नई दिल्ली। नेशनल हाईवे पर बार-बार सफर करने वालों के लिए राहत भरी खबर है। केंद्र सरकार ने फास्टैग को लेकर एक नई व्यवस्था लागू करने की घोषणा की है। इसके तहत अब निजी नॉन-कमर्शियल वाहनों के लिए वार्षिक फास्टैग पास का विकल्प मिलेगा, जिसकी कीमत ₹3,000 तय की गई है। यह स्कीम 15 अगस्त से पूरे देश में लागू हो जाएगी।
200 ट्रिप या एक साल तक टोल फ्री यात्रा
सरकार द्वारा जारी जानकारी के अनुसार यह वार्षिक पास कार, जीप और वैन जैसे निजी वाहनों के लिए मान्य होगा। यह या तो पूरे एक साल तक वैध रहेगा या फिर 200 बार टोल प्लाजा पार करने तक — जो पहले पूरा हो जाए, वही लागू होगा। इस तरह प्रति ट्रिप टोल शुल्क औसतन ₹15 पड़ेगा, जो आम रेट की तुलना में बेहद सस्ता है।
फास्टैग यूजर्स को मिलेगी बड़ी सहूलियत
अब तक फास्टैग सिस्टम में यूजर्स को प्रति यात्रा के हिसाब से बैलेंस रिचार्ज कराना होता था या फिर मंथली पास का विकल्प चुनना पड़ता था। लेकिन अब वार्षिक पास से उन लोगों को बड़ी राहत मिलेगी, जिन्हें रोज़ या बार-बार नेशनल हाईवे से गुजरना पड़ता है। यह पास ट्रैफिक भीड़ कम करने और टोल प्रणाली को अधिक सुव्यवस्थित बनाने में मदद करेगा।
डिजिटल अप्लाई की सुविधा जल्द होगी शुरू
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) और सड़क परिवहन मंत्रालय जल्द ही एक अलग लिंक के जरिए अपने पोर्टल और "हाईवे ट्रैवल" मोबाइल एप पर इस पास के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे। प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल होगी और पास बनवाना आसान रहेगा।
स्थानीय निवासियों की परेशानी भी होगी दूर
इस योजना से सबसे ज्यादा लाभ उन लोगों को होगा, जो टोल प्लाजा के 60 किलोमीटर के दायरे में रहते हैं और अक्सर टोल चुकाना पड़ता है। खासकर दैनिक या साप्ताहिक यात्रा करने वाले लोग लंबे समय से इसकी शिकायत कर रहे थे। अब उन्हें हर बार टोल चार्ज नहीं देना पड़ेगा, जिससे समय और पैसे दोनों की बचत होगी।
यह पास कहां होगा मान्य?
इस सालाना पास को देशभर के नेशनल हाईवे टोल प्लाजा पर लागू किया जाएगा। चाहे आप दिल्ली से मुंबई का सफर करें या चेन्नई से बेंगलुरु जाएं, हर नेशनल हाईवे पर यह पास स्कैन होगा और भुगतान स्वतः हो जाएगा। हालांकि ध्यान रहे, यह सुविधा केवल नेशनल हाईवे तक सीमित रहेगी। राज्यीय राजमार्गों (स्टेट हाईवे) या नगर निगम स्तर के टोल पर यह पास मान्य नहीं होगा।
क्या है सरकार की प्लानिंग?
सरकार और NHAI इस पहल के जरिए टोल व्यवस्था को और बेहतर, पारदर्शी और तकनीकी रूप से उन्नत बनाना चाहते हैं। मुख्य उद्देश्यों में शामिल हैं:
• टोल प्लाजा पर लगने वाली लंबी कतारों को कम करना
• डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना
• वाहन चालकों और टोल कर्मियों के बीच विवादों को समाप्त करना
• स्थानीय लोगों की बार-बार भुगतान की परेशानी हल करना
• हाईवे यात्रा को तेज, सरल और तनावमुक्त बनाना
फास्टैग क्या होता है?
फास्टैग एक RFID (रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन) चिप आधारित स्टिकर होता है, जिसे वाहन के आगे के शीशे पर चिपकाया जाता है। यह वाहन के बैंक खाते या फास्टैग वॉलेट से लिंक होता है। जैसे ही वाहन टोल प्लाजा से गुजरता है, फास्टैग ऑटोमैटिक स्कैन हो जाता है और तय शुल्क खाते से कट जाता है। इससे समय की बचत के साथ ईंधन की भी बचत होती है।