भारत ने भव्य रूप से मनाया 76वां गणतंत्र दिवस: विविधता, विकास और वीरता का दिखा उत्सव, कर्तव्य पथ पर 10 हजार अतिथि, 15 मंत्रालयों की 31 झांकियां, ‘गोल्डन इंडिया – हेरिटेज एंड डेवलपमेंट’ ने मोहा मन

नई दिल्ली। भारत ने रविवार (26 जनवरी 2025) को अपना 76वां गणतंत्र दिवस उत्साह और गर्व के साथ मनाया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राजधानी दिल्ली में तिरंगा फहराकर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। इस मौके पर उन्होंने मातृभूमि के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों को याद किया और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने देश के विभिन्न क्षेत्रों में हुई प्रगति का भी जिक्र किया।

 

 

इस वर्ष के गणतंत्र दिवस समारोह में 10,000 विशिष्ट अतिथि शामिल हुए। इन अतिथियों में पैरालंपिक खिलाड़ी, उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले सरपंच, हथकरघा कारीगर, और वन्यजीव संरक्षण कार्यकर्ता शामिल थे। परेड में 16 राज्यों और केंद्र सरकार के 15 मंत्रालयों की कुल 31 झांकियां प्रस्तुत की गईं। पहली बार तीनों सेनाओं ने मिलकर एक संयुक्त झांकी निकाली।

 


इस बार गणतंत्र दिवस की थीम ‘गोल्डन इंडिया – हेरिटेज एंड डेवलपमेंट’ रही। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो ने इस ऐतिहासिक अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। उनके साथ 352 सदस्यीय इंडोनेशियाई मार्चिंग और बैंड दल ने परेड में भाग लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परेड से पहले इंडिया गेट स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।

परेड में भारत की सामरिक शक्ति का प्रदर्शन हुआ। अत्याधुनिक हथियार प्रणाली जैसे ब्रह्मोस मिसाइल, पिनाका रॉकेट सिस्टम और आकाश एयर डिफेंस सिस्टम परेड में प्रस्तुत किए गए। डीआरडीओ की ‘प्रलय’ सामरिक मिसाइल और सेना के बैटल सर्विलांस सिस्टम ‘संजय’ को पहली बार प्रदर्शित किया गया। इसके अलावा, टी-90 भीष्म टैंक, नाग मिसाइल सिस्टम, सरथ सैन्य वाहन, और ऐरावत मोर्टार सिस्टम भी परेड का हिस्सा बने।

 


फ्लाईपास्ट में भारतीय वायुसेना के 40 विमान शामिल हुए, जिनमें सी-130जे सुपर हरक्यूलिस, सी-17 ग्लोबमास्टर और एसयू-30 लड़ाकू विमान शामिल थे। भारतीय तटरक्षक बल के तीन डोर्नियर विमानों ने भी हिस्सा लिया। वायुसेना के 22 फाइटर जेट्स ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया। सिग्नल कोर के कर्मियों ने मोटरसाइकिल पर शानदार करतब दिखाए। वहीं, 5,000 कलाकारों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से दर्शकों का मन मोह लिया।

 


दिल्ली में समारोह के दौरान छह स्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया गया। राजधानी में 70,000 से अधिक पुलिसकर्मी और अर्धसैनिक बलों की 70 कंपनियां तैनात की गईं। सुरक्षा के लिए 2,500 से अधिक सीसीटीवी कैमरों में एआई आधारित फेस रिकग्निशन फीचर लगाया गया। ड्रोन रोधी प्रणाली और छतों पर स्नाइपर तैनात रहे। परेड मार्ग पर 200 से अधिक इमारतों में प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया गया।

 


इस साल परेड में जिन 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियां शामिल हुईं, उनमें उत्तर प्रदेश की झांकी का विषय महाकुंभ था। इसमें समुद्र मंथन और अमृत कलश की सुंदर झलक पेश की गई। मध्य प्रदेश की झांकी का विषय ‘चीता – द प्राइड ऑफ इंडिया’ रहा, जिसमें कूनो नेशनल पार्क और चीतों को दर्शाया गया। चार साल बाद दिल्ली की झांकी परेड में शामिल हुई, जिसकी थीम गुणवत्तापूर्ण शिक्षा रही।

 

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