
प्रयागराज। अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या ( Atiq Ashraf Murder) की चर्चा पूरे देश में है। माफिया से नेता बने अतीक की फ़िल्मी स्टाइल में गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस हत्याकांड को तब अंजाम दिया गया, जब पुलिस अतीक और अशरफ को गाड़ी से उतारकर रूटीन मेडिकल चेकअप के लिए ले जा रही थी। हमलावर मीडिया कर्मी बनकर आये, और सुरक्षा घेरा तोड़ अतीक के सिर में बाईं ओर गोली मार दी। इसके बाद अशरफ पर भी ताबड़तोड़ फायरिंग की गई। चंद सेकंड में दोनों की मौत हो गई। पुलिसकर्मी जब तक कुछ समझते, तीनों हमलवारों ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। अब शहर के बीचोबीच पुलिस सुरक्षा में हुई इतनी बड़ी घटना ने शासन और प्रशासन को कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है।
शूटर्स ने दोनों पर पहले काफी करीब से हमला किया। जिसके बाद अतीक और अशरफ को संभलने तक का मौका नहीं मिला। लिहाजा पुलिसकर्मी भी कुछ समझ नहीं पाए। कुछ सेकंड्स में घटना स्थल की स्थिति बदल गई। हमलावरों ने इस दौरान ताबड़तोड़ कई राउंड फायरिंग की, यदि पुलिस जवाबी कार्रवाई में फायरिंग कृत, तो शायद दोनों की जान बचाई जा सकती थी।
सफेदपोशों से अतीक का रिश्ता !
इस दुस्साहसिक घटना के पीछे शक की सुई सफ़ेदपोशों की ओर घुमने लगी है। चूंकि अतीक पुलिस की कस्टडी में कई राज खोल रहा था। उसने एक दिन पहले धूमनगंज थाने में पुलिस के ओर से किये गये पूछताछ में अतीक ने कई बिल्डरों और रईसों से अपने रिश्तों का खुलासा किया था। आशंका है कि राज खुलने कम डर से माफिया और उसके भाई की जान ली जा सकती है। हालांकि पुलिस इस पहलू पर अपनी पैनी नजर बनाए हुए है। अतीक ने रिमांड के दौरान कई बड़े और चौकाने वाले खुलासे किए हैं। अतीक ने पुलिस को दिए बयान में कहा है कि उसने प्रयागराज समेत यूपी के कई जिलों में अपनी काली कमाई के बल पर खड़े किए गए आर्थिक साम्राज्य में पार्टनर के तौर पर कई गणमान्यों के नाम गिनाए थे।

रेकी के बाद दिया घटना को अंजाम
जिस तरह से हमलावरों ने घटना को अंजाम दिया है, उससे साफ़ है कि इसके लिए पहले से रेकी की गई थी। मुमकिन है कि अतीक और अशरफ के अस्पताल ले जाने की खबर किसी ने पहले ही हमलावरों को दी हो। जिस तरह से हमलावर मीडिया कर्मी बनकर आए थे, उससे साफ़ स्पष्ट है कि हमलावरों को पता था कि मीडियाकर्मी बनकर आसानी से अतीक और अशरफ तक पहुंचा जा सकता है।

अतीक को मारना ही एक लक्ष्य
अतीक और अशरफ को गोली मारने वाले युवक दो दिनों से प्रयागराज के किसी होटल में रुके हुए थे। उन्होंने पुलिस को दिए बयान में भी कहा है कि अतीक की कस्टडी के बाद वे उसे मारने के लिए प्रयागराज आए थे। उन्होंने हत्या की प्लानिंग की थी। हाथ में मीडिया चैनल की आईडी लेकर वे अतीक के पास पहुंचे औरे पिस्टल निकालकर गोलियां बरसाना शुरू कर दिया। उन्होंने ताबड़तोड़ 20 राउंड फायरिंग की। जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस की जांच में पता चला है कि आरोपियों का सामान अभी होटल में ही है। वे किस होटल में रुके थे। इसकी पूछताछ की जा रही है। फ़िलहाल तीनों आरोपी पुलिस की गिरफ्त में हैं। पुलिस आवश्यक विधि कार्यवाही कर रही है।
भड़काऊ पोस्ट से बचें
अतीक और अशरफ की मौत के बाद से सोशल मीडिया पर संभावनाओं का दरबार लग गया है। एक ओर जहां लोग माफिया की मौत पर खुशियां मना रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कानून व्यवस्था पर सवाल उठाने वालों का भी तांता लगा हुआ है। पुलिस कस्टडी में हुई मौत पर लोग ढेरों सवाल उठा रहे हैं। हालांकि इस सम्बन्ध में पुलिस ने गाइडलाइन जारी की है। पुलिस ने कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए कहा है कि सोशल मीडिया पर पुलिस की टीम पैनी नजर बनाए हुए है। किसी भी प्रकार के भड़काऊ अठाव असंवैधानिक पोस्ट डालने पर पुलिस आप पर विधिक कार्यवाही कर सकती है। इसलिए ऐसे किसी भी आपत्तिजनक पोस्ट से बचें।
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