रामलला की प्राण प्रतिष्ठा और काशी विश्वनाथ धाम के पुनर्निमाण का मुहूर्त निकालने वाले पंडित गणेश्वर शास्त्री पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित, पीएम मोदी के रहे हैं प्रस्तावक

वाराणसी। शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में अपने अनमोल योगदान के लिए पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उन्होंने धार्मिक और ऐतिहासिक आयोजनों में अहम भूमिका निभाई है। अयोध्या में राम मंदिर शिलान्यास और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा जैसे पवित्र कार्यों के शुभ मुहूर्त निकालने के साथ ही, उन्होंने श्री काशी विश्वनाथ धाम के पुनर्निर्माण का मुहूर्त भी तय किया था। इसके अलावा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नामांकन का मुहूर्त निकालने और प्रस्तावक बनने का सम्मान भी उन्होंने प्राप्त किया।

 


पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ के पिता पंडित राजेश्वर शास्त्री द्रविड़ को भी उनके योगदान के लिए पद्मभूषण से अलंकृत किया गया था। उनके गुरु पट्टाभिराम शास्त्री भी इसी सम्मान से विभूषित थे। पद्मश्री मिलने पर अपनी खुशी व्यक्त करते हुए पंडित गणेश्वर शास्त्री ने कहा, "यह सब ईश्वर की कृपा है। मैंने हमेशा कर्म को प्राथमिकता दी है, न कि सम्मान को। जो भी सम्मान मिला है, वह मेरे गुरुओं और भगवान विश्वनाथ की कृपा का फल है।"

 


पंडित गणेश्वर शास्त्री का जन्म 9 दिसंबर 1958 को काशी के रामनगर में हुआ था। उन्होंने रामेश्वरम में जाकर रामसेतु की रक्षा के लिए विशेष प्रयास किए और सेतु बंधन जयवीर आग्नेय मंदिर का पता लगाकर वहां आराधना की। उन्हें जगद्गुरु रामानंदाचार्य पुरस्कार सहित कई अन्य प्रतिष्ठित सम्मान मिल चुके हैं।


रामघाट स्थित सांग्वेद विद्यालय का संचालन करने वाले पंडित शास्त्री अपनी सादगी और अनुशासन के लिए जाने जाते हैं। वे यम-नियमों का कड़ाई से पालन करते हैं, जूते-चप्पल नहीं पहनते और केवल धोती धारण करते हैं। उनका जीवन प्रेरणा का स्रोत है, जो साधना और सेवा के सिद्धांतों पर आधारित है।

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