वाराणसी। अवैध कफ सिरप के खरीद-फरोख्त मामले में गठित विशेष जांच टीम (SIT) अब संदिग्ध दवा फर्मों के बैंक रिकॉर्ड की गहन छानबीन करने जा रही है। टीम तीन वर्षों के बैंक स्टेटमेंट खंगालेगी, ताकि उन फर्मों की आर्थिक गतिविधियों का पता लगाया जा सके जिन पर दवा तस्करी में शामिल होने का संदेह है। जांच के दायरे में फिलहाल 50 से अधिक मेडिकल व डिस्ट्रीब्यूशन फर्मों को शामिल किया गया है।
जांच से सामने आया है कि रांची की 'शैली मेसर्स ट्रेडर्स' ने वाराणसी में 126 फर्मों को कफ सिरप सप्लाई किया था। इनमें कुछ फर्में ऐसे नामों से भी पाई गईं, जो बंद हो चुकी हैं या जिनका अस्तित्व ही संदेहास्पद है। SIT को यह भी पता चला है कि कई फर्मों के नाम पर बड़ी मात्रा में कफ सिरप बेचा गया, लेकिन मौके पर छापेमारी में वहां से एक भी बोतल बरामद नहीं हुई। SIT प्रमुख, डीसीपी क्राइम सरवणन टी. के अनुसार उन फर्मों की पहचान की जा रही है जिनके स्टॉक तो शून्य मिले लेकिन बैंक खाते में भारी लेन-देन दर्ज हैं।
गिरफ्तार भोला खोलेगा कई राज
इस मामले का मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल अभी फरार है, लेकिन उसके पिता भोला जायसवाल की गिरफ्तारी से जांच की दिशा में नई आशाएं जगी हैं। सोनभद्र पुलिस उसे ट्रांजिट रिमांड पर ले चुकी है। शुभम के करीबी लोगों से भी पूछताछ हो रही है। उसका मोबाइल बंद होने के कारण पुलिस को उसके मूवमेंट को लेकर ज्यादा जानकारी नहीं मिल रही है।
बर्खास्त सिपाही आलोक पर भी नजर
एसटीएफ पहले ही शुभम, वरुण और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर चुकी थी। अब बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह का नाम भी इस सूची में शामिल कर लिया गया है। आशंका है कि कहीं आलोक देश से भाग न जाए, इसलिए उसके खिलाफ भी कड़ा कदम उठाया गया है। बताया जा रहा है कि बढ़ती सख्ती के बीच शुभम अपने पार्टनर और परिवार के कुछ सदस्यों के साथ पहले ही दुबई भाग चुका है। जल्द ही फरार आरोपियों पर इनाम घोषित करने की तैयारी है।
2000 करोड़ का अवैध कारोबार उजागर
लखनऊ से मिली जानकारी के अनुसार इस पूरे सिंडिकेट ने बीते कुछ वर्षों में 2000 करोड़ रुपये से अधिक का अवैध कफ सिरप व्यापार किया है। शुभम जायसवाल और उसके नेटवर्क से जुड़े बैंक ट्रांजेक्शन, कंपनियों के डेटा और संपत्तियों की जांच में यह खुलासा हुआ है। यही कारण है कि एसटीएफ और ईडी, दोनों एजेंसियां मिलकर विशाल सिंह की तलाश भी कर रही हैं, जो शुभम का बेहद करीबी है और उसके साथ दुबई की यात्राएं भी कर चुका है।
वाराणसी, सोनभद्र और गाजियाबाद की पुलिस अब तक 100 से अधिक बैंक खातों और संपत्ति से जुड़े दस्तावेज खंगाल चुकी है। एजेंसियों का मानना है कि इस सिंडिकेट का अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क भी हो सकता है, जिसकी जांच तेजी से जारी है।