हरियाणा के फरीदाबाद जिले के पाली गाँव में सुरक्षा एजेंसियों ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए संदिग्ध आतंकी अब्दुल रहमान को गिरफ्तार किया है। गुजरात और हरियाणा एटीएस (एंटी टेरर स्क्वाड) की संयुक्त टीम ने रविवार (2 मार्च 2025) को छापा मारकर उसे पकड़ा। जांच में सामने आया कि अब्दुल रहमान अयोध्या के राम मंदिर पर हमले की साजिश रच रहा था। उसके पास से दो हैंड ग्रेनेड भी बरामद किए गए हैं।
शंकर नाम से छिपा था संदिग्ध आतंकी
सूत्रों के अनुसार, अब्दुल पिछले 10 महीनों से इस्लामिक स्टेट (ISKP) से जुड़ा था और ऑनलाइन ट्रेनिंग ले रहा था। खास बात यह है कि वह फरीदाबाद में ‘शंकर’ नाम से रह रहा था, जिससे किसी को उस पर शक न हो। बताया जा रहा है कि उसे आतंकी संगठन के एक हैंडलर ने दो हैंड ग्रेनेड उपलब्ध कराए थे, जिनका इस्तेमाल वह हमले के लिए करने वाला था।
मरकज से था कनेक्शन, कई शहरों में घूम चुका था अब्दुल
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब्दुल रहमान का संबंध जमात और दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज से भी था। करीब छह महीने पहले वह अयोध्या गया था, जहाँ उसने मौलाना उस्मान हजरत से संपर्क किया। इसके बाद वह दिल्ली के मरकज और विशाखापट्टनम तक गया। चार महीने तक वहाँ रहने के बाद वह दोबारा अपने गाँव लौट आया।
पुलिस को संदेह है कि दिल्ली के मरकज में रहने के दौरान अब्दुल की मुलाकात परवेज अहमद उर्फ पीके से हुई थी। पीके, जम्मू में लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों के लिए फंडिंग का काम करता था। एटीएस ने 27 फरवरी 2025 को निजामुद्दीन स्थित एक गेस्ट हाउस से पीके को गिरफ्तार किया था। उससे पूछताछ के दौरान ही अब्दुल के बारे में जानकारी मिली थी। यहीं से उसे दो हैंड ग्रेनेड भी दिए गए थे।
ISI और ISKP मॉड्यूल से जुड़ा था अब्दुल
जांच एजेंसियों का मानना है कि अब्दुल पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI और इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रोविंस (ISKP) के मॉड्यूल का हिस्सा था। यह आतंकी संगठन मुख्य रूप से अफगानिस्तान और पाकिस्तान में सक्रिय है। अब्दुल को करीब 10 महीने पहले ऑनलाइन ट्रेनिंग दी गई थी, जिसमें वीडियो कॉल के जरिए उसे हथियार चलाने और आतंकी हमले की रणनीति सिखाई गई थी।
राम मंदिर पर हमला था मुख्य टारगेट
सूत्रों के अनुसार, अब्दुल ने कई बार अयोध्या जाकर राम मंदिर की रेकी भी की थी। वह फरीदाबाद से ट्रेन के जरिए अयोध्या जाने की फिराक में था, लेकिन इससे पहले ही सुरक्षा एजेंसियों ने उसे धर दबोचा। उसकी योजना थी कि वह ग्रेनेड से हमला कर मंदिर को निशाना बनाए।
कैसे पकड़ा गया संदिग्ध आतंकी?
गुजरात और हरियाणा एटीएस की टीम ने 2 मार्च की शाम फरीदाबाद के पाली गाँव में छापा मारा। अब्दुल वहाँ ‘शंकर’ नाम से रह रहा था और एक फार्म हाउस के ट्यूबवेल वाले कमरे में छिपा था। उसके पास से दो हैंड ग्रेनेड बरामद किए गए। पूछताछ में उसने कबूला कि वह राम मंदिर पर हमले की साजिश रच रहा था।
गाँव वालों को था अब्दुल पर गर्व, माँ ने किया निर्दोष होने का दावा
अब्दुल रहमान उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले के इनायतनगर थाना क्षेत्र के मंजनाई गाँव का रहने वाला है। उसका जन्म 28 अगस्त 2005 को हुआ था। उसने 10वीं तक की पढ़ाई मनीराम यादव इंटर कॉलेज, मंजनाई से की थी। गाँव के लोग बताते हैं कि अब्दुल पाँच वक्त का नमाजी था और मजहबी गतिविधियों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेता था।
उसकी माँ यास्मीन का कहना है कि अब्दुल एक ई-रिक्शा चलाता था और घर की आमदनी में हाथ बँटाता था। परिवार के अनुसार, वह दिल की बीमारी से भी पीड़ित था और अहमदाबाद में उसका ऑपरेशन हो चुका था। अब्दुल की माँ ने दावा किया कि उसका बेटा निर्दोष है और उसे झूठे मामले में फँसाया गया है।
गाँव में छापेमारी, पुलिस को मिली अहम जानकारी
अब्दुल की गिरफ्तारी के बाद अयोध्या में भी सुरक्षा एजेंसियों ने सक्रियता बढ़ा दी है। एसटीएफ की टीम ने उसके गाँव में छापेमारी की और घर की तलाशी ली। पुलिस को वहाँ से कुछ अहम दस्तावेज और डिजिटल डिवाइसेस मिली हैं, जिनकी जाँच की जा रही है। खुफिया एजेंसियों का मानना है कि फरीदाबाद में भी आतंकी स्लीपर सेल मौजूद हो सकते हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।
फोन से मिली धार्मिक स्थलों की तस्वीरें
पुलिस को अब्दुल के मोबाइल फोन से कई धार्मिक स्थलों की तस्वीरें और वीडियो मिले हैं। बताया जा रहा है कि चार-पाँच दिन पहले उसने अपने परिवार को बताया था कि वह दिल्ली के मरकज जा रहा है, लेकिन असल में वह किसी और मकसद से निकला था।
फरीदाबाद के डबुआ थाने में इस मामले में केस दर्ज किया गया है। अब्दुल रहमान को गुजरात एटीएस अपनी हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। मामले में आगे और खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।