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‘मैडम जी’ के चक्कर में चली गई मास्टर साहब की जान, प्रिंसिपल समेत सात को पुलिस ने दबोचा, हत्या के लिए 50 हजार की दी थी सुपारी

दरभंगा। बिहार के दरभंगा जिले के कुशेश्वरस्थान थाना क्षेत्र में एक शिक्षक की निर्मम हत्या के मामले में पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। यह घटना 28 जनवरी को उस समय हुई जब शिक्षक रामाश्रय यादव स्कूल जा रहे थे। पुलिस ने इस मामले में स्कूल के प्रिंसिपल समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन पर हत्या की साजिश रचने और उसे अंजाम देने का आरोप है।


स्कूल जाते समय मारी गई थी गोली


प्राप्त जानकारी के अनुसार, शिक्षक रामाश्रय यादव प्राथमिक विद्यालय अदलपुर में कार्यरत थे। 28 जनवरी की सुबह वे अपनी बुलेट मोटरसाइकिल से एक महिला शिक्षिका के साथ स्कूल जा रहे थे। रास्ते में बाइक सवार अपराधियों ने उन्हें रोका और ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर उनकी हत्या कर दी। मौके पर ही उनकी मौत हो गई।

 


लव ट्रायंगल में हुई हत्या


पुलिस जांच में सामने आया कि रामाश्रय यादव और एक महिला शिक्षिका के बीच करीबी संबंध थे। इस बात से स्कूल के प्रिंसिपल रामचन्द्र पासवान नाराज थे, क्योंकि वे खुद भी उस महिला शिक्षिका को पसंद करते थे। जलन और नाराजगी में प्रिंसिपल ने अपने साथियों के साथ मिलकर रामाश्रय यादव को रास्ते से हटाने की योजना बनाई।


50 हजार रुपए की दी थी सुपारी


पुलिस के अनुसार, रामाश्रय यादव की हत्या के लिए 50 हजार रुपये की सुपारी दी गई थी। यह सुपारी हीरा यादव नामक व्यक्ति ने दी, जिसने हत्या की पूरी योजना बनाई और अपराधियों को जानकारी दी कि रामाश्रय किस समय स्कूल के लिए निकलते हैं।


हत्या को अंजाम देने के लिए अपराधियों को सहरसा और सुपौल से बुलाया गया था। इस साजिश में कुल सात आरोपी रामचन्द्र पासवान (प्रिंसिपल), हीरा यादव, रंजन यादव उर्फ निरंजन यादव, सुबोध कुमार, प्रभाकर यादव, लालो यादव  और शम्भू कुमार चौधरी शामिल थे।

 


ऐसे हुआ खुलासा


घटना के बाद स्थानीय शिक्षकों और ग्रामीणों में भारी आक्रोश फैल गया। विरोध प्रदर्शन के दबाव में पुलिस ने जांच को तेज किया। इस दौरान सहरसा से मुकेश यादव नाम के एक अपराधी को गिरफ्तार किया गया। उससे पूछताछ में यह खुलासा हुआ कि हत्या की सुपारी रंजन यादव को दी गई थी, जिसने अपने साथियों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया।


दो देसी कट्टे और चार जिंदा कारतूस भी बरामद


पुलिस ने रंजन यादव, सुबोध कुमार और प्रभाकर यादव को झाड़ाघाट गोबराही रंगेलिपुर से गिरफ्तार किया। इनके पास से दो देसी कट्टे और चार जिंदा कारतूस बरामद किए गए। पूछताछ में तीनों ने बाकी आरोपियों के नाम भी उजागर किए। इसके बाद पुलिस ने रामचन्द्र पासवान, हीरा यादव, लालो यादव और शम्भू कुमार चौधरी को भी गिरफ्तार कर लिया।


पुराना विवाद भी बना कारण


पुलिस को यह भी जानकारी मिली कि मृतक रामाश्रय यादव और विकास यादव के बीच 2022 से विवाद चल रहा था। इस बात ने भी हत्या के पीछे की रंजिश को और गहरा कर दिया था। हालांकि विकास यादव इस मामले में फिलहाल आरोपी नहीं है, लेकिन पुलिस जांच में उसके पुराने विवाद को भी ध्यान में रखा जा रहा है।

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