ऐप्स पर बातचीत जैसे कई ऐसे डिजिटल सबूत मिले हैं, जो इस नेटवर्क के अन्य सहयोगियों तक पुलिस को पहुंचाने में मदद कर सकते हैं। साइबर क्राइम विशेषज्ञ इन तमाम जानकारियों को खंगाल रहे हैं और हर उस लिंक को ट्रेस कर रहे हैं, जिससे असलहा तस्करी की कड़ी जुड़ सकती है।
बैंक खातों और पैसों के ट्रांजैक्शन पर भी नजर
पुलिस अब सलाउद्दीन के मोबाइल की कॉल डिटेल्स के साथ उसके बैंक खातों की भी गहराई से जांच कर रही है। सवाल यह है कि उसे अवैध कामों के लिए फंडिंग कहां से मिल रही थी? किसने पैसा भेजा, किस खाते में आया और किस-किस ने निकाला? यही कड़ियां पूरी तस्करी रैकेट का स्वरूप स्पष्ट करेंगी।
रिश्तेदारों पर निगरानी और पूछताछ
जांच में यह भी पता चला है कि सलाउद्दीन का संपर्क पाकिस्तान और पीओके में रह रहे रिश्तेदारों से लगातार बना रहता था। पुलिस को सूचना मिली है कि उसके कई परिजन 1950 के दशक में पाकिस्तान जाकर बस गए थे। सलाउद्दीन साल में दो से तीन बार पाकिस्तान की यात्रा भी करता था, जिससे सुरक्षा एजेंसियां भी सतर्क हो गई हैं। सूत्रों के मुताबिक, वह पाकिस्तान में अपने रिश्तेदारों तक खुद हथियार देने जाता था।
शहद की आड़ में चल रही थी असलहा फैक्ट्री
हैरान कर देने वाली बात यह है कि सलाउद्दीन ने अपने अवैध धंधे को छिपाने के लिए शहद बेचने का ढोंग रच रखा था। आसपास के लोगों को यह जताया जाता था कि वह एक हकीम है जो प्राकृतिक दवाएं और शहद बेचता है। लेकिन हकीकत यह है कि उसके घर में एमपी और बिहार से आए हथियार कारीगर किरायेदार बनकर रह रहे थे और वहीं पर अवैध असलहों का निर्माण करते थे।
पुलिस रिमांड में पूछताछ से खुलेंगे और राज
पुलिस अब सलाउद्दीन की रिमांड लेने की तैयारी कर रही है ताकि उसके पाकिस्तान और पीओके से जुड़े नेटवर्क का गहराई से खुलासा किया जा सके। साथ ही उसके रिश्तेदारों, आर्थिक लेन-देन, विदेशी संपर्क और डिजिटल माध्यमों से की गई गतिविधियों का विश्लेषण कर पूरा नेटवर्क खंगाला जा रहा है।