लखनऊ/बलरामपुर। यूपी एटीएस ने बलरामपुर से धर्मांतरण की साजिश रचने वाले एक गहरे और खतरनाक नेटवर्क का खुलासा किया है। इस कार्रवाई में 50 हजार रुपये के इनामी और कथित पीर जमालुद्दीन उर्फ झांगुर बाबा को गिरफ्तार किया गया है। उसके साथ उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन को भी एटीएस ने धर दबोचा। दोनों के खिलाफ लखनऊ एटीएस थाने में गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है।
जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि दोनों न केवल जबरन धर्मांतरण कराते थे, बल्कि सुनियोजित तरीके से युवतियों को प्रेमजाल में फंसाकर उनकी पहचान, जाति और धर्म से खिलवाड़ करते थे। झांगुर बाबा के तार विदेशों से भी जुड़े मिले हैं — वह अब तक 40 से अधिक बार इस्लामिक देशों की यात्रा कर चुका है और उसके बैंक खातों में करीब 100 करोड़ रुपये का संदिग्ध लेनदेन सामने आया है।
धर्म परिवर्तन का बना रखा था जाति आधारित ‘रेट कार्ड’
एटीएस की जांच में चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है कि गिरोह ने लड़कियों की जातियों के हिसाब से धर्मांतरण की रकम तय कर रखी थी।
• ब्राह्मण, क्षत्रिय और सिख समुदाय की लड़कियों के लिए 15–16 लाख रुपए
• ओबीसी समुदाय की लड़कियों के लिए 10–12 लाख रुपए
• अन्य जातियों के लिए 8–10 लाख रुपए
यह रकम कथित तौर पर विदेशी फंडिंग से आती थी, जिसे धर्मांतरण और संपत्ति खरीदने में खर्च किया जाता था।
‘प्यार और पहचान’ का झांसा, फिर डर का खेल
गिरोह की रणनीति बेहद चालाकी भरी थी। मुस्लिम युवकों को पहले हिंदू नाम देकर लड़कियों से दोस्ती और प्रेम संबंध बनवाए जाते। जब संबंधों में भरोसा जम जाता, तो उन्हें झांगुर बाबा की दरगाह लाया जाता, जहां युवतियों का धर्म परिवर्तन कराया जाता था।
इस पूरी प्रक्रिया के बाद युवती को उसका नया मुस्लिम नाम थमा दिया जाता और धमकियों का दौर शुरू हो जाता। इनकार करने पर फर्जी मुकदमों, अश्लील वीडियो लीक या परिवार को नुकसान पहुंचाने की धमकी दी जाती थी।
गुंजा गुप्ता का मामला: कैसे अमित बना अलीना
गुंजा गुप्ता नाम की एक युवती का मामला इस पूरे षड्यंत्र का उदाहरण है। उसे ‘अमित’ नाम वाले युवक ने प्रेमजाल में फंसाया और फिर उसे दरगाह ले जाकर जबरन धर्मांतरण कराया गया। वहां उसका नाम ‘अलीना अंसारी’ रख दिया गया।
'शिजर-ए-तैय्यबा' से जुड़ा था बाबा
झांगुर बाबा ने ‘शिजर-ए-तैय्यबा’ नाम की एक किताब भी प्रकाशित करवाई थी, जो इस्लामिक कट्टरता और जबरन धर्म परिवर्तन के विचारों को फैलाने का माध्यम बनी। इस किताब के जरिए लड़कियों का ब्रेनवाश कर उन्हें अपने धर्म और पहचान से दूर किया जाता था।
भारी विदेश यात्राएं और करोड़ों की संपत्ति
एटीएस को जांच में पता चला है कि गिरोह के सदस्यों ने अब तक करीब 40 बार इस्लामिक देशों की यात्राएं की हैं। गिरोह के पास 40 से अधिक बैंक खाते हैं, जिनमें से कई फर्जी संस्थाओं के नाम पर खोले गए हैं। इन खातों में करीब 100 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है, जिससे लग्जरी कारें, बंगले और शोरूम खरीदे गए हैं।
इन गतिविधियों के लिए विदेशी स्रोतों से फंडिंग प्राप्त हुई और इस फंड का इस्तेमाल भारत में ‘गजवा-ए-हिंद’ जैसी सोच को बढ़ावा देने में किया जा रहा था।
झांगुर की गिरफ्तारी सिर्फ शुरुआत
हालांकि झांगुर बाबा और नसरीन की गिरफ्तारी एटीएस के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है, लेकिन यह केवल इस संगठित गिरोह की सतह भर है। एटीएस की जांच में कई अन्य नाम भी सामने आए हैं — जिनमें महबूब, पिंकी हरिजन, हाजिरा शंकर, सगीर, कथित पत्रकार एमेन रिजवी जैसे लोग शामिल हैं। इनके खिलाफ भी अभियान चलाया जा रहा है और लगातार छापेमारी की जा रही है।