पहलगाम में हुए आतंकी हमले का भारतीय सेना ने करारा जवाब देते हुए ऑपरेशन सिंदूर को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। इस संयुक्त अभियान में वायु सेना, थल सेना और नौसेना – तीनों अंगों ने समन्वित रूप से कार्रवाई की। इस मिशन के बारे में जानकारी देने के लिए दो महिला सैन्य अधिकारियों, विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी को प्रेस ब्रीफिंग की जिम्मेदारी दी गई, जो अपने आप में भारत की नारी शक्ति का प्रभावशाली संदेश था।
सेना की सशक्त छवि बनीं कर्नल सोफिया कुरैशी
कर्नल सोफिया कुरैशी का सैन्य जीवन अनुकरणीय रहा है। गुजरात के वड़ोदरा में जन्मी सोफिया ने 17 वर्ष की उम्र में ही सेना में शामिल होने का सपना देखा और 1999 में शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत भारतीय सेना में कदम रखा। सेना का वातावरण उनके लिए नया नहीं था – उनके दादा और पति दोनों ही सेना से जुड़े रहे हैं।
कर्नल सोफिया ने ऑपरेशन पराक्रम के दौरान पंजाब सीमा पर और उत्तर पूर्व के बाढ़ राहत अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास फोर्स 18 में भी हिस्सा लिया, जिसमें 18 देशों के 40 सैन्य अधिकारी शामिल थे। इस दल में वह अकेली महिला अधिकारी थीं, जो भारतीय सेना की वैश्विक उपस्थिति में नारी प्रतिनिधित्व को दर्शाता है।
वायुसेना की ऊंची उड़ान की प्रतीक हैं विंग कमांडर व्योमिका सिंह
व्योमिका सिंह, भारतीय वायुसेना की हेलीकॉप्टर पायलट, बचपन से ही उड़ान भरने का सपना देखती थीं। उनके नाम 'व्योमिका' (आकाश से जुड़ा) ने उनके सपनों को मजबूती दी। इंजीनियरिंग के बाद सेना में प्रवेश करते हुए उन्होंने चेतक और चीता हेलीकॉप्टर जैसे चुनौतीपूर्ण विमानों का संचालन किया, खासकर जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर जैसे कठिन क्षेत्रों में।
2019 में उन्हें वायुसेना की फ्लाइंग ब्रांच में स्थायी कमीशन प्राप्त हुआ। 2021 में माउंट मणिरंग पर तीनों सेनाओं के महिला पर्वतारोहण अभियान का हिस्सा बनकर उन्होंने साहस और संकल्प का परिचय दिया।