सोनभद्र की 400 फीट खदान में बड़ा हादसा: पहाड़ का हिस्सा ढहा, 18 मजदूर दबे; NDRF–SDRF का 14 घंटे से रेस्क्यू जारी, खदान मालिक फरार

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सोनभद्र के ओबरा क्षेत्र में स्थित राशपहरी पहाड़ी की गहरी खदान में शनिवार को बड़ा हादसा हो गया। ड्रिलिंग के दौरान अचानक पहाड़ का लगभग 100 फीट हिस्सा भरभराकर नीचे आ गिरा, जिससे करीब 18 मजदूर मलबे में दब गए। इस दुर्घटना ने पूरे इलाके में अफरा-तफरी मचा दी। घटना के तुरंत बाद राहत और बचाव कार्य शुरू किया गया, जो 14 घंटे से भी अधिक समय से जारी है।

 

प्रत्यक्षदर्शी राजू यादव ने बताया कि घटना के वक्त कृष्णा माइनिंग स्टोन की खदान में नौ कंप्रेशर मशीनें चल रही थीं और कई मजदूर काम कर रहे थे। तभी अचानक पहाड़ी का हिस्सा टूटकर गिर गया। कुछ लोग समय रहते भाग निकले, लेकिन कई मजदूर पत्थरों और मिट्टी के ढेर में समा गए। राजू ने बताया कि उसके दो सगे भाई भी इसी मलबे में दब गए हैं, जिन्हें निकालने की कोशिश जारी है।

 

हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस, फायर ब्रिगेड और जिला प्रशासन मौके पर पहुंच गया। रेस्क्यू को तेज करने के लिए बुलडोजर और क्रेन बुलाए गए। देर शाम अंधेरा बढ़ने पर आसपास लाइटिंग की व्यवस्था की गई, जिससे रात 8 बजे के बाद राहत कार्य तेज हो सका। खदान में पानी भरा होने के कारण रेस्क्यू टीम को लगातार कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

 

NDRF और SDRF की संयुक्त टीमों ने रातभर ऑपरेशन जारी रखा। अभी तक एक मजदूर के शव को बरामद किया जा चुका है। मृतक की पहचान जेब में मिले मोबाइल नंबरों की मदद से परसोई गांव निवासी राजू सिंह के रूप में हुई।

 

इस दौरान एडीजी जोन पीयूष मोर्डिया भी देर रात घटनास्थल पहुंचे और एसपी अभिषेक वर्मा से घटना की जानकारी ली। रविवार सुबह से DM बी.एन. सिंह सहित कई वरिष्ठ अधिकारी लगातार मौके पर मौजूद हैं। जिला प्रशासन ने राहत कार्य को और तेज कर दिया है।

 

इसी खदान में काम करने वाले मजदूर छोटू यादव ने बताया कि उसके दो भाईसंतोष और इंद्रजीतभी पत्थरों के नीचे दबे हुए हैं। वह स्वयं किसी तरह बचकर निकल आया, लेकिन अपने भाइयों की स्थिति को लेकर बेहद चिंतित है।

 

हादसे के बाद खदान मालिक मौके से फरार बताया जा रहा है। यह खदान मेसर्स कृष्णा माइनिंग कंपनी के नाम आवंटित थी। घटना के बाद DM ने मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए हैं।

 

क्षेत्र में बड़ी संख्या में ग्रामीण और परिजन इकट्ठा हो चुके हैं। हर कोई मलबे में फंसे अपने परिजनों की सलामती की उम्मीद में प्रशासन से लगातार जानकारी मांग रहा है। पुलिसबल की अतिरिक्त तैनाती की गई है ताकि भीड़ को नियंत्रित रखा जा सके और राहत कार्य में बाधा न आए।

 

खदान का 400 फीट गहरा होना, पानी भराव और भारी मलबाये तीनों चुनौतियां रेस्क्यू को बेहद मुश्किल बना रही हैं। फिर भी टीमें लगातार प्रयास कर रही हैं कि जल्द से जल्द सभी मजदूरों तक पहुंचा जा सके।

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