विंध्याचल (मिर्जापुर)/वाराणसी। प्रयागराज महाकुंभ के प्रभाव के बीच गुप्त नवरात्र की शुरुआत होते ही विंध्याचल धाम में आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा। बृहस्पतिवार को यहां मां विंध्यवासिनी के दर्शन के लिए भारी भीड़ उमड़ी, जहां 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की।
उधर, वाराणसी में भी आस्था का उत्साह चरम पर रहा। बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए करीब सवा आठ लाख भक्तों ने हाजिरी लगाई। भक्तों की लंबी कतारें लगभग दो किलोमीटर तक फैली रहीं। बाबा कालभैरव, विशालाक्षी मंदिर और माता अन्नपूर्णा मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी।
वाराणसी में तड़के 2:45 बजे मंगला आरती के बाद बाबा विश्वनाथ के दर्शन का क्रम शुरू हुआ। गेट नंबर चार की ओर से लगने वाली कतार इतनी लंबी हो गई कि यह चौक से मैदागिन चौराहे तक पहुंच गई। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए गिरजाघर से गोदौलिया जाने वाली एक लेन को वाहनों के लिए बंद कर दिया गया।
वहीं, मौनी अमावस्या से ही विंध्याचल धाम में भक्तों का तांता लगा हुआ है। गंगा स्नान के बाद मां विंध्यवासिनी के दर्शन का सिलसिला आधी रात से शुरू हुआ, जो बृहस्पतिवार देर शाम तक चलता रहा। जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने बताया कि इस दौरान 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने मां विंध्यवासिनी के दर्शन किए। श्रीविंध्य पंडा समाज के अध्यक्ष पंकज द्विवेदी के अनुसार, चैत्र और वासंतिक नवरात्र में भी इतनी बड़ी संख्या में भक्तों के आने का रिकॉर्ड नहीं बना था। यह गुप्त नवरात्र का ऐतिहासिक दिन बन गया।