वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ विश्वविद्यालय से सम्बद्ध श्री हरिश्चन्द्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय, वाराणसी में OBC वर्ग के छात्रों के आरक्षण में गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। छात्रों और सामाजिक संगठनों का आरोप है कि प्रवेश प्रक्रिया में आरक्षण के नियमों का पालन नहीं किया गया, जिससे OBC वर्ग के कई छात्र-छात्राएं अपने अधिकारों से वंचित रह गए। छात्रों का आरोप है कि जनरल के केटेगरी में ओबीसी के छात्रों को एडमिशन दे दिया गया। इस मामले को लेकर छात्रों ने मुख्य द्वार पर जमकर प्रदर्शन किया।
प्रवेश प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी
मिली जानकारी के अनुसार, सत्र 2024-25 के लिए प्रवेश प्रक्रिया में OBC वर्ग के छात्रों के लिए आरक्षण की नीति का सही तरीके से पालन नहीं किया गया। प्रथम वरीयता सूची के बाद जारी द्वितीय वरीयता सूची में OBC वर्ग के छात्रों को आरक्षण का लाभ नहीं दिया गया। यह कदम उच्च शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार और महामहिम राज्यपाल सचिवालय के आदेशों की स्पष्ट अवहेलना है।
लंबे समय से हो रही लापरवाही
यह कोई पहला मामला नहीं है। रिपोर्ट्स के अनुसार, महाविद्यालय में विगत कई वर्षों से OBC वर्ग के छात्रों को आरक्षण प्रदान करने में लापरवाही बरती जा रही है। छात्रों का कहना है कि प्रवेश समिति और महाविद्यालय प्रशासन की ओर से जारी प्रक्रियाओं में बार-बार आरक्षित वर्ग के अधिकारों की अनदेखी की जाती रही है।
आदेशों की अनदेखी
उत्तर प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा 2010 में जारी अधिसूचना के अनुसार, सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को प्रवेश प्रक्रिया में आरक्षण नीति का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया गया है। इसके बावजूद, श्री हरिश्चन्द्र महाविद्यालय ने इन नियमों का पालन नहीं किया।
छात्रों ने की कार्रवाई की मांग
OBC वर्ग के छात्रों ने इस लापरवाही पर नाराजगी जाहिर की है और उचित कार्रवाई की मांग की है। छात्रों ने प्राचार्य और प्रवेश समिति के खिलाफ जांच की मांग करते हुए कहा कि इस प्रकार की अनदेखी से आरक्षित वर्ग के छात्रों के अधिकारों का हनन होता है।
उच्च शिक्षा विभाग से कार्रवाई की अपील
छात्रों और सामाजिक संगठनों ने उच्च शिक्षा विभाग से मामले की जांच कराने और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि महाविद्यालय प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में ऐसी लापरवाही न हो और OBC वर्ग के छात्रों को उनके अधिकारों से वंचित न किया जाए।